मुरैना: सर्राफा व्यापारी के मुनीम से हुई लूट का हुआ पर्दाफाश

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मुरैना: सर्राफा व्यापारी के मुनीम से हुई लूट का हुआ पर्दाफाश


मुरैना: सर्राफा व्यापारी के मुनीम से हुई लूट का हुआ पर्दाफाश


- गहने तलाशने पहले सरसों कटवाई फिर जुतवाया खेत

मुरैना, 10 मार्च (हि.स.)। बागचीनी थाना क्षेत्र के कटबरी हनुमान मंदिर के पास 31 जनवरी को ग्वालियर के सर्राफा व्यापारी के मुनीम के साथ हुई करीब तीन किलो से अधिक वजन के सोने के गहनों की लूट का पर्दाफाश रविवार को पुलिस ने कर दिया है। पुलिस ने इस लूट काण्ड के सभी आरोपियों को पकडऩे का दावा करते हुए माल बरामद किया है। पुलिस ने 600 ग्राम के गहने तो पहले ही जप्त कर लिए थे। वहीं अन्य बदमाशों की तलाश में पुलिस कई राज्यों की खाक छानने में जुटी हुई थी। पुलिस ने बचे हुए गहनों को उत्तरप्रदेश के ओरैया जिला स्थित भवानीपुरा की बेला गांव में एक आरोपी के घर में बने शौचालय से बरामद कर लिया है। इसके साथ ही लूट के मामले में सभी सात आरोपितों को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि पुलिस ने गहने बरामद करने के लिए आरोपी के खेत में खड़ी सरसों कटवाई तत्पश्चात खेत को जुतवाया गया।

बता दें कि ग्वालियर के बीपी ज्वैलर्स के संचालक राहुल गोयल ने अपने मुनीम शैलू अग्रवाल को 31 जनवरी को जौरा व कैलारस के स्वर्ण व्यवसाईयों को गहनों की सप्लाई करने के लिए भेजा था। शैलू कार से जब जौरा जा रहा था तब वह कटीबरी हनुमान मंदिर के पास दर्शन करने के लिए रूक गया था। इसी बीच बाईक से आए हथियारबंद बदमाशों ने मुनीम शैलू अग्रवाल व उसके चालक रविंद्र पाल बघेल की मारपीट कर गहनों से भरा बैग लूटकर ले गए। करीब दो करोड़ रुपये के गहने की लूट होने से पुलिस की काफी किरकिरी हो रही थी। मुरैना व ग्वालियर के व्यापारियों ने भी आंदोलन की धमकी दी थी। उधर लूट की इस घटना की जांच की तो कार चालक रविन्द्र वघेल की संलिप्तता उजागर हुई। पुलिस ने रविन्द्र को ग्वालियर से पकड़ा तो उसका भाई लालू उर्फ राजेन्द्र, अजय रजक उर्फ अजय प्रताप वघेल के भी नाम सामने आए। पुलिस ने इन तीनों को भी दबोच लिया। इन सबसे पुलिस ने करीब आधा किलो गहने जप्त कर लिए। लेकिन चूंकि गहने करीब तीन किलो थे इसलिए पुलिस की तलाश अभी पूरी नहीं हुई थी। पुलिस ने जब पकड़े गए लोगों से कड़ाई से पूछताद की तो इसमें उत्तरप्रदेश के ओरैया के शातिर बदमाश रामू उर्फ सतेन्द्र यादव, उसके पिता रविन्द्र यादव सहित मुरार ग्वालियर निवासी विवेक यादव का नाम सामने आया और पता चला कि गहने इनके ही पास हैं। इसके बाद पुलिस की टीम दो दिन पूर्व ओरैया के भवानीपुर बेला गांव में भेजी गई, जहां से रामू के घर में बने शौचालय से गहने बरामद किए गए। पुलिस इस मामलें में रविद्र वघेल, अजय प्रताप वघेल, अजय रजक एवं लालू उर्फ राजेन्द्र को पहले ही पकड़ चुकी थी। अब पुलिस ने रामू यादव, रविद्र यादव एवं विवेक यादव को पकडऩे में सफलता पाई है।

गहने बरामद करने खड़ी सरसों कटवाई, खेत जुतवाया: पुलिस को जब पता चला कि लूटे गए गहने भवानीपुर बेला गांव निवासी रामू यादव उर्फ सतेन्द्र यादव के घर हैं तो नूराबाद थाना प्रभारी रामूबाबू यादव के नेतृत्व में पुलिस बल भवानीपुर बेला गांव में भेजा गया। वहां पर पुलिस को गहने बरामद करने में काफी मेहनत करनी पड़ी। दरअसल पुलिस ने वहां पहुंचकर रामू एवं उसके पिता रविन्द्र यादव को तो पकड़ लिया लेकिन इन्होंने पुलिस को गुमराह किया। पुलिस को शक हुआ कि इन्होंने गहने अपने सरसों के खेत में छिपा दिए हैं। इसलिए पुलिस ने पहले तो अपने उपस्थिति में पांच बीघा खेत की सरसों कटवाई तत्पश्चात इस खेत की जुताई करवाई। हालांकि जब खेत से कुछ बरामद नहीं हुआ तब पुलिस ने रविन्द्र यादव पर कड़ाई की तब उसने अपने घर में बने शौचालय से गहने बरामद किए। शौचालय के कमोड में गहने से भरा बेग डाल दिया गया था। पुलिस ने अपनी मौजूदगी में ही कमोड से गहनों का बेग निकलवाया। नूराबाद थाना प्रभारी रामबाबू यादव ने बताया कि उन्होंने खेत मालिक की अनुमति से ही सरसों कटवाई थी। उन्होंने बताया कि गहने बरामद करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

हिन्दुस्थान समाचार/शरद/मुकेश

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