जबलपुर: महाकाली की खण्डित प्रतिमा हिंदू संगठनों के बवाल के बाद पुलिस सुरक्षा में विसर्जन को हुई रवाना..
जबलपुर, 16 अक्टूबर (हि.स.)। शहर की प्रसिद्ध और कछपुरा में विराजित नवरात्रि के दौरान रखी जाने वाली माता महाकाली की प्रतिमा इस वर्ष खंडित हो गयी थी। इसके बाद उनके खण्डित होने का वीडियो वायरल होने के बाद शहर में भारी हलचल मच गई थी। इसके बाद समिति द्वारा लोगो को गुमराह करते हुये बैनर लगाया कि 3 दिन के लिए दर्शन बन्द हैं। खंडित हुई महाकाली की प्रतिमा को तीन दिन तक पंडाल में दर्शन के लिए रखने वाले लोगों ने यह बात सभी श्रद्धालुओं से छुपाई। इसके बाद खंडित प्रतिमा का पुन: पंडाल में पूजन शुरू कराने पर हिन्दू संगठनों ने जोरदार विरोध किया। उनका कहना था कि यह हिंदू धर्म की मान्यताओं सभ्यताओं और पूजा के विधि विधान के विपरीत किया गया कार्य है। लोगों ने खुलकर आरोप लगाया कि आयोजन समिति ने सिर्फ चंदा और चढ़ाबे में आने वाली मोटी राशि की लालच में यह कार्य किया है।
माता रानी का दरबार लगाने के साथ यहां पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करना ही मुख्य उद्देश्य है। यही मुख्य वजह थी कि माता महाकाली की प्रतिमा को खंडित होने के तत्काल बाद विसर्जित ना कर फिर से पाखंड कर उनके दर्शन प्रारंभ करवाए गए जबकि खंडित प्रतिमा के पूजन अर्चन का कोई विधान ही नहीं है। मां काली की प्रतिमा बीच से टूट गई थी और इसका वीडियो सामने आने के बाद इस पूरे मामले का तीव्र विरोध होने लगा था। हिंदूवादी संगठन विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस चौकी का घेराव करने लगे। इसके बाद वहां आयोजकों के साथ सहमति बनी की अगले दिन विसर्जन कुंड भटौली में विसर्जन किया जाएगा, लेकिन रात होते ही आयोजक इस बात पर अड़ गए कि माता के पंडाल में ही कुंड बना कर विसर्जन करेंगे।
आज जब हिंदूवादी संगठनों के लोग पहुंचे तो आयोजको ने महिलाओं को आगे करते हुए विवाद की स्थिति निर्मित की। जिसके कारण मौके पर प्रशासनिक अमले के साथ भारी पुलिस बल पहुंच गया। हिंदूवादी संगठनों के विरोध को देखते हुए माता की प्रतिमा बिना बैंड बाजा, बिना कोई शोर किये शांति से भटौली कुंड विसर्जन के लिए रवाना की। लोगों ने मां के इस खण्डित स्वरूप को सृजल नेत्रों से विदा किया। इस के बाद रास्ते मे लगने वाले स्वागत पंडालों को भी किसी प्रकार के स्वागत और भंडारों के लिए रोका गया। बहरहाल जो भी हो परंतु मां के इस खंडित स्वरूप को केवल चंदा उगाही और चढाबे के लिए रोक कर रखने पर लोगों में भारी आक्रोश है एवं चर्चा है कि समिति के जिम्मेदार लोगों पर एफआईआर कराई जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक
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