मप्रः अमिताभ बच्चन नागदा की गलत जानकारी देने पर सोशल मीडिया पर ट्रोल

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मप्रः अमिताभ बच्चन नागदा की गलत जानकारी देने पर सोशल मीडिया पर ट्रोल


नागदा, 24 दिसंबर (हिंस)। अमिताभ बच्चन बीती रात 23 दिसंबर को सोनी टीवी पर प्रसारित कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम में उज्जैन जिले में स्थित नागदा के बारे में कथित झूठी और भ्रामक जानकारियां देने पर सोशल मीडिया पर ट्रोल के शिकार हुए। लोग सवाल उठा रहे हैं कि महानायक ने जनता को भ्रमित किया है। कई ऐसी जानकारियां दी गई जोकि तथ्यों से परे जो जनता के गले नहीं उतर रही है।

गत रात लगभग 10 बजे प्रसारित इस कार्यक्रम में अमिताभ ने बताया कि मप्र के मालवा क्षेत्र में एक छोटा सा गांव नागदा है। अनिश्चित बारिश और जल स्तर गिरने से यह गांव पानी की किल्लत से जूझ रहा था। इस किल्लत को दूर करने चंबल नदी पर आदित्य बिड़लाग्रुप के ग्रेसिम ने बांध बनाए। नए आरो सिस्टम भी बनाए। यह बताया गया कि 5 हजार हैक्टर क्षेत्र में खेतों में सिंचाई हो रही है। लगभग 9 हजार परिवार के 3 लाख लाख लाभान्वित हो रहे हैं। यह भी बताया ग्रेसिम ने जनसेवा ट्रस्ट का यहां हास्पिटल बनाया जिसमें एक लाख 4 हजार मरीजों को प्रतिवर्ष उपचार हो रहा है।

सोशल मीडिया पर ये सवाल

सवाल उठ रहे है नागदा एक छोटा सा गांव नहीं है। इसको जिला बनाने के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है। कमलनाथ सरकार में 2020 में इसे जिला बनाने के लिए मंत्रिमंडल में प्रस्ताव परित किया था। बाद में दावे- आपतियां भी भाजपा सरकार में आमंत्रित हो चुकी है। पिछली जनगणना 2011 में इसकी आबादी एक लाख 39 सामने आई है। लगभग 14 वर्ष के अंतराल कें बाद यह जनसंख्या अब लगभग एक लाख 30 हजार तक पहुंच गई। मीडिया पर यह बात भी उठाई जा रही कि यह शहर तो चंबल नदी के किनारे बसा हुआ है। कभी अनिश्चित बारिश नहीं हुई और कभी भी पानी की किल्लत से इस शहर के लोगों को नहीं जूझना पड़ा। जनता यह सवाल उठा रही हैकि बिड़ला कंपनी जो बांध बनाए है वे किसानों की सिचाई के लिए नहीं बल्कि स्वंय का उद्योग चलना के लिए बनाए है। जहां तक 5 हजार हैक्टर भूमि पर बारह महिनों सिंचाई की बात है। इस क्षेत्र में इतना रकबा ही खेती का नहीं है। फिर किसानों को इन बांधों से पानी लेने पर प्रशासन प्रतिवर्ष मई माह में पेयजल परीक्षण अधिनियम के तहत रोक लगाता है। प्रतिवर्ष किसानों की विधुत मोटरे बंद जप्त कर ली जाती है। अमिताभ बता रहे है सिचांई से 9 हजार परिवार के साथ 3 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इतने लोग लाभान्वित होना मतलब एक परिवार में औसतन 40 लोग है। यह बात लोगों को गले नहीं उतर रही हे। ग्रेसिम जनसेवा चिकित्सालय में उपचार के लिए जनता से पैसा लिया जाता है।

जल प्रदूषण से प्रभावित 24 गांव

सवाल हैकि पूजीपतियों के प्रभाव में महानायक ने इस प्रकार ग्रेसिम का गुणगान किया है। जबकि बिड़ला कंपनी के इस उद्योग में खतरनाक सीएसटू गैस के कारण किसानों की सैकड़ो हैक्टर भूमि बंजर हो चुकी है। आसपास के गांव अजीमा बाद पारदी , भाटीसुड़ा परमार खेड़ी आदि में हैडपंपों से उद्योग के कारण ऐसिड युक्त पानी निकलता है।विधानसभा में कई बार यह सवाल उठा है। यह प्रमाण भी हैकि अमिताभ गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने की बात कर रहे है इस क्षेत्र के 24 गांवों को प्रदूषण से प्रभावित शासन ने घोषित किया है। इन गांवों के लोग चंबल का पानी नहीं पी सकते है इसलिए सरकार ने 22 करोड़ की विशेष योजना पेयजल के लिए उपलब्ध कराई है।

2001 को किसान आंदोलन

कृषक और गांव भाटीसुड़ा के पूर्व संरपच मनोहर भारतीय का कहना है यह बात गलत हैकि किसानों के हितों के लिए ग्रेसिम ने बांध बनाए। किसानों को चंबल नदी से पानी लेने से रोका जाता है। विधुत मोटरे जप्त की जाती है। इस कारण में मेरी अगुवाई में 13 नवंबर 2001 को किसानों ने बड़ा अंादोलन किया था। किसानों ने यह मामला उठाया थाकि हमें नदी से पानी लेने से रोका जा रहा है। हमारे मवेशी भूखे मर रहे है। लगभग 2 हजार मवेशी लेकर आसपास के 40 गांवों के किसानों ने भाग लिया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / कैलाश सनोलिया

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