अनूपपुर: स्वास्थ्य विभाग मरीजो के कल्याण के लिए रहे सजग, संवेदनशील एवं सक्रिय- संभागायुक्त

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अनूपपुर: स्वास्थ्य विभाग मरीजो के कल्याण के लिए रहे सजग, संवेदनशील एवं सक्रिय- संभागायुक्त


अनूपपुर, 18 दिसंबर (हि.स.)। स्वास्थ्य विभाग मरीजों के कल्याण हेतु सजग, संवेदनशील एवं सक्रिय भूमिका निभाए। जिले के समस्त शासकीय अस्पतालों को आदर्श अस्पताल के रूप में विकसित किया जाए। आमजन को दवाओं की उपलब्धता की जानकारी सूचना पटल के माध्यम से प्रदर्शित की जाए तथा स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध समस्त चिकित्सकीय सुविधाओं की स्पष्ट जानकारी प्रदान की जाए। इसके साथ ही उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग को स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित कर कार्य करें। गर्भवती, धात्री एवं हाई रिस्क माता पर स्वास्थ्य विभाग विशेष ध्यान दें तथा उनकी मॉनिटरिंग करें। यह बात गुरूवार को मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में कलेक्ट्रेट कार्यालय के नर्मदा सभागार में 5 घंटे चली मैराथन समीक्षा बैठक में शहडोल संभागायुक्त सुरभि गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कही।

संभागायुक्त ने स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार समय-समय पर प्राप्त हो रहा है या नहीं, इसकी नियमित मॉनिटरिंग सुपरवाइजर स्तर से कराई जाए। जिला चिकित्सालय सहित अन्य शासकीय अस्पतालों का नियमित निरीक्षण कर रोगी कल्याण से संबंधित सुविधाओं को सुदृढ़ एवं सुचारू रूप से उपलब्ध करायें। साथ ही उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति तथा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा की। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से गर्भवती माताओं से संबंधित जानकारी में अवगत कराया गया कि जिले में कुल 6,625 प्रसव हुए हैं, जिनमें से 6295 प्रसव शासकीय अस्पतालों में, 289 प्रसव निजी संस्थानों में तथा 41 प्रसव गृह पर हुए हैं। इस पर संभागायुक्त ने स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक सुगम बनाने, एम्बुलेंस सेवाओं एवं चिकित्सकीय व्यवस्थाओं को और अधिक चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने सिकल सेल रोग एवं क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यों में और अधिक प्रभावी एवं बेहतर कार्य करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को प्रदान किए।

संभागायुक्त ने कहा कि पूरक पोषण आहार का वितरण शासन की सर्वाच्च प्राथमिकताओं में से एक है। एएनएम, आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती माताओं के खान-पान एवं दैनिक गतिविधियों की नियमित निगरानी करें, ताकि उन्हें बेहतर एवं संतुलित पोषण सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने समय पर एम्बुलेंस सेवा के मरीज तक पहुँचने की व्यवस्था का निरीक्षण एवं सतत मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।

महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए संभागायुक्त ने आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को लर्निंग सामग्री उपलब्ध कराने तथा खेल-खेल में शिक्षा प्रदान करने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएँ करने के निर्देश दिए। उन्होंने सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों के संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग से जानकारी प्राप्त की। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अनूपपुर जिले में कुल 180 सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनमें से 179 आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका विकसित की गई है। साथ ही सभी 180 आंगनबाड़ी केंद्रों में आरओ (शुद्ध पेयजल) की व्यवस्था तथा 179 आंगनबाड़ी केंद्रों में एलईडी की स्थापना पूर्ण की जा चुकी है।

बैठक में कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्युत, पेयजल एवं शौचालय की समुचित एवं बेहतर व्यवस्था करने के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना, वन स्टॉप सेंटर एवं महिला हेल्पलाइन सहित महिला एवं बाल कल्याण से संबंधित योजनाओं की विस्तृत समीक्षा करते हुए उनके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। संभागायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्य विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

बैठक में कलेक्टर हर्षल पंचोली, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अर्चना कुमारी, वन मंडलाधिकारी विपिन पटेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अलका तिवारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग विनोद परस्ते सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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