मप्रः एमएसएमई मंत्री काश्यप ने की विभागीय योजनाओं की समीक्षा
- हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार या स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए तत्काल नीति बनाने के निर्देश
भोपाल, 1 जनवरी (हि.स.)। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री चेतन काश्यप ने सोमवार को मंत्रालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी यानी संकल्प 2023 के तहत हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार या स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए स्वरोजगार योजना तत्काल नीति बनाने और लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने अगले 5 वर्ष में 10 हजार नए स्टार्टअप शुरू करने के साथ ही सूक्ष्म उद्योगों का बढ़ावा देने के लिए उद्यम क्रांति जैसी स्वरोजगार योजनाओं का दायरा बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
मंत्री काश्यप ने बैठक में विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर संकल्प पत्र के बिंदुओं पर अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने आगामी एक दो माह में कुछ बेहतर क्लस्टर प्रारंभ करने पर काम करने के लिए कहा। उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के लिए प्रदेश की भूमि आवंटन की प्रक्रिया को और भी प्रभावी तथा पारदर्शी बनाने पर जोर दिया।
बैठक में प्रधानमंत्री के नव उद्यमियों और उनके आइडियाज को अमलीजामा पहनाने पर विशेष चर्चा हुई। आगामी 16 जनवरी को स्टार्टअप दिवस पर सभी हितधारकों के सम्मेलन में प्रदेश के स्टार्टअप सेक्टर को देश में अग्रणी बनाने के लिए विमर्श कर सशक्त नीति बनाने का निर्णय लिया गया है। मंत्री काश्यप ने प्रदेश में चल रहे 36 सौ से अधिक स्टार्टअप के क्रियाकलापों की जानकारी भी ली। उन्होंने रोजगार दिवस कार्यक्रम प्रत्येक माह आयोजित करने पर जोर दिया। उल्लेखनीय है वर्ष 2021-22 से प्रारंभ हुए रोजगार दिवस कार्यक्रमों से अब तक लगभग 58 लाख व्यक्तियों को विभिन्न स्वरोजगार योजनाओ के तहत 39 हजार करोड़ रुपए से अधिक की ऋण राशि उपलब्ध करवाई गई है।
मंत्री काश्यप ने कहा कि लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए संवर्धन बोर्ड को और सशक्त बनाया जायेगा।उन्होंने भंडार क्रय नियमों में और सुधार के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए। उन्होंने मध्यप्रदेश की सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्यम फेसिलेटेशन काउंसिल के क्रेता और विक्रेता के भुगतान संबंधी विवादो के निपटारे की प्रक्रिया की तारीफ भी की।
एमएसएमई मंत्री ने प्रदेश में पंजीकृत 13 शासकीय और 22 प्राइवेट कलस्टर की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए सड़क तथा बिजली को लेकर नियमो को सरलीकृत करने पर जोर दिया। उन्होंने औद्योगिक क्षेत्रों के संधारण के साथ ही संपत्ति कर की मौजूदा नीति को तर्क संगत और सरलीकृत करने की जरूरत बताई। उन्होंने स्टार्टअप के विकास के लिए प्रदेश के बेहतर इको सिस्टम को और सुसंगत बनाने के लिए कहा है। उन्होंने एक जिला-एक उत्पाद के लिए चिन्हित गतिविधियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों से फील्ड में जाकर उद्यमियों से चर्चा कर प्रदेश के उत्पादों की देश के साथ ही विदेशों में ब्रांडिंग तथा मार्केटिंग के उपाय करने के निर्देश दिए। मंत्री काश्यप ने प्रदेश सफल उद्यमियों की सफलता की कहानियों के प्रचार प्रसार के साथ ही एमएसएमई सम्मेलन का नियमित आयोजन कर उधमियों को सम्मानित करने पर बल दिया।
संकल्प पत्र के बिंदुओं पर चर्चा करते हुए मंत्री काश्यप ने एक सप्ताह की समय-सीमा निर्धारित करते हुए प्रारूप प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील और औद्योगिक विकास की प्रधानमंत्री मोदी ने गारंटी दी है और हमारा एक ही संकल्प है सभी गारंटी समय सीमा में पूरी हो। उन्होंने कहा कि 100 करोड़ के सीड फंड स्थापित करने की तत्काल कार्यवाही प्रारंभ की जाए और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमियों आदि का सम्मेलन आहूत कर संकल्प पत्र के सभी विषयों पर विचार-विमर्श कर नीति बनाएं।
उन्होंने कहा कि शैक्षिक संस्थानों में स्टार्टअप इंक्यूबेटर्स की स्थापना के लिए तुरंत प्रयास करे। उन्होंने भोपाल, इंदौर,ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में सब्सिडी युक्त प्लग एंड पी स्पेस स्थापित करने के लिए भी तत्काल गतिविधि अनुसार प्रयास करने के निर्देश दिए।इस अवसर पर लघु उद्योग निगम की गतिविधियों के अलावा 25 फरवरी तक दो माह चलने वाले ग्वालियर व्यापार मेला पर भी चर्चा की गई। बैठक में उद्योग आयुक्त एवं सचिव एमएसएमई पी. नरहरि तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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