घने कोहरे और कड़ाके सर्दी की चपेट में मध्य प्रदेश, शीत लहर के प्रकोप से बचाव के लिए एडवायजरी जारी
भोपाल, 4 जनवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश में इन दिनों कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। उत्तर भारत की तरफ से आ रही सर्द हवाओं के चलते लोग दिन में कांपते नजर आ रहे हैं। यहां पिछले दो दिनों से प्रदेश के अधिकांश इलाकों में आसमान पर बादल छाए हुए हैं और कई शहरों में हुई हल्की बारिश ने वातावरण में ठंडक घोल दी है। गुरुवार को सुबह प्रदेशभर में घना कोहरा छाया रहा और अधिकांश शहरों में दोपहर तक सूरज के दर्शन ही नहीं हो पाए। दिन में धूप नहीं निकलने और बूंदाबांदी के कारण दिन के तापमान में गिरावट आई है। मौसम विभाग ने अगले दो से तीन दिनों तक प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बूंदाबांदी और हल्की बारिश होने की संभावना जताई है।
इधर, भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी अनुमान के अनुसार शीतकालीन मौसम में प्रदेश के अधिकांश भागों में सामान्य से न्यूनतम तापमान होने की संभावना है। अत: सभी जिला प्राधिकरणों तथा संबंधित सभी विभागों द्वारा प्रदेश में संभावित शीत लहर (शीतघात) के प्रकोप को गंभीरता से लेते हुए इससे होने वाली क्षति को कम करने के लिये विभागीय एवं जिला स्तर पर सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। इस संबंध में गुरुवार को गृह विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
जारी निर्देश के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला शीत लहर (शीतघात) कार्य योजना तैयार की जाये। प्रत्येक स्तर (जिला, तहसील, ब्लॉक, विभाग) पर शीत लहर प्रबंधन के लिये एक नोडल अधिकारी नामांकित किया जाये। भारतीय मौसम विज्ञान द्वारा जारी शीत लहर चेतावनी को जिला कमांड और नियंत्रण केंन्द्र के माध्यम से जन सामान्य तथा संबंधित विभागों तक पहुँचाने के लिये आवश्यक व्यवस्था की जाये।
शीत लहर से बचाव के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों से संबन्धित सुझाव का प्रचार प्रसार होर्डिंग तथा प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया, स्थानीय केबल टीवी नेटवर्क, एफएम, सामुदायिक रेडियो से किए जाने की व्यवस्था की जाये। बेघर/प्रभावित लोगों को आश्रय गृहों में स्थानांतरित किया जाये। बेसहारा एवं बेघर व्यक्ति सड़क /मैदान में पाये जाने पर अलाव की व्यवस्था की जाये। स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से कम्बलों की व्यवस्था कर उन्हें वितरित किया जाये। स्कूल तथा शैक्षणिक संस्थाओं का कार्य समय, भारतीय मौसम विज्ञान द्वारा शीत लहर से संबन्धित दी गई चेतावनी अनुसार आवश्यकतानुसार एवं विधिवत स्कूल खुलने के समय में परिवर्तन करने हेतु आवश्यक आदेश जारी किए जायें। जिले में स्थित सभी शासकीय अस्पतालों में शीत लहर प्रभावितों के उपचार के लिये विशिष्ट कार्य योजना बनाई जाये।
शीतलहर से पहले क्या करें
सर्दियों के कपड़े पर्याप्त मात्रा में रखें। कपड़ों की कई परतें पहनना भी लाभदायक रहता है। आपातकालीन आपूर्तियों के लिए सभी जरूरी सामान तैयार रखें।
शीतलहर के दौरान क्या करें
जितना संभव हो, घर के अंदर रहें। ठंडी हवा से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। अपने शरीर को सुखाकर रखें। यदि कपड़े गीले हो जाएँ, तो उन्हें तुरंत बदलें। इससे शरीर की उष्मा बनी रहेगी। मौसम की ताजा जानकारी के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें। नियमित रूप से गर्म पेय पिएं। बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ख्याल रखें। शीतदंश के लक्षणों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, कानों की लोब और नाक की नोक पर सुन्नता, सफेदी या पीलेपन के प्रति सजग रहें। शीतदंश से प्रभावित हिस्से की मालिश न करें। इससे अधिक नुकसान हो सकता है। शीतदंश से प्रभावित शरीर के हिस्सों को गुनगुने पानी में डालें। कंपकंपी को नजरअंदाज न करें - यह एक महत्वपूर्ण अग्रिम संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है। कंपकंपी महसूस होने पर तुरंत घर लौटें।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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