मप्र के छिंदवाड़ा में एक साथ जन्मे चार नवजात शिशुओं की मौत, मां की हालत स्थिर
छिंदवाड़ा, 23 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव में सोमवार को एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया, लेकिन दुर्भाग्यवश चारों नवजात शिशुओं की मौत हो गई। दो बच्चों ने जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही रेफर के दौरान रास्ते में दम तोड़ दिया, जबकि शेष दो बच्चों ने छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में अंतिम सांस ली। गनीमत रही कि प्रसूता की जान बच गई। उसकी हालत स्थिर है।
जानकारी के अनुसार, जुन्नारदेव तहसील के ग्राम रोरा ढेकनी माल निवासी गुनो पत्नी जगर सिंह ने सोमवार को सुबह करीब 11:30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चार बच्चों को जन्म दिया था। इनमें तीन लड़कियां और एक लड़का शामिल था। चारों बच्चों के जन्म के बाद परिवार में खुशियों का ठिकाना नहीं था, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। जन्म के कुछ ही घंटों के भीतर चारों नवजातों ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों के अनुसार, यह एक 'सुपर प्रीमैच्योर' केस था, जिसके कारण बच्चों को बचा पाना नामुमकिन साबित हुआ। गर्भावस्था के सातवें महीने में महिला की हालत गंभीर होने के चलते डॉक्टरों ने तत्काल डिलीवरी कराने का निर्णय लिया। बीएमओ डॉ. सुरेश नागवंशी और डॉ. रोमा मूलचंदानी की टीम ने सुरक्षित नॉर्मल डिलीवरी कराई।
एसएनसीयू के नोडल अधिकारी डॉ. अंशुल लाम्बा ने बताया कि अस्पताल में भर्ती कराए गए दो नवजातों में एक बालिका का वजन 600 ग्राम और एक बालक का वजन महज 350 ग्राम था। अत्यधिक कम वजन होने के कारण दोनों बच्चों के फेफड़े और अन्य अंग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाए थे। सांस लेने में परेशानी के चलते पहले बालिका ने देर रात दम तोड़ा, जबकि बालक ने मंगलवार तड़के करीब 3:30 से 4 बजे के बीच अंतिम सांस ली। नवजातों को बचाने के लिए सिविल सर्जन डॉ. सुशील दुबे, चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. पवन नादुरकर, आरएमओ डॉ. हर्षवर्धन कुढ़ापे सहित डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की पूरी टीम लगातार प्रयासरत रही, लेकिन बच्चों का वजन जीवित रहने के लिए जरूरी न्यूनतम मानक से काफी कम होने के कारण मेडिकल साइंस की कोशिशें नाकाम रहीं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

