अनूपपुर: सच्ची मित्रता धन‑संपत्ति से नहीं, बल्कि हृदय की शुद्धता से बनती है- संत वेदांती महाराज

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अनूपपुर: सच्ची मित्रता धन‑संपत्ति से नहीं, बल्कि हृदय की शुद्धता से बनती है- संत वेदांती महाराज


अनूपपुर, 18 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में श्री राम वल्लभाकुंज जानकी घाट अयोध्या के पीठाधीश्वर, प्रतिष्ठित संत रामदास वेदांती महाराज ने वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार शुक्ला बन्धुओं के निज निवास में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के अंतिम दिन गुरुवार को सुदामा चरित्र पर गहरा प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “सुदामा जी केवल गरीबी में नहीं, बल्कि विनम्रता और अटूट भक्ति में भी हमारे आदर्श हैं। उनका छोटा चावल का उपहार, भगवान कृष्ण को अनमोल लगा, क्योंकि उसमें निष्कलंक प्रेम ही था”।

महाराज ने बताया कि सुदामा की पत्नी के बार‑बार आग्रह पर ही वह द्वारका पहुंचे, और जब द्वारपालों ने उनका परिचय दिया तो भगवान कृष्ण नंगे पैर दौड़ते हुए आए और अपने सखा को गले लगा लिया। इस मिलन ने श्रोताओं को यह सिखाया कि सच्ची मित्रता धन‑संपत्ति से नहीं, बल्कि हृदय की शुद्धता से बनती है। कथा के समापन पर वेदांती महाराज ने सुदामा के जीवन को “भक्ति, करुणा और सखा‑भाव का सर्वोच्च उदाहरण” कहा और सभी को आग्रह किया कि वे भी इस भावना को अपने जीवन में अपनाएँ। कार्यक्रम में स्थानीय धर्म प्रेमी स्वजन, महिलाएं, भक्तों उपस्थित रहे। अंत में भजन‑कीर्तन मंगल आरती के साथ कथा का समापन हुआ। संत श्री रामदास वेदांती महाराज के उदगार ने सुदामा के चरित्र को नई रोशनी में प्रस्तुत किया, जिससे श्रोताओं के मन में भक्ति और मित्रता की गहरी भावना जाग्रत हुई।

पूर्णाहुति भंडारा शुक्रवार काे

शुक्ला बन्धुओ के निज निवास पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन शुक्रवार 19 दिसंबर को पूर्णाहुति एवं भंडारा के साथ होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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