मुरैना: बासी भोजन का भोग लगाकर की शीतला माता की पूजा
मुरैना, 01 अप्रैल (हि.स.)। गायत्री मंदिर के पास स्थित सेड वाली माता के नाम से प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर पर सोमवार को महिलाओं ने बासोडा की पूजा की। दरअसल, होली से सात दिन बाद आठवें दिन को शीतला अष्टमी के तौर पर मनाया जाता है। इसी क्रम में सोमवार को महिलाओं ने एक दिन पूर्व बनाकर रखे गए भोजन का भोग लगाकर शीतला माता की पूजा कर कथा सुनी।
परिक्रमा करते हुए परिवार के सदस्यों के लिए निरोगी रहने की कामना की। इस दौरान मंदिर परिसर में बासोडा पूजन करने के लिए बीते चार दिन यानि पंचमी तिथि से महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन सबसे अधिक बासोडा पूजन करने वाली महिलाओं की भीड़ सोमवार के दिन अष्टमी को दिखाई दी।
ज्ञात हो कि शीतला माता की पूजा प्रतिवर्ष होली के सात दिन बाद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जाती है। इसे बसोड़ा पर्व के नाम से भी जाना जाता है। पुराना जौरा रोड गायत्री मंदिर के पास स्थित सेड वाली माता के नाम से प्रसिद्ध शीतला माता के मंदिर पर श्रद्धालु महिलाओं की भीड़ बीते चार दिन पंचमी तिथि से लगी हुई है। लेकिन अष्टमी तिथि होने के कारण आज सबसे ज्यादा महिलाओं की भीड़ मंदिर परिसर में दिखाई दी। मान्यता है कि इस दिन बासी भोजन का भोग लगाने से माता प्रसन्न होती हैं। इसलिए इस पर्व को बासोडा के नाम से जाना जाता है। इस पूजा में माता की प्रतिमा पर जल चढ़ाकर पूड़ी, हलवा, गुड़ से बने हुए मीठे चावल (रसखीर) आदि व्यंजनों का भोग लगाते हुए कथा सुनकर मंदिर परिसर की परिक्रमा कर अपने परिवार के सदस्यों के लिए निरोगी काया की कामना की जाती है। शीतला माता को आरोग्य की देवी माना जाता है। शीतला माता को ठंडा यानी शीतल भोजन अत्यंत प्रिय है। यही कारण है कि माता का भोग एक दिन पहले यानी सप्तमी तिथि या जिस दिन पूजा की जाती है उससे एक दिन पूर्व ही तैयार कर लिया जाता है। पूजा के साथ व्रत में कथा पढऩे का भी विधान है।
हिन्दुस्थान समाचार/शरद/मुकेश
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