उज्जैन: सागर फ्लेक्स में लगी भीषण आग, करोड़ों का नुकसान, दो युवक झुलसे
उज्जैन, 12 नवंबर (हि.स.)। शहर के निजातपुरा तिराहे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे सागर फ्लेक्स नामक संस्थान में भयंकर आग लगी। तीन मंजिला भवन के सबसे ऊपर स्थित गोदाम में रखे फ्लेक्स के बहुत सारे थान एवं दूसरे तल पर स्थित रात को ही लगाई गई नई मशीन जल कर राख हो गई। संस्थान मालिक के दोनों लड़के झुलस गए, जिनमें एक गंभीर है। यह सुखद बात रही कि भू-तल पर रखा मटेरियल,कम्प्यूटर सेक्शन तथा प्रथम तल पर रखी पुरानी मशीन आगजनी से सुरक्षित रही।
प्रत्यक्षदर्शी प्रवीण रावत के अनुसार सुबह करीब 5.15 बजे धुंआ उठा और प्लास्टिक जलने की गंध आने लगी तो पत्नी ने खिड़की खोलकर बाहर देखा। सागर फ्लेक्स की बिल्डिंग से जमकर धुंआ निकल रहा था। पत्नी ने उन्हें जगाया। उन्होंने तत्काल सागर को फोन कर सूचना दी। साथ ही फायर ब्रिगेड को सूचना दी। फायर ब्रिगेड का फोन घनघनाता रहा तो उन्होंने कोतवाली थाने को सूचित किया। उन्होंने डायल-100 को फोन किया। शंका थी कि कहीं कोई कर्मचारी/चोकीदार अंदर न रह गया हो। फोन भोपाल लगा। वे लगातार कह रहे थे कि निजातपुरा में आग लग गई। दूसरी ओर से कहा जा रहा था कि शहर का नाम बताओ। तब उन्हें लगा कि यह कॉल तो भोपाल लग गया। उन्होंने पूरा पता बताया। साथ ही शोर मचाकर आसपास के लोगों को सूचित किया। दोनों पड़ोस के परिवार को जगाकर जानकारी दी।
प्रवीण रावत के अनुसार मोबाइल करने के 15 मिनिट में सागर ओर सोनू (दुकान संचालक के बेटे) मौके पर आ गए। उन्होंने तुरंत शटर खोला और अंदर गए तथा पहली मंजिल पहुंचे। वहां सबकुछ सुरक्षित होने पर वे छत पर तीसरी मंजिल गए। यहां धुएं का गुबार और आग की लपटे उठती देख छत पर बने गोदाम को आग से बचाने के लिए छत पर पहुंचे। गोदाम में फ्लेक्स के थान के थान भरे हुए थे। वहां आग के साथ दम घोंटने वाला धुंआ उठ रहा था। ये जान बचाने के लिए छत की सड़कवाली मुंडेर पर आ गए। तब तक आगजनी से तापमान इतना बढ़ गया था कि सागर 50 प्रतिशत से अधिक झुलस गया, उसकी चमड़ी जलकर निकलती दिख रही थी। वहीं सोनू के हाथ सामान हटाने में जल गए।
सबसे पहले सागर पर पानी की बौछार कर आग का ताप कम किया
फायर ब्रिगेड के चिंतामण जायसवाल और बालाराम के अनुसार सूचना मिलने पर तुरंत मौके पर पहुंचे। देखा कि धुंए का गुबार छत से बाहर आ रहा है। प्रथम ओर दूसरी मंजिल पर लगे स्लाइडर पूरी तरह से बंद है। सागर ओर सोनू छत पर थे तथा आग से इतने गर्म हो गए थे कि सागर की चमड़ी जल रही थी,अंदर से गुलाबी रंग दिख रहा था मांस का। वह घबराकर छत से कूदने की तैयारी में था। मैने सबको निर्देश दिए कि पानी की बोछार सागर ओर सोनू पर करो। ताकि ये पूरी तरह से जल न जाए। आग का ताप कम होने पर ये बच जाएंगे। हमने इन पर जमकर पानी फैका। इसके बाद सीढिय़ां लगाई और इन्हे उतारा। इनके पास बचने का ओर कोई रास्ता नहीं था।
पत्थर से कांच नहीं फूटे तो हाथ से खोले गर्म स्लाइडर
फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने दोनों मंजिलों पर लगे कांच के स्लाइडरों को पत्थर फैककर फोडऩा चाहा,ताकि धुंआ बाहर निकलने का रास्ता बने और उन्हे अंदर पहुंचने का रास्ता मिल जाए। पानी की बौछार भी अंदर कर सकें। कांच नहीं फूटने पर वे सीढिय़ों से दोनों मंजिलों के स्लाइडर बाहर से खोलने पर मजबूर हो गए। पहली मंजिल के स्लाइडर तो खुल गए लेकिन दूसरी मंजिल के स्लाइडर अत्यधिक गर्म थे। तोडफ़ोड़ करने के बाद उन्हे खोला तो धुंए का भयंकर गुबार बाहर निकलना शुरू हो गया। हमने यहां जमकर पानी फैका ओर उसके बाद छत पर बने गोदाम पर पानी फैकना शुरू किया। उपर जाने का रास्ता सीधा मिल नहीं रहा था और यह नहीं सुझ रहा था कि आग कहां से शुरू होकर कहां तक फैली है। जब लगातार पानी डाला गया तो दूसरी मंजिल की आग थमी। तब तक यहां लगी मशीन और फ्लैक्स आदि जलकर खाक हो चुके थे। उसके बाद हमे छत पर जाने का रास्ता मिला। यहां फ्लेक्स के थान के थान रखे थे जोकि पिघलने के बाद फैल गए थे तथा उनमें आग अंदर ही अंदर सुलग रही थी। धुंआ ओर दमघोंटू गैस निकल रही थी। उस पर लगातार बौछार करने पर भी वे कहीं न कहीं से सुलग जाते थे। यहां लकडिय़ां भी रखी थी,जो शायद फ्लेक्स के थान और नई मशीन की थी,जिसे शनिवार को ही खोला गया था।
सागर फ्लेक्स के कर्मचारियों को जब पता चला तो वे सुबह 6.30 बजे तक यहां एकत्रित हो गए थे। उन्होंने बताया कि वे रात को नई मशीन लगने के बाद ट्रायल लेकर साढ़े 3 बजे ही नीचे आए थे। एक कर्मचारी ने बताया कि वह रात को 4 बजे उपर तक लाइट के सारे पाइंट चेक करके नीचे आया ओर ताला लगाया था। उसके बाद सभी गए। कोतवाली थाना प्रभारी शैलेंद्र शर्मा ने कहाकि पहले तेजनकर चले जाओ,वहां नहीं मिले तो अवंति चले जाना। उनके पहचान के लोग लेकर निकले थे उन्हे। हम तो यहां व्यवस्था में लगे हैं सुबह से।
थाना प्रभारी शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि जैसे ही आग की जानकारी थाने पर आई,हम तुरंत यहां पहुंचे। एसआई सलीम भी मौके पर आ गए। इन्होंने तुरंत कोतवाली और फाजलपुरा वाले रास्ते बंद करवाए। इसीप्रकार कोयला फाटक से केवल फायर ब्रिगेड की दमकलों को आने दिया। आसपास के लोगों को घरों में ही रहने को कहा। सागर फ्लेक्स के दोनों ओर के मकान सुरक्षित रह गए क्योंकि आग अंदर ही अंदर उपर लग रही थी। आसपास के दोनों मकानों की उंचाई इनसे एक मंजिल कम थी। उन लोगों को ढांढस बंधाया कि हम यहां है,आप चिंता न करें। आकस्मिक स्थिति में आप लोगों को यहां से हटा लेंगे।
सुबह 8 बजे तक 15 दमकलें लग चुकी थी...
सुबह 8 बजे तक फायर ब्रिगेड की 15 दमकलें लग चुकी थी। कर्मचारियों ने बताया कि रूक-रूककर आग लग रही थी। धुंआ उठ रहा था। इसके कारण यहां तीन लारी बतौर सतर्कता रखी हुई है। जैसे ही धुंआ उठता है,पानी फैकना शुरू कर देते हैं। उन्होने बताया कि भू-तल का सामान भी धुंए के कारण अत्यधिक खराब हो चुका है। वहीं पानी के कारण भी नुकसानी बढ़ी है।
हिन्दुस्थान समाचार/ ललित ज्वेल/मुकेश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।