सीहोरः जिले का खारी गांव बना पर्यटन का नया आकर्षण, देश-विदेश के पर्यटकों को भा रहा यहां का होम स्टे

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सीहोरः जिले का खारी गांव बना पर्यटन का नया आकर्षण, देश-विदेश के पर्यटकों को भा रहा यहां का होम स्टे


सीहोरः जिले का खारी गांव बना पर्यटन का नया आकर्षण, देश-विदेश के पर्यटकों को भा रहा यहां का होम स्टे


सीहोरः जिले का खारी गांव बना पर्यटन का नया आकर्षण, देश-विदेश के पर्यटकों को भा रहा यहां का होम स्टे


- कलेक्टर ने खारी ग्राम के होम स्टे का किया अवलोकन, संचालकों से चर्चा कर देखी व्यवस्थाएं

सीहोर, 25 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले का खारी ग्राम होमस्टे पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से अपनी अलग पहचान बना रहा है। प्राकृतिक वातावरण, ग्रामीण संस्कृति और स्थानीय आतिथ्य के कारण यह होमस्टे पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है।

सीहोर कलेक्टर बालगुरु के ने गुरुवार को खारी ग्राम स्थित होमस्टे का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने होमस्टे की व्यवस्थाओं, पर्यटकों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं एवं स्थानीय लोगों की सहभागिता की जानकारी ली। कलेक्टर ने होमस्टे संचालकों चर्चा करते हुए कहा कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता, स्वच्छता और अतिथि सत्कार पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि होमस्टे से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग तथा जिला प्रशासन द्वारा ऐसे नवाचारों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे जिले की पर्यटन संभावनाओं को और विस्तार मिल सके।

क्या है स्टे पर्यटन

दरअसल, मध्य प्रदेश को अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। अब हमारा यही प्रदेश एक नए प्रयोग से पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, जिसका नाम है होम स्टे पर्यटन। होम स्टे पर्यटन का अर्थ है कि पर्यटक किसी होटल के बजाय स्थानीय लोगों के घर में ठहरते हैं। इससे उन्हें न केवल घर जैसा वातावरण मिलता है, बल्कि वे स्थानीय संस्कृति, भोजन, लोककला और परंपराओं से प्रत्यक्ष रूप से परिचित भी हो पाते हैं।

खारी गांव होम स्टे पर्यटन के नक्शे पर

मध्य प्रदेश पर्यटन ने होम स्टे योजना की शुरुआत कर स्थानीय युवाओं और परिवारों को इस क्षेत्र से जोड़ने का प्रयास किया है। इसके तहत सीहोर जिले के खारी गांव सहित भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खजुराहो, ओरछा, मांडू, पचमढ़ी, पन्ना, कान्हा और बांधवगढ़ जैसे पर्यटन स्थलों के आस-पास तेजी से होम स्टे विकसित हो रहे हैं। सीहोर जिले का खारी गांव आज ग्रामीण होम स्टे पर्यटन का एक उदाहरण बन चुका है। यहाँ लोग अपने घरों को पर्यटकों के लिए खोल रहे हैं।

सादगी, आत्मीयता और प्राकृतिक सौंदर्य

पर्यटक यहाँ ठहरकर ग्रामीण जीवन, खेत-खलिहान, पारंपरिक खानपान और लोक संस्कृति का आनंद ले रहे हैं। कई पर्यटकों ने बताया कि खारी गांव की सादगी, आत्मीयता और प्राकृतिक सौंदर्य उन्हें पसंद आ रहा है। यही सौंदर्य अब विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। गाँव की महिलाएं अपने पारंपरिक व्यंजन जैसे दाल-बाटी, मिठाई, चाय और पारंपरिक व्यंजन परोसकर पर्यटकों का स्वागत करती हैं। गांव के युवा गाइड बनकर गाँव की कहानी, खेती-किसानी की जानकारी और लोकगीतों का अनुभव कराते हैं।

स्थानीय रोजगार को बढ़ावा और संस्कृति का प्रचार

होमस्टे पर्यटन से खारी गांव में स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिला रहा है और यहां के परिवारों को आय का स्रोत मिला गया है। होम स्टे पर्यटन स्थानीय स्तर पर रोजगार तो उपलब्ध करा ही रहा है, बल्कि यह हमारी और हमारे प्रदेश की सांस्कृति का संरक्षण और प्रचार भी कर रहा है। हमारी लोककला, संगीत, नृत्य और पारंपरिक खानपान को नई पहचान मिल रही है।

बड़े होटलों के मुकाबले सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल

होम स्टे मॉडल बड़े होटलों के मुकाबले पर्यावरण के अनुकूल है और महिलाएँ एवं युवा आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। आज मध्य प्रदेश में होम स्टे पर्यटन एक सफलता की कहानी बन चुका है। यह न केवल पर्यटन उद्योग को नई दिशा दे रहा है, बल्कि गाँव-गाँव में आर्थिक सशक्तिकरण के साथ ही हमारी प्राचीन गौरवशाली सांस्कृति को देश-दुनियां के सामने प्रस्तुत भी कर रहा है। विशेष रूप से सीहोर का खारी गांव इस बात का प्रमाण है कि यदि सही दिशा और अवसर मिले तो छोटा सा गाँव भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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