उज्जैनः माधव कॉलेज में महिला सहकारिता केंद्रित दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ

WhatsApp Channel Join Now
उज्जैनः माधव कॉलेज में महिला सहकारिता केंद्रित दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ


उज्जैन, 18 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन में शासकीय माधव कॉलेज में गुरुवार को महिला सहकारिता केंद्रित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए निगम सभापति कलावती यादव ने कहा कि आज महिलाएं बहुत मेहनत कर रही हैं। सहकारिता का डिजिटलीकरण महिला सशक्तिकरण और समावेशी विकास का एक शक्तिशाली मार्ग है। सहकारी क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को डिजिटल शिक्षा दी जानी चाहिए। डिजिटल शिक्षा अपना कर महिलाएं उद्यमिता और बेहतर बाजार तक पहुंच सकती हैं। महिलाएं पारंपरिक बाधाओं को तोडक़र आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं।

कार्यशाला की अतिथि स्वासरे महिला सेवा संघ,अहमदाबाद की समन्वयक वीणा शर्मा ने कहाकि स्वासरे महिला सेवा संघ की स्थापना 1972 में ईलाबेन भट्ट ने की थी। उनका विजन महिलाओं का संघर्ष और विकास था। वर्तमान में महिला सहकारी संस्था सेवा 18 राज्यों में 32 लाख महिलाओं के साथ काम कर रही है। महिलाओं को सहकारिता के माध्यम से आत्मनिर्भर करने का बीड़ा उठाया है। सेवा संघ बहनों की जरूरत के हिसाब से कार्य कर रहा हैं। महिलाओं द्वारा सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक घर पर कार्य किया जाता है। संस्था की महिला सदस्य डिजिटल क्षेत्र में भी आगे बढ़ रही हैं । विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने कहा कि सहकारिता का दूसरा नाम सामंजस्य है। सहकारिता हमारे देश के पुरातन में निहित रही है। सहकारिता के महापुरुष वर्गीज कुरियन ने कहा था कि सहकारिता से देश की दशा बदल सकती है।

तकनीकी सत्र को आईआईटी इन्दौर की डॉ. रुची शर्मा, डॉ. नीता तपन, डॉ. निखिल जोशी, डॉ. शेखर मैदमवार ने संबोधित किया। अध्यक्षता डॉ. दिप्ती ढबले एवं डॉ उज्ज्वला बाबर ने की। स्वागत भाषण प्राचार्य डॉ. कल्पना सिंह ने दिया। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में महिलाएं नई परिभाषा लिखने जा रही हैं। डिजिटल युग में महिलाओं की भूमिका बदलकर महत्वपूर्ण हो रही है। अर्थशास्त्र अध्ययनशाला अध्यक्ष डॉ. एसके मिश्रा ने सहकारिता के क्षेत्र को पारदर्शी बनाने की जरूरत है। कालिदास कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. वंदना गुप्ता ने कहा कि सहकारिता में डिजिटलीकरण से महिलाओं को आवश्यक रूप से जुडऩा चाहिए। इसको अपनाने से महिलाएं विश्व बाजार से जुड़ सकती हैं। रुपरेखा संयोजक डॉ. संगीता दुबे ने प्रस्तुत की। संचालन डॉ. जफर महमूद ने किया। आभार डॉ. दिनेश जोशी ने माना।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्‍वेल

Share this story