मप्र के सम्राट विक्रमादित्य विवि के 2 विद्यार्थी 12 जनवरी को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष देंगे प्रस्तुति
- विश्वविद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवकों का राष्ट्रीय स्तर पर चयन
भोपाल, 27 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित सम्राट् विक्रमादित्य विश्वविद्यालय परिक्षेत्र की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाइयों के दो स्वयंसेवकों का चयन विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग – 2026 में हुआ है। दोनों विद्यार्थी आगामी 12 जनवरी को नईदिल्ली के भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष अपनी प्रस्तुति देंगे।
यह जानकारी शनिवार को राष्ट्रीय सेवा योजना विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के समन्वयक डॉ. शेखर मैदमवार ने दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के स्वयंसेवकों ने पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट उपलब्धि अर्जित कर विश्वविद्यालय एवं मध्य प्रदेश को गौरवान्वित किया है।
डॉ. मैदमवार ने बताया कि एनएसएस की ओपन इकाई के स्वयंसेवक संस्कार चौरसिया (एम.ए. योग) ने “फिट भारत–हिट भारत” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया, जबकि विश्वविद्यालय से संबद्ध भगत सिंह शासकीय महाविद्यालय, जावरा के स्वयंसेवक निशित सिंह श्रीमाल का चयन “विकसित भारत के लिए भारत की सॉफ्ट पावर : सांस्कृतिक कूटनीति और वैश्विक प्रभाव” विषय पर हुआ है।
उन्होंने बताया कि दोनों स्वयंसेवक 12 जनवरी 2026 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग–2026 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत करने मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
कार्य परिषद के वरिष्ठ सदस्य राजेश सिंह कुशवाह विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की इस उपलब्धि को शैक्षणिक एवं नैतिक परंपरा का सशक्त प्रमाण बताया।
सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. अर्पण भारद्वाज एवं कुलसचिव डॉ.अनिल कुमार शर्मा ने स्वयंसेवकों को हार्दिक बधाई देते हुए इसे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय बताया। वहीं ओपन इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रमन सिंह सोलंकी ने इस उपलब्धि को एनएसएस द्वारा युवाओं में नेतृत्व एवं विचार क्षमता विकसित करने के प्रयासों का परिणाम कहा।
चयनित विद्यार्थी संस्कार चौरसिया ने कहा कि फिट भारत–हिट भारत केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य नहीं, बल्कि एक सशक्त एवं उत्पादक राष्ट्र की आधारशिला है। वहीं निशित सिंह श्रीमाल ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और मूल्य हमारी वैश्विक पहचान की सबसे बड़ी शक्ति हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

