मप्रः बैतूल में पीपीपी मोड पर बनेगा मेडिकल कॉलेज, जेपी नड्डा मंगलवार को रखेंगे आधारशिला

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मप्रः बैतूल में पीपीपी मोड पर बनेगा मेडिकल कॉलेज, जेपी नड्डा मंगलवार को रखेंगे आधारशिला


मप्रः बैतूल में पीपीपी मोड पर बनेगा मेडिकल कॉलेज, जेपी नड्डा मंगलवार को रखेंगे आधारशिला


बैतूल, 22 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के जनजातीय और ग्रामीण बहुल बैतूल जिले में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज की शुरुआत की जाएगी। मंगलवार, 23 दिसंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के मुख्य आतिथ्य और मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की अध्यक्षता में बैतूल मुख्यालय स्थित पुलिस ग्राउंड में पीपीपी मोड पर स्वीकृत मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास एवं भूमिपूजन किया जाएगा। कार्यक्रम में विधायकगण, अन्य सम्मानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर बैतूल जिले में विकास कार्यों को नई गति देते हुए विभिन्न विभागों के अंतर्गत विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया जाएगा।

जनसम्पर्क अधिकारी रोमित उईके ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि पीपीपी मोड पर स्वीकृत मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास एवं भूमि पूजन के अवसर पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन भी किया जाएगा। जिसमें लगभग 50 हजार हितग्राहियों के आने की संभावना है।

मेडिकल कॉलेज की स्थापना से मिलेगा बहुआयामी लाभ

गौरतलब है कि बैतूल एक जनजातीय बहुल जिला है, जिसकी जनसंख्या लगभग 18 लाख है। जिले में 10 विकासखण्ड हैं, जिनमें से 7 आदिवासी विकासखण्ड हैं। वर्तमान में जिले में एक जिला अस्पताल, एक सिविल अस्पताल तथा 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। ऐसे में जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगार के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि सिद्ध होगी।

मेडिकल कॉलेज खुलने से जिले में तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। इससे गंभीर एवं जटिल बीमारियों के उपचार के लिए मरीजों को बड़े शहरों में रेफर नहीं किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर ही सस्ती, सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे मरीजों एवं उनके परिजनों का समय तथा आर्थिक बोझ दोनों कम होगा। मेडिकल कॉलेज के माध्यम से जिले में विषय विशेषज्ञ डॉक्टरों , प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ एवं पैरामेडिकल कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। अत्याधुनिक जांच एवं उपचार सुविधाएं जैसे सीटी स्कैन, एमआरआई, लीनियर एक्सीलेरेटर आदि उपलब्ध होने से जटिल ऑपरेशन एवं गंभीर रोगों का उपचार स्थानीय स्तर पर संभव हो सकेगा। जिला अस्पताल का उन्नयन होकर वह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध होगा, जिससे बढ़ती मरीज संख्या के बावजूद बेहतर उपचार मिल सकेगा। इसके साथ ही रेफरल के दौरान होने वाली ट्रांसपोर्ट डेथ की घटनाओं में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।

विद्यार्थियों को मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने का मिलेगा अवसर

मेडिकल कॉलेज की स्थापना से जिले को आर्थिक एवं सामाजिक लाभ भी प्राप्त होंगे। डॉक्टर , नर्स, तकनीशियन, पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य सहायक कर्मचारियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। कॉलेज के आसपास रियल एस्टेट, आवास, होटल, भोजनालय एवं छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था सशक्त होगी। साथ ही यह संस्थान चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बनेगा, जिससे जिले के विद्यार्थियों को अपने ही क्षेत्र में मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच एवं गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार होगा। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों एवं गरीब वर्ग को निःशुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी। मरीजों को इलाज के लिए दूर शहरों में नहीं जाना पड़ेगा, जिससे समय एवं धन दोनों की बचत होगी। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, कुपोषण, एनीमिया, टीबी, मलेरिया, सिकल सेल रोग, कैंसर, हृदय, किडनी एवं लीवर जैसे गंभीर रोगों के निदान एवं उपचार में मेडिकल कॉलेज की अहम भूमिका रहेगी। मेडिकल कॉलेज शासन की प्रमुख स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। आयुष्मान भारत, जननी सुरक्षा योजना, प्रसूति सहायता योजना, टीबी एवं कैंसर उपचार, कृत्रिम अंग एवं दिव्यांगता सहायता जैसी योजनाओं के माध्यम से जिले के नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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