मंत्री उइके बोलीं- हर घर नल से जल पहुंचने से ग्रामीण महिलाओं के जीवन में आया निर्णायक बदलाव

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मंत्री उइके बोलीं- हर घर नल से जल पहुंचने से ग्रामीण महिलाओं के जीवन में आया निर्णायक बदलाव


भोपाल, 23 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश सरकार ने पेयजल को नागरिकों का मूल अधिकार मानते हुए जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर तक सुरक्षित, सतत और गुणवत्तापूर्ण पेयजल पहुंचाने की दिशा में ठोस और प्रभावी कार्य किया है। बीते दो वर्षों में इस मिशन ने कई भौतिक उपलब्धियां हासिल की हैं। वहीं ग्रामीण समाज के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में भी व्यापक और सकारात्मक परिवर्तन लाया है। उक्‍त बातें प्रदेश सरकार के सफल दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित पत्रकार वार्ता में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके ने मंगलवार को कहीं।

मंत्री उइके ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 81 लाख 21 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन के माध्यम से प्रतिदिन शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, आंकड़ों के अनुसार जोकि कुल लक्षित परिवारों का लगभग 73 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश के 10 हजार 440 ग्रामों को ‘हर घर जल’ घोषित किया जा चुका है। इस अवसर पर उन्होंने बुरहानपुर जिले को भारत सरकार द्वारा देश का पहला प्रमाणित ‘हर घर जल जिला’ घोषित किए जाने को प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि बताया।

मंत्री उइके ने जानकारी दी कि विगत दो वर्षों में 13 लाख 69 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नए नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही पायलट आधार पर 64 ग्रामों में 24×7 जल प्रदाय व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 15 हजार 238 नए हैंडपंप और नलकूप स्थापित किए गए हैं। उज्जैन संभाग के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों में एकल नल जल योजनाओं का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, जिससे सात लाख से अधिक परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया जा रहा है।

नल से जल योजना ने महिलाओं का जीवन बदला

पत्रकारों के सवालों के जवाब में मंत्री श्रीमती उइके ने कहा कि हर घर नल जल योजना ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में निर्णायक बदलाव हुआ है। पहले महिलाओं को पानी लाने के लिए दूर-दराज जाना पड़ता था, जिससे उनका अधिकांश समय व्यर्थ हो जाता था। अब घर में नल से जल उपलब्ध होने के कारण महिलाओं का समय बच रहा है और वे उस समय का उपयोग आयवर्धक गतिविधियों में कर पा रही हैं। उन्होंने बताया कि समय की बचत से महिलाएं सिलाई-कढ़ाई, पार्लर, किराना दुकान, डेयरी और अन्य छोटे स्वरोजगार से जुड़ रही हैं। इससे महिलाओं की आय में वृद्धि हुई है और वे परिवार की आर्थिक जरूरतों में सहयोग कर पा रही हैं। मंत्री ने कहा कि इससे महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक स्थिति मजबूत हुई है।

ग्रामीण स्वास्थ्य और शिक्षा में भी सुधार

इसके साथ ही मंत्री उइके का कहना रहा कि घर-घर शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से ग्रामीण क्षेत्रों में जलजनित बीमारियों में उल्लेखनीय कमी आई है। इससे इलाज पर होने वाला खर्च घटा है और ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। बेहतर स्वास्थ्य के कारण कार्यक्षमता में वृद्धि हुई है और बच्चों की विद्यालयों में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित हुई है। उन्होंने बताया कि घर में पानी उपलब्ध होने से बालिकाओं को पढ़ाई के लिए अधिक समय मिल रहा है। पहले पानी लाने की जिम्मेदारी के कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित होती थी, लेकिन अब शिक्षा स्तर में सुधार देखा जा रहा है। मंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन महिलाओं के साथ-साथ बालिकाओं के भविष्य को भी सशक्त बना रहा है।

गुणवत्ता, निगरानी और पारदर्शिता पर जोर

पत्रकार वार्ता में मंत्री उइके ने यह भी बताया कि जल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य की समस्त प्रयोगशालाओं का शत-प्रतिशत एनएबीएल प्रमाणीकरण कराया गया है, जिससे मध्य प्रदेश इस क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 10 लाख से अधिक जल नमूनों की जांच की जा चुकी है और महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से जल गुणवत्ता जांच के लिए प्रशिक्षित किया गया है। योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता के लिए जल रेखा मोबाइल एप, जलदर्पण पोर्टल, शत-प्रतिशत जियो टैगिंग, इन्वेंटरी मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर, ट्यूबवेल मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर और ई-प्रबंधन प्रणाली लागू की गई है।

उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों के निराकरण में विभाग लगातार ग्रेड ‘ए’ प्राप्त कर रहा है। साथ ही पीएम गति शक्ति पोर्टल पर योजनाओं और पाइपलाइन नेटवर्क के अंकन में मध्य प्रदेश ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं, मंत्री श्रीमती उइके ने पत्रकारों के बीच समूह जल प्रदाय योजनाओं में बिजली की आवश्यकता की पूर्ति के लिए नवकरणीय ऊर्जा आधारित संयंत्र लगाए जाने की जानकारी भी साझा की। इसके अंतर्गत 60 मेगावॉट पवन ऊर्जा परियोजना की कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि आगामी तीन वर्षों में प्रदेश के सभी शेष ग्रामीण परिवारों को भी नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत जनजातीय परिवारों को क्रियाशील नल कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। पत्रकार वार्ता के अंत में मंत्री श्रीमती उइके ने कहा कि प्रदेश सरकार जल सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। विभाग द्वारा किए जा रहे नवाचार और योजनाएं मध्य प्रदेश को जल सुरक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में स्थापित कर रही हैं।

उल्‍लेखनीय है कि इस अवसर पर प्रमुख सचिव पी. नरहरि भी उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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