अनूपपुर: जिले में स्वास्थ्य के नाम पर खर्च 78 करोड रुपये, फिर भी स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर - कांग्रेस

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अनूपपुर: जिले में स्वास्थ्य के नाम पर खर्च 78 करोड रुपये, फिर भी स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर - कांग्रेस


अनूपपुर, 16 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की जिला कांग्रेस कार्यालय में मंगलवार को कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता एवं अनूपपुर जिले के मीडिया प्रभारी शहरयार खान ने भाजपा सरकार के 2 वर्षों के कार्यकाल को लेकर पत्रकार वार्ता में मध्य प्रदेशसरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में योजनाओं के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। अनूपपुर में स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है और जिला चिकित्सालय के साथ ही प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर केंद्र बनकर रह गए हैं। पिछले दो वर्षों में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर अनूपपुर जिले के लिए 78 करोड रुपए स्वास्थ्य के नाम पर खर्च की गई है।

मीडिया प्रभारी खान ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए डेढ़ सौ किलोमीटर दूर रेफर किया जा रहा है। स्वास्थ्य केंद्र पर करोड़ों खर्च किए गए लेकिन परिणाम शून्य है। पुष्पराजगढ़ कोतमा तथा जैतहरी में कुपोषण की औसत से अधिक है आंगनबाड़ी केंद्र में पोषण आहार की गुणवत्ता और वितरण संदिग्ध है गर्भवती महिलाएं और बच्चे योजनाओं से वंचितहैं। सरकार एक और उत्सव मना रही है वहीं आदिवासी बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर अनूपपुर जिले के लिए 78 करोड रुपए स्वास्थ्य के नाम पर खर्च की गई है। जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 30 से 40 करोड़, जिला राज्य स्वास्थ्य मंत्री से 24 करोड़ आयुष्मान में 10 से 14 करोड़ कल 60 से 78 करोड रुपए जिले में खर्च की गई है किंतु नतीजा सामने है। इसी तरह शिक्षा के लिए स्कूल तो है लेकिन शिक्षक नहीं है जिले के कई सरकारी स्कूल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं। रोजगार न मिलने के कारण युवा पलायन को मजबूर हो रहे हैं, इसके साथ ही जिले में बेखौफ अवैध उत्खनन किया जा रहा है, जहां रेत कोयला तथा अन्य खनिज प्रशासनिक संरक्षण में दोहन हो रहा है। किसानों को फसल विक्रय के बाद भुगतान नहीं मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में सड़क पूरी तरह से जर्जर हैं एवं वन भूमि क्षेत्र में आदिवासियों को पट्टा वितरण का कार्य भी नहीं हो रहा है, जिससे आदिवासियों को अपने ही जंगल से अतिक्रमण के नाम पर भगाया जा रहा है।

उन्होंने जिला प्रशासन से सवाल किया कि खनिज संपन्न जिला क्या सिर्फ राजस्व की प्राप्ति के लिए और वोट बैंक के लिए है यहां के स्वास्थ्य शिक्षा और अवैध खनन माफियाओं पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है। इसके साथ ही जिला मुख्यालय में ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य बीते 9 वर्षों में भी पूरा नहीं हो पाया जिसके कारण लोगों को 3 किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा है।

पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष रमेश सिंह ने कहा कि भाजपा के दो वर्ष के कार्यकाल में पूरा जिला मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, भ्रष्टाचार का बोलबाला है यहां रेत,शराब, जमीन माफिया हावी है जिसके लिए हम प्रशासन से श्वेत पत्र की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि अनूपपुर जिला चिकित्सालय एक रेफरल सेंटर बनकर रह गया है यहां किसी मरीज को उचित इलाज नहीं मिलता है,चिकित्सा और सुविधा की कमी सबसे बड़ा कारण है। जिससे इस आदिवासी अंचल के लोगों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह शिक्षा भी भर्रेशाही हावी है। जिले में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन प्रशासन के नाक के नीचे चल रहा है लेकिन इस पर कोई रोक लगाने वाला नहीं है। सोन नदी का सीन रेत माफिया छलनी कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा सरकार पर वोट खरीदकर सरकार बनने का अरोप लगाते हुए कहा कि इसके बाद मनमाने ढंग से सरकार चलती है। इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुड्डू चौहान ने भी जिले में अदाणी कंपनी पर भी कई आरोप लगाये।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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