शिप्रा नदी के पानी की तीन स्थानों पर हो रही जांच
उज्जैन, 18 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के पानी की जांच अभी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तीन स्थानों पर की जा रही है। सिंहस्थ-2028 के पूर्व पांच स्थान और इसमें जोड़े जाएंगे। उस समय शिप्रा नदी के पानी की जांच आठ स्थानों से नमूने लेकर की जाएगी।
गुरूवार को कलेक्टर रौशनकुमार सिंह ने शिप्रा शुद्धिकरण के कार्यो की समीक्षा की। बैठक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि शिप्रा नदी की वॉटर क्वालिटी की मॉनीटरिंग अभी तीन स्थानों पर होती है। पहली नदी के उपरी बहाव क्षेत्र में, दूसरी शिप्रा ब्रिज लालपुर पर और तीसरी पिपलिया राघौ स्टाप डेम पर। उन्होने बताया कि सिंहस्थ-2028 में पांच और स्थानों यथा शांति पैलेस होटल के समीप वाकणकर ब्रिज, गउघाट के पहले,नरसिंह घाट ब्रिज, ऋणमुक्तेश्वर ब्रिज और मंगलनाथ मंदिर के समीप ब्रिज के नीचे के पानी के सेम्पल लिए जाएंगे।
कलेक्टर सिंह ने बैठक में अधिकारियों से कहाकि शिप्रा नदी के किनारे जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु किसानों में जागरूकता लाएं। ताकि खेती में उपयोग आनेवाले रासायनिक कीटनाशक नदी में न मिलें और उसे प्रदूषित न करे। शिप्रा नदी का भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए भी जागरूकता फैलाएं। उन्होने नदी किनारे अतिक्रमणों को हटाने के निर्देश दिए। नगर निगम अधिकारियों को नियमित रूप से नदी किनारे भ्रमण के निर्देश दिए। कहाकि शिप्रा शुद्धिकरण के लिए नालों के पानी को ट्रीटमेंट कर उक्त जल का उपयोग औद्योगिक और पौधारोपण के कार्यों में करने की कार्ययोजना बनाएं। नदी के तटों पर स्नान करने वाले नागरिकों के द्वारा घाट पर फेंके गए कपडें,चप्पल, प्लास्टिक बोटल और सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे के निष्पादन पर विशेष ध्यान दें। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को जागरुक करने के लिए आवश्यक संकेतक, शिप्रा शुद्धिकरण हेतु जागरुकता बढाने के लिए रैली,नुक्कड नाटक,नदी के किनारे फलदार पौधों का रोपण पर भी चर्चा हुई। बैठक में निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा,जिला वनमंडलाधिकारी अनुराग तिवारी, स्मार्ट सिटी सीईओ संदीप शिवा भी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्वेल

