कौशल युक्त-रोजगार मुक्त मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प : राज्य मंत्री गौतम टेटवाल

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कौशल युक्त-रोजगार मुक्त मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प : राज्य मंत्री गौतम टेटवाल


- राज्यमंत्री टेटवाल ने युवाओं को दिये नौकरी के आफर लेटर

भोपाल, 18 जनवरी (हि.स.) । कौशल युक्त-रोजगार मुक्त मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प है। इसके लिये सभी बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्य और अधिकारी मिलकर कार्य करेंगे तो लक्ष्य को जल्द पूरा किया जा सकेगा। यह बात कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने गुरुवार को संभागीय आई.टी.आई. भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में कही। मध्यप्रदेश में संकल्प योजनार्न्गत यूएन-वूमेन एवं मध्यप्रदेश कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड में बीच आदिवासी बहुल जिलों में बालिकाओ को तकनीकी शिक्षा देने के उद्देश्य से एमओयू हुआ। टेटवाल ने कहा कि जो एमओयू हुआ है, उसका लक्ष्य बालाघाट, मंडला, डिण्डोरी और छिंदवाड़ा सहति 12 आदिवासी बहुल जिलों में एक हजार बालिकाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देना है।

कौशल विकास राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 परंपरागत व्यवसायों में संलग्न कारीगरों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केबिनेट की पहली बैठक में ही 22 नये आई.टी.आई. बनाने की मंजूरी दी है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलेगी। संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क में 6 हजार विद्यार्थी प्रशिक्षण ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में 8 से 10 हजार रुपये तक का स्टायपेंड दिया जा रहा है।

टेटवाल ने रोजगार मेले में चयनित युवाओं में से 5 युवाओं को आफर लेटर प्रदान किये। साथ ही युवा दिवस पर आयोजित प्रतियोगिताओं में विजेता छात्राओं को पुरस्कार राशि के चेक और प्रमाण-पत्र दिये। उन्होंने विभिन्न बोर्डों के अध्यक्षों के साथ बैठक कर कार्यों की जानकारी ली।

अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि जिन 12 जिलों के लिये एमओयू हुआ है, वहाँ पर रोजगार मेलों में 50 प्रतिशत रोजगार महिलाओं को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे आदिवासी वर्ग की बालिकाओं को आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त होंगे।

अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मनु श्रीवास्तव ने कहा कि यूनाइटेड नेशन्स से जुड़ी संस्था यूएन-वूमेन के सहयोग से आदिवासी बहुल जिलों में बालिकाओं को विज्ञान, तकनीकी, गणित जैसे विषयों की शिक्षा दी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि बालिकायें अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। जेंडर सेंसेटिवटी पर जोर दिया जा रहा है।

इस दौरान म.प्र. कुश कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाहा, जय मीनेष कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष लालाराम मीना, स्वर्णकला बोर्ड के अध्यक्ष दुर्गेश सोनी, माँ पूरी बाई कीर कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष गया प्रसाद कीर, विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेमनारायण विश्वकर्मा, वीर तेजाजी बोर्ड के अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण गोरा, रजक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश धालिया, यूएन-वूमेन की उपाध्यक्ष कांता सिंह, सीईओ राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड सोमेश मिश्रा एवं अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / उमेद/नेहा

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