शुद्ध पेयजल आपूर्ति हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता, लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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शुद्ध पेयजल आपूर्ति हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता, लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


- इंदौर की जलजनित घटना की पुनरावृत्ति रोकने के होंगे पूरे इंतजाम, प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर रिपोर्ट देंगे अपर मुख्य सचिव दुबे

भोपाल, 30 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में हुई जलजनित घटना के संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति किसी भी स्थिति में नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस संबंध में लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार देर शाम इंदौर में समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। दरअसल, इंदौर के भागीरथपुरा में दूषित पानी पीने से हुई 10 लोगों की मौत के मामले की गंभीरता को देखते हुए बुधवार शाम को मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर पहुंचे और विभिन्न अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इंदौर में समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घटना की पृष्ठभूमि, वर्तमान स्थिति और अब तक की गई व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्थिति पर सतत निगरानी एवं त्वरित निर्णय सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे को इंदौर में ही तैनात रहने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि नगर निगम की आवश्यकता को देखते हुए पर्याप्त अमला और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि जलापूर्ति और सीवरेज व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभिक स्तर पर हुई लापरवाही की जांच की जा रही है। विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदार अधिकारियों एवं एजेंसियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने घटना को दु:खद बताते हुए कहा कि इससे सबक लेकर भविष्य में ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए सरकार पूरी दृढ़ता से कदम उठाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान में टैंकरों के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। जलापूर्ति पुनः प्रारंभ होने पर कहीं भी लीकेज या प्रदूषण की आशंका पाए जाने पर तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के लगभग 60 प्रतिशत हिस्से में जलापूर्ति शुद्ध पाई गई है, जबकि शेष हिस्सों में पुरानी एवं क्षतिग्रस्त लाइनों के कारण समस्या सामने आई है, जिन्हें दुरुस्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों, प्रशासन, शासकीय एवं निजी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की तत्परता की सराहना की। उन्होंने कहा कि सभी के समन्वित प्रयासों से इस आपात स्थिति को नियंत्रित किया गया और प्रभावित नागरिकों को समय पर उपचार उपलब्ध कराया गया है।

बैठक में बताया गया कि शहर के भागीरथपुरा वार्ड क्रमांक में गंदे पानी की आपूर्ति की आशंका सामने आने के बाद त्वरित कार्रवाई की गई। बीते दो-तीन दिनों में लगभग 40 हजार से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें 2 हजार 456 संदिग्ध मामलों में लक्षण पाए गए। इनमें से 212 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया गया, जिनमें 50 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं, जबकि 162 मरीजों का उपचार जारी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि वे स्वयं जनप्रतिनिधियों के साथ विभिन्न अस्पतालों में जाकर मरीजों से मिले हैं और अधिकांश मरीजों की स्थिति स्थिर है।

बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के संबंध में अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। बैठक में इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने स्थिति के संबंध में जानकारी दी। इस मौके पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट,सांसद शंकर लालवानी, विधायक मालिनी गौड़ व गोलू शुक्ला, अपर मुख्य सचिव नीरज मण्डलोई, संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाडे़, पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह, नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव,एमआईसी मेम्बर अभिषेक शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं नागरिक उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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