जमीन से आसमान तक आगे बढ़ते हुए जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही बहनें : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- मुख्यमंत्री निवास पर हुआ सशक्त और समर्थ नारी संवाद कार्यक्रम
भोपाल, 30 दिसम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को 'सशक्त नारी-समर्थ नारी' संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यमंत्री निवास पधारी प्रबुद्ध महिलाओं, आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं तथा ड्रोन दीदियों से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने कहा कि यह केवल संवाद नहीं, बल्कि समाज की उस जीवंत परंपरा का विस्तार है जिसमें बहनें जमीन से आसमान तक हर कदम आगे बढ़ते हुए सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज नारी शक्ति केवल भागीदार नहीं, बल्कि नेतृत्व की सक्रिय भूमिका में है।
प्रदेश की विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रही बहनों से मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सीधा संवाद किया। इस अनूठे आयोजन में स्वास्थ्य, शिक्षा, टेक्सटाइल, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में सक्रिय बहनों ने अपने अनुभव, चुनौतियां और नवाचार साझा किए।
माँ के दिये संस्कार हैं हमारी धरोहर
मुख्यमंत्री ने बहनों से संवाद करते हुए कहा कि माँ द्वारा दिए गए संस्कार हमारी धरोहर हैं। उन्होंने अपनी माँ का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि उनकी माँ उनमें और उनके मित्रों में कोई भेद नहीं करती थीं। सबको समान रूप से प्रेम और स्नेह मिलता था। उनका प्रयास है कि माँ के दिये संस्कारों के अनुरूप वे भी कार्य कर सके।
मुख्यमंत्री ने सरगम के सुर को किया सम्मानित, 51 हजार रुपये का दिया नगद पुरस्कार
कार्यक्रम में बालिका सरगम कुशवाह ने राष्ट्र भक्ति गीत गाया। उसकी सुरमई और आत्मविश्वासपूर्ण प्रस्तुति ने सभी का ध्यान आकृष्ट किया। मुख्यमंत्री ने सरगम की प्रतिभा की सराहना करते हुए उसे कंठ कोकिला कहकर संबोधित किया और 51 हजार रुपये का पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया। सरगम के सुरों से निकले 51 हजार रुपये नन्ही प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के प्रति मुख्यमंत्री की संवेदनशील सोच को दर्शाते हैं।
हमने प्रशासन की ज़िम्मेदारी दी है नारी शक्ति के हाथ
मुख्यमंत्री ने संवाद करते हुए कहा कि आज प्रदेश के 17 जिलों में महिलाएं कलेक्टर हैं। इसके साथ ही प्रदेश के 16 में से 9 नगरीय निकायों में महिलाएं महापौर हैं। इनमें 7321 पार्षदों में 4154 महिलाएं पार्षद हैं। इसी प्रकार 875 जिला पंचायत सदस्यों में 519 महिलाएं और 6771 जनपद पंचायत सदस्यों में 4068 महिलाएं सदस्य हैं। प्रदेश की 22923 ग्राम पंचायतों में 12319 ग्राम पंचायतों में महिलाएं सरपंच हैं। यह मध्य प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण को प्रदर्शित करता है। इसके अतिरिक्त कई जिलों में एसपी, नगर निगम अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष जैसे दायित्व को बहनें बखूबी संभाल रही हैं। यह बदलाव दर्शाता है कि आधी आबादी से सीधा संवाद अब नीतियों और प्रशासन में भी दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति की यह भूमिका समाज को संतुलित, संवेदनशील और मजबूत बनाने में अहम है।
साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी कैंसर मरीजों की कर रही है सेवा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में नवाचार करते हुए नये-नये कीर्तिमान रच रही है। उन्होंने जबलपुर की साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी की चर्चा करते हुए बताया कि वे आध्यात्मिक आश्रम के साथ ही कैंसर मरीजों की सेवा भी कर रही है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा स्थापित चिकित्सा संस्थान विराज हास्पिस में ऐसे कैंसर मरीज आते हैं जो कि अंतिम समय तक आश्रम में ही रहते हैं। ज्ञानेश्वरी दीदी ऐसे मरीजों का उनके अंतिम समय तक उपचार भी कराती है।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल है रतलाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल रतलाम जिले ने भी कायम की है। जिले में अधिकांश प्रमुख पदों को महिलाएं सुशोभित कर रही हैं। यहाँ कलेक्टर मीसा सिंह, जिला पंचायत सीईओ वैशाली जैन, अपर कलेक्टर डॉ. सारणी श्रीवास्तव, कृषि उप संचालक नीलम चौहान, जनसम्पर्क उप संचालक अनुराधा गहरवाल, सहायक आयुक्त रंजना सिंह, मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. संध्या बेलसेरे, मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अनिता मुथा, उप संचालक सामाजिक न्याय संध्या शर्मा, डिस्ट्रीक कमांडेंड होमगार्ड रोशनी बिलवाल, एसडीएम रतलाम शहर आर्ची और एसडीएम आलोट रचना शर्मा है।
भारतीय वस्त्रों को आधुनिक पहचान दे रहीं दीपाली शर्मा
टेक्सटाइल क्षेत्र से जुड़ी दीपाली शर्मा ने संवाद में बताया कि वे और उनकी बहन मिलकर पिछले 12–13 वर्षों से हैंडलूम आधारित परिधान ब्रांड चला रही हैं। बाग प्रिंट, चंदेरी फैब्रिक, हैंडलूम खादी और पारंपरिक भारतीय वस्त्रों को आधुनिक सिलुएट और कस्टमाइजेशन के साथ नई पीढ़ी तक पहुंचाना उनका लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि उनका कार्य केवल फैशन तक सीमित नहीं, बल्कि सीधे कारीगरों से जुड़कर हैंडलूम को सशक्त करना है। उनके संस्थान में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बहनों को रोजगार मिल रहा है। भारतीय पारंपरिक परिधानों की वैश्विक मांग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उनके उत्पाद देश-विदेश में पसंद किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही वे मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू कर और अधिक महिलाओं को मंच उपलब्ध कराएंगी।
परंपरा से आधुनिकता तक- रेनू नायक
भोपाल की उद्यमी रेनू नायक ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि सोच स्पष्ट हो और दृष्टि नवाचारी, तो परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम संभव है। रेनू नायक “सिग्नेचर बुटीक” का संचालन करती हैं, जहाँ वे आने वाली पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए नए और समकालीन डिज़ाइन के परिधान तैयार करती हैं। उनकी विशेषता यह है कि वे प्राचीन महेश्वरी और बाग बटिक जैसे पारंपरिक प्रिंट्स को आधुनिक वेस्टर्न परिधानों के साथ सशक्त रूप से प्रस्तुत कर रही हैं। रेनू नायक का मानना है कि भारतीय और पारंपरिक वस्त्र केवल विरासत नहीं, बल्कि आज की फैशन इंडस्ट्री की सशक्त पहचान भी बन सकते हैं। इसी सोच के साथ वे शासकीय एम्पोरियम मृगनयनी जैसे प्रतिष्ठित मंचों के साथ भी कार्य कर रही हैं, जिससे स्थानीय कारीगरों और पारंपरिक कला को व्यापक पहचान मिल रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार मानते हुए कहा कि क्षेत्रीय कॉन्क्लेव, एमएसएमई संवाद और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसी पहलें नवोदित उद्यमियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक हैं। मुख्यमंत्री का सकारात्मक संवाद और उद्यमियों के प्रति सहयोगात्मक दृष्टिकोण प्रदेश में नए व्यवसायों को आगे बढ़ने का आत्मविश्वास देता है।
स्वास्थ्य सेवा में जन-आंदोलन बना ‘मुक्त’ अभियान: डॉ. पूजा त्रिपाठी
