मंदसौरः शिक्षाविद नवाल का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन
मन्दसौर, 10 अगस्त (हि.स.)। शिक्षा जगत के स्थापित और सर्वमान्य शिक्षक नेता राम कृष्ण नवाल अब दुनिया में नहीं रहे हैं। शुक्रवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली। 86 वर्षीय श्री नवाल लम्बे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। शनिवार की दोपहर स्व. नवाल की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान से निकली। मुक्तिधाम पर उनके पुत्र आशुतोष नवाल, आशीष नवाल सहित परिवार के अरूण नवाल, संजय नवाल, विजय नवाल, किशोर नवाल, अजय नवाल, अक्षत नवाल ने उन्हें मुखाग्नि दी।
मुक्तिधाम पर आयोजित शोकसभा में उपस्थित स्नेहीजनों ने कहा कि रामकृष्ण नवाल का देवलोक गमन सम्पूर्ण शिक्षा जगत सहित सभी क्षैत्रो की अपूरणीय क्षति है जिसे पूरा नहीं किया जा सकता है। रामकृष्ण कालूराम जी नवाल, जिन्होंने आर्थिक कठिनाइयों और अनेक पारिवारिक संघर्षों के बीच एमए, डीएड् किया तथा शासकीय सेवा में शिक्षक के पद पर नियुक्त हुए साथ ही साथ इन्होंने आयुर्वेद रत्न की परीक्षा पास कर होम्योपैथी चिकित्सा के माध्यम से अनेक लोगों की सेवा की।
रामकृष्ण नवाल सन 1954 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने तथा एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में स्थापित हुए सन 1961में शासकीय सेवा में जाने के बाद शिक्षकों की समस्या के लिए संघर्ष करने एवं नेतृत्व करते हुए सन 1980 में आपने मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष बनने के बाद प्रांतीय संगठन मंत्री का दायित्व संभाला और निरंतर तथा अखंड मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी को आपने बड़ी कुशलता से निभाया।
हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया / मुकेश तोमर
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