श्योपुरः अवैध कॉलोनियों को लेकर प्रशासन का सख्त रूख

WhatsApp Channel Join Now
श्योपुरः अवैध कॉलोनियों को लेकर प्रशासन का सख्त रूख


श्योपुर, 23 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में कलेक्टर अर्पित वर्मा ने अवैध कॉलोनियों को लेकर सख्त रूख अपनाया है। मंगलवार को हुई अवैध कॉलोनियों की कार्यवाही के बाद ओर भी कई मामले संज्ञान में आने पर प्रशासन ने कडा रूख अपनाते हुए जांच दल गठित करने की कार्यवाही की है, साथ ही लोगों से अपील की है कि अवैध कॉलोनियों में प्लाट की खरीद फरोख्त से बचे, इसके लिए मार्गदर्शन हेतु कॉलोनी सेल बनाने की प्रक्रिया भी की जारी है।

कलेक्टर अर्पित वर्मा द्वारा दिये गये निर्देशो के क्रम में मंगलवार को की गई कार्यवाही के उपरांत तहसीलदार द्वारा अवैध कॉलोनी के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया कि सलापुरा नहर के नजदीक खाटू श्याम मंदिर के पास स्थित कस्बा श्योपुर की भूमि सर्वे क्रमांक 410 रकबा 0.460 हे., 418 रकबा 0.115 हे., 420 रकबा 0.240 हे., 424 रकबा 0.502 है. कुल किता 4 कुल रकबा 1.3170 हे. वर्तमान में राजस्व अभिलेख में गिर्राज गुप्ता पुत्र स्व. बाबूलाल गुप्ता चिंताहरण हनुमान मंदिर नहर के पास वार्ड नं. 10 श्योपुर के नाम एवं 413 रकबा 0.876 हे., 419 रकबा 0.366 है., 421 रकबा 0.052 है. 422 रकबा 0.481 है., 423 रकबा 0.063 है., एवं 425 रकबा 0.314 कुल किता 06 कुल रकबा 2.152 हे. जो वर्तमान अभिलेख में श्याम कुमार गर्ग, रामबाबू गर्ग एवं कृष्ण कुमार गर्ग पुत्रगण केदार प्रसाद गर्ग जाति वैश्य निवासीगण मार्गा कॉलोनी बायपास रोड पर समान भाग पर भूमिस्वामी स्वत्व पर दर्ज है।

उक्त भूमि पर भूमिस्वामी द्वारा मौके पर वर्तमान में डब्ल्यूबीएम रोड बनाकर कॉलोनी विकसित की जा रही है। इस मामले में जांच समिति का गठन किया गया है, समिति में एसडीएम गगन मीणा, डिप्टी कलेक्टर संजय जैन एवं विजय शाक्य, तहसीलदार मनीषा मिश्रा, उप पंजीयक स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन श्योपुर सौरव शाक्य, राजस्व निरीक्षक दिव्यराज धाकड़, पटवारी पुरूषोत्तम राठौर शामिल है। उक्त समिति तीन दिवस में जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी। कलेक्टर अर्पित वर्मा ने लोगों से अपील की है कि गिर्राज गुप्ता कॉलोनाइजर द्वारा यदि अन्य स्थानों पर भी कॉलोनी विकसित की गई है तो जांच पडताल के बाद ही प्लाट का क्रय-विक्रय किया जायें।

यह रहेंगे जांच के बिन्दु,

कॉलोनियों पर कार्यवाही करते हुए जांच दल गठित किया गया है, जो जांच करेंगा कि उपरोक्त भूमि कब और कैसे किसके नाम रही है, यह भूमि पूर्व में शासकीय पटटे एवं भूदान की तो नहीं रही है, अवैध कॉलोनी विकसित करने दौरान कितने वृक्ष काटे गये। क्या काटे गये वृक्ष निमयानुसार अनुमति प्राप्त कर काटे गये है। दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है। क्या कॉलोनी विकास की अनुमति प्राप्त किये बगैर कॉलोनी में भू खण्ड एवं डब्ल्यूबीएम रोड़ निर्मित किये गये है। क्या कॉलोनी विकास की अनुमति प्राप्त किये गये बगैर भूखण्ड विक्रय किये गये हैं तो अभी तक विक्रय किये गये भू खण्ड की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करें। अवैधानिक कॉलोनी विकसित करने वाले दोषी व्यक्ति कौन है तथा उसके विरूद्ध पुलिस प्राथमिक दर्ज कराई गई है अथवा नहीं।

इसके साथ ही निर्देश दिये गये है कि उप पंजीयक श्योपुर यह सुनिश्चित करें कि उपरोक्त सर्वे नम्बरों में क्रय-विक्रय पंजीयन भू खण्ड के रूप नहीं किया जाए। अनुविभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कॉलोनी में किसी भी प्रकार का अवैधानिक निर्माण नहीं किया जाये।

कॉलोनी सेल बनाने की प्रक्रिया जारी.

जनसुनवाई सहित अन्य माध्यमों से अवैध कॉलोनियों के मामले संज्ञान में आते रहे है, सबसे ज्यादा परेशानी आम लोगों को होती है, जो इन कॉलोनियों के प्लाट खरीद लेते है, लेकिन कॉलोनी वैद्य नही होने से उन्हें बिजली, पानी, सडक आदि की सुविधाएं नही मिल पाती है, बगैर डायर्वसन तथा अन्य अनुमतियों के नामांतरण नही हो पाते है, लोगो के मकान के लिए आवास ऋण भी नही मिलता है, ऐसे में आम नागरिको को परेशानी का सामना करना पडता है। कॉलोनी वैद्य रूप से विकसित की जाये तो नागरिक सुविधाओं का लाभ प्लाट खरीदने वालों को मिलता है। इसलिए मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट में कॉलोनी सेल बनाने की प्रक्रिया भी की जा रही है। इस सेल से किसी भी कॉलोनी में प्लाट खरीदने से पहले एनओसी प्राप्त कर सकते है तथा कॉलोनी वैद्य है या अवैध इसके संबंध में मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकता है, ताकि लोगों को भू-खण्ड खरीदने के बाद नामांतरण एवं अन्य नागरिक सुविधाओं के लिए परेशान न होना पडें।

भू-खण्ड खरीदने वालों के लिए एडवाईजरी जारी

कलेक्टर अर्पित वर्मा की ओर से श्योपुर जिले में प्लाट संपत्ति खरीदने वालो के लिए एडवाईजरी जारी की गई है कि जिस स्थान अथवा कॉलोनी में प्लाट खरीद रहे हो, तो पहले उसकी जांच पड़ताल कर लें। अवैध कालोनियों में प्लाट खरीदने से बचे, इसके साथ ही उन्होने कॉलोनाईजरो को निर्देश दिये है कि अपनी-अपनी कॉलोनी साइड पर बोर्ड लगाकर उस पर जानकारी प्रदर्शित की जायें। इस जानकारी में कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रेशन, टीएनसीपी की मंजूरी का क्रमांक, डायर्वसन तथा भूमि जिससे खरीदी गई है, उसका रजिस्ट्री क्रमांक, नाम आदि जानकारी अंकित करना होगी।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत वैष्‍णव

Share this story