मप्र विधानसभा में हुआ नेशनल ई- विधान परियोजना संबंधी प्रशिक्षण, सिर्फ 74 विधायक हुए शामिल

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मप्र विधानसभा में हुआ नेशनल ई- विधान परियोजना संबंधी प्रशिक्षण, सिर्फ 74 विधायक हुए शामिल


मप्र विधानसभा में हुआ नेशनल ई- विधान परियोजना संबंधी प्रशिक्षण, सिर्फ 74 विधायक हुए शामिल


मप्र विधानसभा में हुआ नेशनल ई- विधान परियोजना संबंधी प्रशिक्षण, सिर्फ 74 विधायक हुए शामिल


भोपाल, 23 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्रवाई अब ऑनलाइन होगी। इसके लिए विधानसभा के मानसरोवर सभागार में मंगलवार को नेशनल ई -विधान परियोजना (एनईवीए) के क्रियान्वयन से संबंधित तीन चरणों में प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस दौरान मात्र 74 विधायक ही शामिल हुए। विधायकों को संसदीय कार्य मंत्रालय दिल्ली के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया।

प्रथम चरण में सदस्यगणों, द्वितीय चरण में मध्य प्रदेश शासन के समस्त विभागों के विधानसभा कार्यों में संलग्न अधिकारियों-कर्मचारियों एवं तृतीय चरण में विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों/ कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें प्रश्नकाल एवं विधेयकों के संबंध में जानकारी प्रदान की गई।

भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय के अरुण शर्मा, नेवा कोऑर्डिनेटर, संशिल सौरभ,नेवा कोऑर्डिनेटर एवं श्रीधर स्वामी, टेक्निकल कंटेंट राइटर द्वारा नेशनल ई- विधान परियोजना प्रशिक्षण एवं संचालन की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के पूर्व विधान सभा के प्रमुख सचिव अरविंद शर्मा ने ई-विधान परियोजना एवं उपयोगिता के विषय में जानकारी दी गई।

प्रशिक्षण के बाद जौरा से कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने कहा- आज इस ट्रेनिंग में विधायकों को बुलाया। लेकिन कई विधायकों को ऐसा लगा कि जो डेटा इन्हें भरना था, वो पूरा डेटा ही नहीं था। ये विधानसभा की बहुत सामान्य चीज है। वो बता रहे थे कि ऐसा होगा। यदि पूरी तैयारी के साथ ट्रेनिंग होती तो ज्यादा सार्थक होती। ऐसा लगा जैसे खाली कॉपी ले आए और उसमें पन्ना पलटना सिखाया।

जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह, पर्यटन मंत्री धर्मेन्द्र लोधी, मत्स्य पालन राज्यमंत्री नारायण सिंह पंवार, वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, खादी एवं कुटीर ग्रामोद्योग राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल, पीएचई मंत्री संपतिया उईके, पिछड़ा वर्ग एवं कल्याण मंत्री कृष्णा गौर, पंचायत राज्यमंत्री राधा सिंह प्रशिक्षण में मौजूद थे।

देश की विधायी व्यवस्था को आधुनिक, पारदर्शी और तकनीक-आधारित बनाने की दिशा में विधानसभाओं में भी इसे शुरू कर रहा है। इस परियोजना के जरिए देश की संसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं को पूरी तरह पेपर लेस बनाया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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