संवाद में शामिल (प्रो.) डॉ. पूजा त्रिपाठी, सुपर स्पेशलिस्ट डेंटिस्ट एवं संस्थापिका ग्लोबल वेलफेयर स्माइल फाउंडेशन,ने मुख कैंसर के खिलाफ अपने 15 वर्षों के अभियान की जानकारी साझा की। वर्ष 2011 से वे तंबाकू मुक्त समाज के लक्ष्य के साथ निरंतर कार्य कर रही हैं। डॉ. पूजा त्रिपाठी ने बताया कि उनका ‘मुक्त’ अभियान आज एक जन-आंदोलन का रूप ले चुका है। वर्ष 2017 में हजारों लोगों को तंबाकू छोड़ने की शपथ दिलाकर उन्होंने विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। वहीं वर्ष 2025 में एक ही दिन, एक ही समय पर लगभग डेढ़ लाख लोगों को तंबाकू छोड़ने की शपथ दिलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। उनकी संस्था स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और औद्योगिक इकाइयों में जाकर जागरूकता कार्यक्रम चलाती है, तंबाकू मुक्त क्षेत्र विकसित करती है और एमओयू के माध्यम से निरंतर अभियान संचालित करती है।
शिक्षा, संवेदना और सशक्तिकरण का संगम : डॉ. अंजली चौधरी
डॉ अंजली चौधरी, शिक्षा के साथ-साथ उद्यमिता और सामाजिक दायित्व की सशक्त मिसाल हैं। वे एलएनसीटी शैक्षणिक संस्थान में जैव प्रौद्योगिकी विभाग की प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष होने के साथ-साथ बाग मुगालिया में स्वयं की हरि लाइफ सांइसेस का सफल संचालन भी कर रही हैं। उनका मानना है कि विज्ञान केवल प्रयोगशाला तक सीमित नहीं, बल्कि समाज और जीवन को दिशा देने का माध्यम भी है। एक संवेदनशील उद्यमी के रूप में डॉ. अंजली चौधरी विद्यार्थियों को व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक परामर्श प्रदान करती हैं। इसके साथ ही वे पारिवारिक परामर्श के माध्यम से अनेक परिवारों को मार्गदर्शन और समाधान उपलब्ध करा रही हैं। उनका उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल शैक्षणिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी सशक्त बनाना है, ताकि वे जीवन के हर क्षेत्र में संतुलित निर्णय ले सकें।
प्रेरणा और मिसाल: सरगम कुशवाह
जहाँ चाह होती है, वहाँ राह होती है—इस कथन को साकार करती हैं सुश्री सरगम कुशवाह। सशक्त नारी–समर्थ नारी संवाद कार्यक्रम में उपस्थित सुश्री सरगम कुशवाह के मधुर सुरों ने समां बाँध दिया और उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। दृष्टिबाधित होते हुए भी सरगम ने अपने हुनर के दम पर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित की है। बचपन से ही गायन में गहरी रुचि रखने वाली सरगम ने निरंतर अभ्यास और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हुए रियलिटी शोज़ में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उनका मानना है कि संगीत केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मबल और संकल्प का स्वर है।
गर्व होता है कि हम मध्यप्रदेश की बेटियाँ हैं
बहन पिंकी तिवारी ने बताया कि मैं पिछले 18 वर्षों से ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री से जुड़ी हूँ। कम्युनिटी रेडियो सेट-अप से लेकर डॉक्यूमेंट्री, कॉर्पोरेट फिल्म मेकिंग, सरकारी कार्यक्रमों की होस्टिंग और वर्तमान में ब्रांडिंग, कम्युनिकेशन व मार्केटिंग के क्षेत्र में कार्य कर रही हूँ। मध्यप्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लागू योजनाओं से हमें निरंतर सहयोग और प्रोत्साहन मिलता है। बाहर जाने पर गर्व से कहा जा सकता है कि हम मध्यप्रदेश की बेटियाँ हैं। उन्होंने कहा कि वे चाहती है कि मीडिया, ब्रॉडकास्टिंग और मार्केटिंग क्षेत्र में आगे बढ़ने वाली महिलाओं को ऐसा ही सहयोग मिलता रहे, ताकि वे प्रदेश का नाम रोशन करें।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

