समग्र, दूरदर्शी और जनकल्याणकारी दृष्टिकोण के साथ सरकार कर रही है कार्य : उप मुख्यमंत्री शुक्ल
भोपाल, 17 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के विकसित आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश विषय पर आयोजित विशेष सत्र में बुधवार काे उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रिवेंटिव, क्यूरेटिव और जेरियाट्रिक केयर—तीनों स्तरों पर समग्र, दूरदर्शी और जनकल्याणकारी दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बीमारी का इलाज करने से बेहतर है बीमारी को होने से रोकना। इसी उद्देश्य से प्रदेश में व्यापक स्तर पर प्रिवेंटिव केयर को सशक्त किया गया है। निरोगी काया अभियान के माध्यम से नागरिकों को स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक किया जा रहा है तथा बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य स्क्रीनिंग कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में अब तक लगभग 1.19 करोड़ नागरिकों की हाइपरटेंशन, 1.22 करोड़ की डायबिटीज तथा 1.29 करोड़ लोगों की फैटी लीवर की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की समय रहते पहचान के लिए 39.4 लाख लोगों की ओरल कैंसर, 19.3 लाख महिलाओं की ब्रेस्ट कैंसर तथा 8.5 लाख महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग की गई है। स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान में मध्यप्रदेश 6 पैरामीटर में देश में शीर्ष पर है।
क्यूरेटिव केयर पर प्रकाश डालते हुए उपमुख्यमंत्री शुक्ल ने बताया कि प्रदेश में टीबी स्क्रीनिंग एवं उपचार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे इस बीमारी का उन्मूलन सुनिश्चित किया जा सके।आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गरीब और वंचित वर्ग के नागरिकों को गंभीर बीमारियों के लिए निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक लगभग 34 लाख हितग्राही उपचार का लाभ ले चुके हैं तथा योजना के माध्यम से 447 अंग प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में निरंतर नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे टर्शरी केयर सुविधाएँ जिला एवं संभाग स्तर तक सुलभ हो सकें। आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित उपचार सुनिश्चित करने के लिए एयर एम्बुलेंस सेवा भी प्रारंभ की गई है, जिससे बहुमूल्य समय और जीवन दोनों की रक्षा हो सके। जेरियाट्रिक केयर के संबंध में राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। 70 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान वय वंदना योजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत उन्हें निःशुल्क उपचार का सुरक्षा कवच प्रदान किया जा रहा है। अब तक लगभग 15 लाख वरिष्ठ नागरिकों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसके साथ ही बुजुर्गों के लिए नियमित स्वास्थ्य स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जा रही है, जिससे बीमारियों की पहचान प्रारंभिक अवस्था में ही हो सके।
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य मॉडल केवल इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ, सुरक्षित और सम्मानपूर्ण जीवन प्रदान करने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश का हर नागरिक—चाहे वह बच्चा हो, युवा हो या बुजुर्ग—को समय पर, सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हों।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे

