भोपालः अंतरराष्ट्रीय वन मेले में वनोपज एवं हर्बल उत्पाद से निर्मित औषधियों की बढ़ी मांग

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भोपालः अंतरराष्ट्रीय वन मेले में वनोपज एवं हर्बल उत्पाद से निर्मित औषधियों की बढ़ी मांग


- बांधवगढ़ के गोंडी व्यंजन, अलीराजपुर का दालपनिया, छिंदवाड़ा की वन भोज रसोई बने आकर्षण का केन्द्र

भोपाल, 17 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चल रहे अंतरराष्ट्रीय वन मेले की लोकप्रियता की वजह से राजधानी ही नहीं वरन् आसपास के कई जिलों से लोग यहाँ मेला देखने आ रहे है। शहर के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित मेले में गुरुवार दोपहर तक लगभग 10 लाख से अधिक के वनोपज एवं हर्बल उत्पाद से निर्मित औषधियों की बिक्री हो चुकी है। मेले में स्थापित ओ.पी.डी में बड़ी संख्या में लगभग 100 से अधिक आगंतुकों ने निशुल्क चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया। इस हेतु प्रातः 10.30 से अपराह्न 3.00 बजे एवं सांय 3.00 से रात्रि 8.00 बजे तक आयुर्वेद चिकित्सकों तथा अनुभवी वैद्य अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। ओ.पी.डी में निःशुल्क परामर्श आयुर्वेदिक चिकित्सकों तथा अनुभवी वैद्यों द्वारा मेले के अंतिम दिन तक जारी रहेगा।

मेले के कान्फ्रेंस हॉल में गुरुवार को म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ की प्रबंध संचालक डॉ. समीता राजोरा द्वारा स्टार्टअप कान्क्लेव का शुभारंभ किया गया। आयोजन में रविन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी से रोनॉल्ड फर्नान्डेंज, ए.आई.सी. एवं स्टार्टअप इन्क्यूबेशन सेंटर से नेहा चतुर्वेदी, व्ही.एस.एस.पी.ए. मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में 6 नये स्टार्ट अप बस्तर फड़, शाम्या प्रकाश, श्यामी, फार्म 93, पी.एस.एस.एस. इंडिया एवं त्रिष्टा टी के प्रतिनिधियों द्वारा चर्चा में भाग लिया जाकर अपने अनुभव साझा किये गये।

मेले में लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केंद्र के विन्ध्य हर्बल्स ब्रांड के उत्पादों जैसे शहद, च्यवनप्राश के अलावा अन्य उत्पाद वेलनेस किट, केश तेल, महुआ बॉडी बटर, महुआ लोशन, हेयर शैम्पू, विंध्य बाडी मसाज तेल आदि को उनके प्रभावी असर एवं गुणवत्ता की वजह से आगंतुकों द्वारा काफी सराहा जा रहा। इस वर्ष नर्सरी के औषधीय पौधे भी आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे।

प्रधानमंत्री वन धन योजना अंतर्गत मध्य प्रदेश एवं अन्य राज्यों में संचालित वन धन केन्द्रों के द्वारा बनाए जा रहे सभी उत्पाद के प्रति लोगों का अत्यधिक रुझान रहा। इन उत्पादों में महुए एवं देशी मोटे अनाज (मिलेट्स) के प्रति बढ़ती लोकप्रियता ने महुए के लड्डू, महुए का अचार, महुआ कुकीज, कोदो-कुटकी कुकीज, अलसी लड्डू, तिल लड्डू, देशी मक्का कुकीज, वनीय शहद, आंवला कैंडी, आंवला पाचक ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। आगंतुकों ने बड़ी उत्सुकता के साथ इन उत्पादों को खरीदा।

इसके साथ ही वनांचलों के एलोवेरा से निर्मित साबुन, शैम्पू, हैण्ड वॉश, जैल, आंवला अचार,शतावर अचार, जंगली शहद एवं अन्य उत्पादों को भी लोगों ने काफी पसंद किया। विभिन्न जिलों से शामिल प्राथमिक वनोपज समितियों के उत्पाद, जंगली जड़ी बूटियों एवं मध्यप्रदेश राज्य बम्बू मिशन के उत्पादों से लोगों की नजर नहीं हट रही है। इसके अतिरिक्त फ़ूड स्टॉल एवं फूड जोन में वन विभाग से बांधवगढ़ के गोंडी व्यंजन, अलीराजपुर का दालपनिया एवं पश्चिम छिन्दवाड़ा की वन भोज रसोई जो मुख्य आकर्षण का केंद्र है।

मेला प्रांगण में सुबह 10.30 बजे से रात्रि 10 बजे तक रंगारंग कार्यक्रम चलते रहे, जिनमें छात्र-छात्राओं द्वारा सोलो गायन तथा समूह गायन की प्रतियोगिता में लगभग 10 विद्यालयों से 50 से भी अधिक छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई। दोपहर में योगा शो में योग गुरू महेश अग्रवाल द्वारा योगासन सीखाएं गए एवं जैवविविधता बोर्ड द्वारा कथक नृत्य एवं नुकक्ड़ नाटक प्रतियोगिता आयोजित की गई और सायं 07 बजे से सम्राट म्युज़िकल ग्रुप द्वारा आर्केस्ट्रा की रंगारंग प्रस्तुति में ऑगन्तुकों द्वारा आनंद लिया गया। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र - छात्राओं को पुरस्कृत किया गया एवं उनकी विलक्षण प्रतिभा को सराहा गया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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