सज्जन सिंह वर्मा ने एसआईआर के प्रथम चरण के बाद जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची पर जताई आपत्ति

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सज्जन सिंह वर्मा ने एसआईआर के प्रथम चरण के बाद जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची पर जताई आपत्ति


भाेपाल, 24 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा और सीडब्ल्यूसी सदस्य कमलेश्वर पटेल ने बुधवार काे मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एसआईआर प्रक्रिया में अनियमितताओं और मतदाता अधिकारों को लेकर एक संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दाैरान सज्जन सिंह वर्मा ने एसआईआर के प्रथम चरण के बाद जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची पर आपत्ति दर्ज कीं। उन्होंने कहा कि सत्यापन के नाम पर पांच करोड़ 31 लाख मतदाताओं में Not Mapping को गलत तरीके से शामिल किया गया, जबकि उनकी अलग सूची न तो बूथों पर चस्पा की गई और न ही वेबसाइट पर अपलोड की गई।

पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि ASDR सूची की प्रिंट प्रति न तो बीएलओ को दी गई और न ही राजनीतिक दलों को, जिससे डिलीट किए गए मतदाताओं की पहचान संभव नहीं हो पा रही है। उन्हाेंने कहा कि एसआईआर के दौरान बूथों में बदलाव किए गए, जिन नए बूथों पर न तो बीएलए नियुक्त हैं और न ही उन्हें जानकारी दी गई, जिससे दावा-आपत्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता प्रभावित हुई है। कई स्थानों पर बीएलओ द्वारा बीएलए को मतदाता सूची उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।

पूर्व मंत्री ने मतदान केंद्रों के तथ्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि वर्तमान में कुल 71,930 मतदान केंद्र हैं, जिनमें पूर्व अनुमोदित 65,014, 1200 से अधिक मतदाताओं पर 6,704 नए, 2 किमी से अधिक दूरी पर 230 नए और 18 विलोपित केंद्र शामिल हैं। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कांग्रेस द्वारा दर्ज आपत्तियों का अब तक निराकरण नहीं हुआ है। यदि शीघ्र सभी बिंदुओं पर कार्रवाई नहीं की गई, तो कांग्रेस मताधिकार की रक्षा के लिए संवैधानिक व न्यायिक मार्ग अपनाएगी।

कमलेश्वर पटेल ने कर्मचारियाें की माैत के लिए निर्वाचन आयोग व सरकार को जिम्मेदार ठहराया

सीडब्ल्यूसी सदस्य कमलेश्वर पटेल ने एसआईआर प्रक्रिया के दौरान अत्यधिक दबाव के कारण कर्मचारियों की हुई मौतों पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और इसके लिए निर्वाचन आयोग व सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कम समय में अत्यधिक कार्य का दबाव डालने से कई कर्मचारियों की हार्ट अटैक से मृत्यु हुई, लेकिन न सरकार और न ही निर्वाचन आयोग ने अब तक संवेदना व्यक्त की, जो गंभीर असंवेदनशीलता है। कमलेश्वर पटेल ने बताया कि एसआईआर में प्रदेशभर में 42.74 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम काटे गए और 8.42 लाख मतदाताओं को “पता नहीं” बताकर सूची से बाहर किया गया।

उन्होंने कहा कि 2023 के चुनाव में 30–35 लाख वोटों का अंतर था और केवल उनकी विधानसभा में ही 16 हजार नाम काटे गए, जिससे चुनाव प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवाल आज सच साबित हो रहे हैं। रीवा, ग्वालियर, शिवपुरी और भिंड सहित कई जिलों में बड़े पैमाने पर फर्जी और कटे हुए मतदाता पाए गए हैं। यह लोकतंत्र पर हमला है।

पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग

कांग्रेस नेता जेपी धनाेपिया ने कहा कि ड्राफ्ट पब्लिकेशन के समय यह स्पष्ट किया गया था कि मतदाता सूची की प्रतियां बीएलओ को उपलब्ध कराई जाएंगी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है।उन्होंने बताया कि दावा–आपत्ति के निराकरण के लिए निर्वाचन आयोग ने एक माह का समय दिया है, परंतु यह प्रक्रिया तभी निष्पक्ष होगी जब निराकरण के दौरान कांग्रेस के बीएलए को भी साथ में बैठाया जाए।जेपी धनोपिया ने निर्वाचन आयोग से पारदर्शिता सुनिश्चित करने और पूरी प्रक्रिया को निष्पक्ष ढंग से संचालित करने की मांग की।

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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे

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