मप्र के प्रत्येक जनजातीय विकासखण्ड में खुलेगा सांदीपनि विद्यालय : डॉ. कुंवर विजय शाह

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मप्र के प्रत्येक जनजातीय विकासखण्ड में खुलेगा सांदीपनि विद्यालय : डॉ. कुंवर विजय शाह


- जनजाति क्षेत्र के स्कूलों में होगी स्मार्ट क्लास

- 86 जनजातीय विकासखण्डों में बनेंगे कला भवन, जनजातीय कलाओं को मिलेगा जी.आई.टैग

- मंत्री डॉ. शाह ने सरकार के दो साल पूरे होने पर दी विभागीय उपलब्धियों की जानकारी

भोपाल, 30 दिसम्बर (हि.स.) । मध्य प्रदेश में आगामी तीन सालों में जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जनजातीय विकासखण्ड में सांदीपनि विद्यालय की स्थापना की जायेगी। आगामी 3 वर्षों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। अधोसंरचना, स्मार्ट क्लास, लैब एवं लाइब्रेरी सुविधाओं का उन्नयन किया जायेगा। प्रत्येक जनजातीय विकासखण्ड में एकलव्य विद्यालय, माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर और बालक आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना की जायेगी।

यह जानकारी जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने मंगलवार को 2 साल की विभागीय उपलब्धियों पर आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्‍होंने बताया कि जनजातीय श्रद्धा एवं पूजा स्थलों का उन्नयन किया जायेगा। जनजातीय समाज की सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए 86 जनजातीय विकासखण्डों में कला भवन की स्थापना की जायेगी।

जनजातीय कलाओं को जी.आई.टैग

डॉ. शाह ने कहा कि डिंडोरी जिले की गोंड पेंटिंग को जी.आई. टैग प्राप्त हुआ है। सात उत्पादों की जी.आई. टैग की प्रक्रिया प्रचलित है, जिसमें भील जनजाति के गलशन माला, बोलनी, पिथौरा चित्रशैली, झाबुआ आदिवासी गुड़िया एवं गोंड जनजाति समूह के वाद्य यंत्र बाना चिकारा तथा मुखौटा काष्ठ शिल्प शामिल हैं।

जनजातीय कैफेटेरिया

डॉ. शाह ने बताया कि गुजरात के केवड़िया में संचालित जनजातीय महिला कैफेटेरिया की तर्ज पर पचमढ़ी, मांडू, कान्हा-किसली, पेंच एवं बांधवगढ़ में कैफेटेरिया का निर्माण किया जा रहा है। जनजातीय स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कैफेटेरिया का संचालन किया जायेगा। इससे जनजातीय महिलाओं को आजीविका का साधन मिलेगा तथा जनजातीय संस्कृति का भी संरक्षण होगा।

पीएम जनमन

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान की चर्चा करते हुए डा शाह ने बताया कि 13 लाख 43 हजार से अधिक जनजातीय जनसंख्या लाभान्वित हो रही है । यह अभियान में 9 मंत्रालयों की 11 अधोसंरचनात्मक एवं 07 हितग्राही मूलक योजनाओं के माध्यम से अत्यंत पिछड़ी जनजातियों को लाभान्वित किया जा रहा है।

हितग्राही मूलक योजनाओं में पिछले 02 वर्षों में 1099125 आधार कार्ड, 596931 जनधन बैंक खाता, 723236 आयुष्मान भारत, 1001220 जाति प्रमाण पत्र, 59455 किमान क्रेडिट कार्ड, 88899 पीएम किसान सम्मन निधि और 301964 राशन कार्ड बनाए गए।

पी एम आवास

डॉ. शाह ने बताया कि अब तक 1 लाख 30 हजार से अधिक मकान पूर्ण कर लिए गए है। ऑन-ग्रिड बिजली के माध्यम से 26 हजार 810 से अधिक घरों में बिजली प्रदाय की गई है। ऑफ-ग्रिड सोलर विद्युतीकरण के माध्यम से 1 हजार 122 घरों में बिजली प्रदाय की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 237 कि.मी. सड़कों का निर्माण कर लिया गया है। उन्होने बताया कि 125 बहुउद्देशीय केंद्र स्वीकृत किये गये है। अब तक 49 भवनों का निर्माण पूरा कर लिया गया है और 217 आंगनवाडियों के निर्माण कार्य चल रहे हैं।

मोबाइल कनेक्टिविटी के अंतर्गत 157 बसाहटों में 137 टावर स्वीकृत किए गए है, जिसमें से 46 टावर ऑन-एयर कर दिए गए है। हर घर नल से जल में 1 हजार 838 ग्रामों में कार्य पूर्ण कर 8 लाख 63 हजार परिवारों को हर घर नल से जल की सुविधा प्रदान की गई है। उन्होने बताया कि 58 वन धन विकास केन्द्रों का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है। 106 छात्रावास भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित की गई है।

जनजातीय होमस्टे

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में 18 लाख 58 हजार जनजातीय परिवारों को लाभ मिल रहा है। स्वदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने 14 ग्रामों में 86 जनजातीय होमस्टे बनाए जा रहे हैं। जनजाति वर्ग के व्यवसायियों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए चार ट्राइबल मल्टीपरपज मार्केटिंग सेंटर स्वीकृत किए गए हैं।

जनजातीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए जनजातीय सांस्कृतिक केन्द्रों की स्थापना की जा रही है। मंडला में बैगा सांस्कृतिक केन्द्र , छिंदवाड़ा में भारिया सांस्कृतिक केन्द्र, श्योपुर में सहरिया सांस्कृतिक केन्द्र और धार में भील सांस्कृतिक केन्द्र स्थापित किए जा रहे है।

आदि कर्मयोगी अभियान

जनजातीय कार्य मंत्री ने बताया कि विकसित मध्यप्रदेश के लिए 3 लाख प्रतिबद्ध लीडर (आदि कर्मयोगी, आदि साथी एवं आदि महयोगी) तैयार किये गये हैं और 13 हजार 390 विलेज एक्शन प्लान तैयार कर जिलों द्वारा भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड किये जा चुके हैं । इसके अलावा 13 हजार 254 आदि सेवा केन्द्र स्थापित किये गये हैं।

आदि वाणी एप

भारत सरकार एवं आईआईटी दिल्ली के सहयोग से भीली बोली के लिए 'आदि वाणी' एप का निर्माण किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत भीली से हिन्दी एवं हिन्दी से भीली अनुवाद उपलब्ध होगा। आहार अनुदान योजना में विशेष पिछड़ी जनजात‍ि बैगा, भारिया, सहरिया परिवारों की महिला मुखिया को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए 1500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं। विभागीय योजनाओं की जानकारी सरलता से उपलब्ध कराने के लिए शालिनी एप विकसित किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत

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