मप्र विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, नर्सिंग घोटाले की मांग को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ा पहला दिन
- नर्सिंग घोटाले पर हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित
भोपाल, 1 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है, लेकिन सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही। विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने नर्सिंग कॉलेज घोटाले को लेकर हंगामा करते हुए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह लाखों बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ विषय है। मंत्रियों और अधिकारियों ने गड़बड़ी की है। इस पर काम रोककर चर्चा कराई जानी चाहिए। सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गी ने कहा कि नियम यह है कि जो विषय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन होता है, उसे पर सदन में चर्चा नहीं कराई जाती है। इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हो गया। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने दोपहर एक बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
दिवंगत नेताओं और शहीद को दी श्रद्धांजलि
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार सुबह 11 बजे हुई। सबसे पहले सदन में दिवंगत नेताओं और शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिवंगत नेताओं के जीवन के बारे में बताया और श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और फिर संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने श्रद्धांजलि दी। जिन दिवंगत नेताओं और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, उसमें पूर्व विधायक हर्ष सिंह, चंद्रप्रभाष शेखर, विजय दुबे, मकसूदन लाल चंद्राकार, शांतिलाल बिलवाल, बेनी परते, जसवंत सिंह राठौर, मदनलाल त्यागी, विट्ठल राव महाले, पूर्व राज्यपाल डॉक्टर अजीज कुरैशी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी, जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज, आतंकी हमले एवं ड्यूटी पर शहीद जवान तथा 28 फरवरी 2024 की रात में डिंडोरी जिले के शहपुरा के बरझर घाट के पास वाहन दुर्घटना में मृत व्यक्ति शामिल हैं।
इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ, जिसमें पहला सवाल विधायक देवेंद्र कुमार जैन ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शिवपुरी में हुए घोटाले की राशि न वसूल करने को लेकर किया। इसके जवाब में मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि 84.43 करोड़ का घोटाला हुआ था। अब तक 13468 खाताधारकों को 32.69 करोड़ का भुगतान किया गया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शिवपुरी में 99837 खाताधारकों की 291.66 करोड़ की रकम जमा है। इस मामले में उच्च न्यायालय की खंडपीठ ग्वालियर में दायर याचिकाओं के चलते आरोपियों की संपत्तियों की नीलामी की कार्रवाई स्थगित है। इस एक सवाल के जवाब के बाद प्रश्न काल खत्म हो गया।
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सदन में नर्सिंग घोटाले पर चर्चा की मांग की। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गी ने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए चर्चा नहीं हो सकती। इस पर सदन में कुछ देर हंगामे की स्थिति बनी। नेता प्रतिपक्ष में कहा कि नर्सिंग काउंसिल को लेकर कहीं कोई रोक नहीं है। सरकार ने नियमों में बदलाव कर मंत्री और अधिकारियों को नियम दे दिए। इसके कारण भारी भ्रष्टाचार हुआ है। नियम कायदों के आधार पर इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए। युवाओं के साथ अन्याय हुआ है। भंवर सिंह शेखावत ने पूछा कि एक छात्र कितनी बार परीक्षा देगा? इसके बाद सदन में शोर-शराबा और हंगामा हो गया।
हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा कि सत्र के दौरान कई अवसर आएंगे, जिस पर इस विषय को उठाया जा सकता है, लेकिन विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा और सभी सदस्यों ने एक साथ खड़े होकर स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करने की मांग की। इसके बाद सभी मंत्री और विधायक खड़े हो गए और उन्होंने इसका विरोध किया। फिर सदन की कार्रवाई एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद विपक्षी विधायक बाहर आ गए और यहां गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को बर्खास्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी की।
इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने सदन को अवगत कराया कि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री और मंत्री अब अपना आयकर स्वयं भरेंगे। मैं यह घोषणा करता हूं कि विधानसभा अध्यक्ष के नाते अपना आयकर स्वयं भरूंगा। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि हम भी इसमें शामिल हैं। उल्लेखनीय कि मोहन सरकार ने मंत्री वेतन भत्ता अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय किया है। यह विधेयक मानसून सत्र में ही प्रस्तुत किया जाएगा, जिसका अनुमोदन आज कैबिनेट ने भी कर दिया।
कांग्रेस विधायकों ने एप्रिन पहनकर की एंट्री
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और कांग्रेस विधायक एप्रिन पहनकर पहुंचे और नर्सिंग घोटाले को लेकर नारेबाजी की। कमलनाथ ने कहा कि प्रश्न ये नहीं है कि प्रदेश में घोटाले हुए, प्रश्न ये है कि प्रदेश में कौन सा घोटाला नहीं हुआ। वहीं, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि विपक्ष के पास न मुद्दा बचा है न कोई बोलने वाला। विपक्ष अगर स्थगन प्रस्ताव लाता है तो हम उसका जवाब देने को भी तैयार हैं।
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कांग्रेस के हंगामे पर कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश पर जांच हो रही है। जब चर्चा होगी, तब सब सामने आ जाएगा। कांग्रेस केवल राजनीति कर रही है। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हंगामे पर आपत्ति जताते हुए कहा कि हमें उत्तेजना में बात सुनने की आदत नहीं है, सभी सदस्य मर्यादा में रहें। सरकार किसी भी चर्चा से नहीं भाग रही है। हर रूप में चर्चा के लिए तैयार है। हम डरने और पीछे हटने वाले नहीं है। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि मंगलवार को प्रश्नकाल के बाद इस विषय पर चर्चा कराई जाएगी। बता दें कि विधानसभा का मानसून सत्र 19 जुलाई तक चलेगा, जिसमें कुल 14 बैठकें होंगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद
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