विकास के लिए लिया गया कर्ज बोझ नहीं, भविष्य का निवेश : जगदीश देवड़ा
भोपाल, 18 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रदेश की राजकोषीय स्थिति, बजट की प्राथमिकताओं और भविष्य की विकास योजनाओं को लेकर विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विकास के लिए लिया गया कर्ज किसी भी तरह का बोझ नहीं है, बल्कि यह प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य में किया गया एक मजबूत निवेश है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का मूल लक्ष्य गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है और इसी सोच के साथ प्रदेश में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार की प्राथमिकता केवल रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने तक सीमित नहीं है, हमारी सरकार दीर्घकालिक विकास को मजबूत आधार देने के कार्य में जुटी हुई है।
राजस्व में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
देवड़ा ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 55 हजार 634 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व संग्रह किया जा चुका है। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि राज्य की वित्तीय स्थिति लगातार मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा कि वाणिज्य कर और आबकारी विभाग के बेहतर प्रबंधन और नवाचारों के कारण राजस्व में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार हर वर्ष बजट के आकार में लगभग 14 प्रतिशत की वृद्धि कर रही है। यह निरंतर बढ़ोतरी इस बात को दर्शाती है कि प्रदेश में विकास की गति तेज है और सरकार योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है।
कर्ज नहीं, विकास में निवेश
कर्ज को लेकर पूछे गए तमाम सवालों के जवाब में उपमुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि विपक्ष जिसे कर्ज कहता है, वह वास्तव में विकास के लिए किया गया निवेश है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा लिया गया कर्ज किसी भी प्रकार के अनुत्पादक खर्चों के लिए नहीं, बल्कि सड़क, बिजली, सिंचाई, अधोसंरचना और औद्योगिक विस्तार जैसे पूंजीगत कार्यों में लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “जब हम सड़क, पुल, बिजली परियोजनाएं या सिंचाई योजनाएं बनाते हैं तो उससे न केवल प्रदेश का बुनियादी ढांचा मजबूत होता है, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं। इससे स्थानीय व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलता है, जो अंततः राजस्व वृद्धि में सहायक बनता है।”
राजकोषीय संतुलन सुरक्षित
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि प्रदेश का राजकोषीय संतुलन पूरी तरह सुरक्षित है। सरकार द्वारा लिया गया कर्ज निर्धारित नियमों और सीमाओं के भीतर है। साथ ही, राजस्व संग्रह को मजबूत करने के लिए विभिन्न विभागों में सुधार और नवाचार लागू किए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में कर्ज पर निर्भरता धीरे-धीरे कम की जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की वित्तीय नीति संतुलित है, जिसमें खर्च, निवेश और राजस्व तीनों पर समान रूप से ध्यान दिया जा रहा है।
विजन 2047: आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश
उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने ‘विजन 2047’ का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश के विकास का एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया गया है। यह रोडमैप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के 25 वर्षीय विजन के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में बुनियादी सुधारों के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं और सरकार का संकल्प है कि वर्ष 2047 तक मध्य प्रदेश को पूरी तरह आत्मनिर्भर और विकसित राज्य बनाया जाए। इसके लिए उद्योग, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और अधोसंरचना जैसे क्षेत्रों में बड़े स्तर पर निवेश किया जा रहा है।
विकास ही सरकार का मूल मंत्र
प्रेस वार्ता के अंत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सोच स्पष्ट है, विकास को प्राथमिकता देना ही हमारा लक्ष्य है। उन्होंने दोहराया कि कर्ज को केवल नकारात्मक दृष्टि से देखना सही नहीं है। यदि कर्ज का उपयोग सही दिशा में किया जाए तो वही कर्ज आने वाली पीढ़ियों के लिए अवसर और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार विकास, निवेश और वित्तीय अनुशासन के संतुलन के साथ आगे बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में इसके सकारात्मक परिणाम प्रदेश की जनता को स्पष्ट रूप से दिखाई देंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

