शिप्रा शुद्धीकरण की मांग को 14 माह से अनशन कर रहे महामंडलेश्वर ने ग्रहण किया अन्न

शिप्रा शुद्धीकरण की मांग को 14 माह से अनशन कर रहे महामंडलेश्वर ने ग्रहण किया अन्न
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शिप्रा शुद्धीकरण की मांग को 14 माह से अनशन कर रहे महामंडलेश्वर ने ग्रहण किया अन्न


- शिप्रा स्वच्छता की मांग को लेकर 14 माह से अनशन पर थे महंत ज्ञानदासजी, शिप्रा शुद्धीकरण का प्लान बताया, तब जाकर संत ने अन्न ग्रहण किया

उज्जैन, 5 जनवरी (हि.स.)। शिप्रा शुद्धीकरण को लेकर बीते 14 माह से अनशन कर रहे महामंडलेश्वर महंत ज्ञानदासजी महाराज ने शुक्रवार को अन्न ग्रहण कर चरण पादुका स्वीकार ली है। संतश्री ने कहा कि सांसद अनिल फिरोजिया ने उन्हें पत्र लिखकर शिप्रा को शुद्ध व प्रवाहमान बनाने के लिए नमामि गंगे योजना में इस प्रोजेक्ट को शामिल कराने की जानकारी दी। विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए शिप्रा शुद्धीकरण का प्लान बताया। मोक्षदायिनी शिप्रा को सदानीरा व प्रवाहमान बनाने की योजना को देखकर महंत ने अनशन समाप्त कर दिया है।

दरअसल, निर्मोही अखाड़े के महामंडलेश्वर महंत ज्ञानदासजी महाराज ने 14 माह पहले पांच नवंबर को शिप्रा शुद्धीकरण की मांग उठाते हुए अन्न त्याग दिया था। साथ ही चरण पादुका भी छोड़ दी थी। शुक्रवार को महाराजश्री के संन्यास दीक्षा के 24 वर्ष पूर्ण होने पर सदावल रोड स्थित आश्रम पर दीक्षा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विधायक अनिल जैन, महापौर मुकेश टटवाल, पूर्व निगम सभापति सोनू गेहलोत आश्रम पहुंचे तथा महाराजश्री से अनशन समाप्त कर अन्न ग्रहण करने का अनुरोध किया।

विधायक जैन ने शिप्रा स्वच्छता को लेकर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए प्लान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिप्रा में कान्ह नदी का गंदा पानी रोकने के लिए इंदौर व देवास में ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे, जिससे शुद्ध होकर पानी शिप्रा में प्रवाहित किया जाएगा। इस योजना से समस्या का समाधान हो जाएगा। सांसद अनिल फिरोजिया ने भी पत्र लिखकर शिप्रा शुद्धीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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