मप्रः मानसून सत्र पांच दिन में ही खत्म, सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
भोपाल, 5 जुलाई (हि.स.)। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 5 दिन में ही खत्म हो गया। शुक्रवार को देर शाम को विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी। एक जुलाई से शुरू हुआ यह सत्र 19 जुलाई तक प्रस्तावित था।
इससे पहले तीन जून मोहन यादव सरकार ने अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया। जिस पर दो दिन चली चर्चा के बाद बजट पारित हो गया। वहीं सरकार ने अंतिम दिन चार विधेयक भी पारित करा लिए।
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के विनियोग विधेयक को पारित करने के प्रस्ताव पर बोलना शुरू किया। इस पर विपक्ष ने डिवीजन की मांग की। इसे स्वीकार नहीं किया गया। विपक्ष का कहना था कि डिवीजन मांगना विपक्ष का अधिकार है। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि आपने समय से डिवीजन नहीं मांगा। इसके बाद विनयोग विधेयक पारित कर दिया गया। साथ ही विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि बजट पर दो दिन में काफी चर्चा हुई है। तीन लाख 65 हजार करोड़ का बजट पेश कर पिछले साल से 16 प्रतिशत बजट बढ़ाया गया है। स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के बजट में 56 फीसदी की वृद्धि की गई है। कृषि क्षेत्र में 15 फीसदी, नगरीय और ग्रामीण विकास में 13 फीसदी की वृद्धि की गई है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि विपक्ष पर हंगामा कर सदन नहीं चलने देने के आरोप लगाए जाते हैं। विपक्ष ने इस बार सदन में हंगामा किया, लेकिन सदन चलने में असहयोग नहीं किया। इसके बाद भी विधायकों को बोलने का मौका नहीं मिला।
बीजेपी विधायक अभिलाष पांडेय ने अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना-प्रबंधन का अधिकार खत्म करने का अशासकीय संकल्प पेश किया है। सदन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में शिक्षा समेत कई मुद्दे उठाए गए। बीजेपी विधायक अभिलाष पांडेय ने संविधान के अनुच्छेद 30 को खत्म करने के लिए अशासकीय संकल्प पेश किया। यह मदरसों जैसी अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना और प्रबंधन का अधिकार समाप्त करने से जुड़ा है। सरकार से इस पर रिव्यू की मांग की गई।
इस पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि नई तालीम से नया तालिबान खड़ा मत करो। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सबको शिक्षा और रोजगार मिले। मदरसा यदि मजहब की बात करता है, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होता है तो यह दुर्भाग्य है। मदरसा यदि डॉक्टर-इंजीनियर देता है तो समझ में आता है। एक अकेले उर्दू के बलबूते पर सभी शिक्षाएं नहीं मिल सकती है।
इस पर कांग्रेस विधायक आतिफ अकील ने कहा कि नर्सिंग घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए सत्ता पक्ष के विधायक मदरसों का मुद्दा उठा रहे हैं।
पान मसाला दुकानों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, विधेयक पारित
विधानसभा में मप्र माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 पारित किया गया। इस एक्ट में पान मसाला की दुकानों का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य किया गया है। ऐसा नहीं करने पर एक लाख रुपये की पेनल्टी तय की गई है।
मध्यप्रदेश खुले नलकूप में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सुरक्षा विधेयक 2024 सर्व सम्मति से पारित किया गया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विधेयक पेश किया। इस पर विधायक कैलाश कुशवाहा ने सुझाव दिया। इसके बाद प्रस्ताव पारित किया गया।
एक साथ अनुदान मांगों पर चर्चा के प्रस्ताव पर विपक्ष का हंगामा
सदन में सभी विधेयक पारित होने के बाद अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान हंगामा हो गया। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रस्ताव रखा कि विभागवार अनुदान मांगों पर चर्चा करने की बजाय एक साथ सभी विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा की जाए। इस पर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की भी सहमति चाही। इसका नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विरोध किया। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री ने अध्यक्ष के समक्ष प्रस्ताव रखा। अध्यक्ष ने बहुमत के आधार पर एक साथ चर्चा करने का फैसला लिया। इस पर कांग्रेसी सदन में विरोध करने लगे और शोर शराबे की स्थिति बन गई। एक ओर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा शोर शराबे के बीच विभागीय अनुदान मांगों को पारित करने जाने का प्रस्ताव पर रहे थे। दूसरी ओर सदन में कांग्रेसी हंगामा करते रहे। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।