मप्र पुलिस की सायबर अपराधियों पर सख़्त कार्रवाई, 10 दिनों में कई बड़ी वारदातों का खुलासा
भोपाल, 24 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा सायबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रदेशभर में सतत अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में ग्वालियर में सायबर क्राइम विंग द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए म्यूल बैंक खातों की खरीद–फरोख्त करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। इसके साथ ही नीमच, छिंदवाड़ा, बैतूल सहित अन्य जिलों में भी मनीलॉड्रिंग, खाते खरीदकर ठगी, 'डिजिटल अरेस्ट, करंट अकाउंट खुलवाकर ठगी जैसे सायबर अपराधों पर भी प्रभावी कार्रवाई की है।
ग्वालियर – म्यूल अकाउंट नेटवर्क का खुलासा
पुलिस मुख्यालय द्वारा बुधवार को जानकारी दी गई कि ग्वालियर सायबर क्राइम विंग ने सायबरफ्रॉड के लिए म्यूल बैंक खाते खरीदने–बेचने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मास्टरमाइंड सहित कुल 07 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में एक एमपी ऑनलाइन कियोस्क संचालक की संलिप्तता भी सामने आई है।
मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी कि नया बाजार क्षेत्र में म्यूल खाते सायबरफ्रॉड के लिए खोले जा रहे हैं। सूचना की तस्दीक के उपरांत सायबर क्राइम विंग ने तत्काल दबिश देकर बाबा महाकाल ऑनलाइन कियोस्क संचालक के यहां कार्रवाई की। जांच में पाया गया कि कियोस्क के माध्यम से खोले गए अधिकांश बैंक खाते देश के विभिन्न राज्यों में दर्ज सायबरफ्रॉड मामलों से जुड़े हुए हैं।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि सायबर ठगी की राशि को क्रिप्टो करेंसी (USDT) में परिवर्तित कर नाइजीरिया एवं चीन तक भेजा जाता था। आरोपियों के मोबाइल चैट्स में अंतरराष्ट्रीय सायबर अपराधियों से संपर्क के प्रमाण मिले हैं। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि सैकड़ों म्यूल खाते इस नेटवर्क के माध्यम से सायबरफ्रॉड में उपयोग किए गए हैं।मौके से पुलिस ने 84 एटीएम कार्ड, 09 मोबाइल फोनजब्त किए हैं।
नीमच: 7 मिनट में बचाए बुजुर्ग दंपत्ति के 60 लाख रुपये
पुलिस मुख्यालय द्वारा जानकारी दी गई कि नीमच साइबर सेल ने तत्परता दिखाते हुए 'डिजिटल अरेस्ट' का शिकार हुए एक बुजुर्ग दंपत्ति को मात्र 7 मिनट में रेस्क्यू किया। ठग खुद को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बताकर मनीलॉन्ड्रिंग के नाम पर डरा रहे थे और 60 लाख रुपये ट्रांसफर करवाने ही वाले थे कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें बचा लिया।
देवास: ऑपरेशन सायबर में 7.5 करोड़ के ट्रांजैक्शन का खुलासा
इसी तरह देवास पुलिस ने स्थानीय लोगों के खाते खरीदकर ठगी में इस्तेमाल करने वाले 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया। मात्र 3 महीने में 78 बैंक खातों के जरिए करीब 7.5 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेन-देन पकड़ा गया। ये आरोपी भी डिजिटल करेंसी में राशि परिवर्तित करते थे।
बैतूल: 10 करोड़ का सट्टा और फ्रॉड नेटवर्क ध्वस्त
बैतूल पुलिस ने फर्जी फर्मों के नाम पर करंट अकाउंट खुलवाकर सट्टा और ठगी का पैसा एक अकांउट से दूसरे अकांउट में पहुंचाने वाले नेटवर्क को तोड़ा। जांच में एक ही खाते से 7 महीने में 10 करोड़ से अधिक का ट्रांजैक्शन पाया गया। पुलिस ने अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें फर्जी सिमसप्लायर भी शामिल हैं।
छिंदवाड़ा: एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाला गिरफ्तार
एटीएम कार्ड बदलकर बुजुर्गों के खाते से पैसे निकालने वाले एक शातिर अपराधी को देहात पुलिस ने पकड़ा।
उज्जैन:'ऑपरेशन FAST' के तहत महाकाल पुलिस ने फर्जी सिम सप्लाई करने वाले 10 हजार के इनामी आरोपी उबेद कुरैशी को गिरफ्तार किया। मध्य प्रदेश पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी व्यक्ति को अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड, ओटीपी, चेकबुक या सिम कार्ड का उपयोग नहीं करने दें। कमीशन के लालच में खाता उपलब्ध कराना स्वयं एक गंभीर अपराध है, जिसमें खाताधारक भी दंड का भागी बन सकता है। 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी धमकियों से ना डरें। पुलिस कभी भी वीडियो कॉल पर पूछताछ या गिरफ्तारी नहीं करती। किसी भी साइबर ठगी की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाना अथवा टोल फ्री नंबर 1930 पर देवें ताकि तत्काल कार्यवाही की जा सकें।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

