मप्र में कुपोषण को लेकर हो रहा अच्छा काम, समस्या से निपटने के लिए किसे जा रहे नवाचार: निर्मला भूरिया
महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने पेश किया दो साल का रिपोर्ट कार्ड
भाेपाल, 26 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने शुक्रवार काे मीडिया के समझ अपने दाे साल के कार्यकाल का लेखाजाेखा पेश किया। इस दाैरान कुपोषण को लेकर मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि कुपोषण पूरे विश्व की परेशानी है, लेकिन मप्र की भाजपा सरकार ने इसे खत्म करने के लिए अच्छा काम कर रही है। उन्हाेंने बताया कि मप्र में कुपोषण कम हुआ है। कुपोषण अमीरी गरीबी का सवाल नहीं है, किसी भी वर्ग का बच्चा कुपोषित हो सकता है और इससे निपटने के लिए मुख्यमंत्री डाॅ. माेहन यादव के नेतृत्व में हमारा विभाग कई नवाचार कर रहा हैं जो जल्द पूरे प्रदेश में लागू किए जाएंगे।
महिला आयोग में नियुक्तियों को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि, मामला कोर्ट में लंबित है, जल्द निराकरण करवाने की कोशिश है। अपने विभाग का दो साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि, प्रदेश में विकास के हर क्षेत्र में तेज़ी से काम हुआ है और महिला सशक्तिकरण को लेकर एक नया दौर शुरू हुआ है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की मजबूत नींव साबित हुई है। उन्हाेंने बताया कि अब तक इस योजना की 31 किस्तें जारी की जा चुकी हैं और 28 हजार 633 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लाड़ली बहनों के खातों में पहुंचाई जा चुकी है। वहीं लाड़ली लक्ष्मी योजना के माध्यम से प्रदेश की 52 लाख बेटियों लाभान्वित हो रही है। अब तक 350 करोड़ रुपये से ज्यादा की छात्रवृत्ति दी जा चुकी है और आने वाले वर्षों में 25 लाख से अधिक बेटियों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
महिला सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे कई कार्यक्रम
मंत्री भूरिया ने बताया कि बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बेटियों के सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। पिंक लाइसेंस योजना में 6 हजार से ज्यादा बेटियों को लर्निंग लाइसेंस दिए गए हैं, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निशुल्क कोचिंग और कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। उन्हाेंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रदेश में 57 वन स्टॉप सेंटर संचालित किए जा रहे हैं, जहां पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे स्वास्थ्य और कानूनी सहायता मिल रही है। कामकाजी महिलाओं के लिए सखी निवास हॉस्टल भी बनाए जा रहे हैं, 284 करोड़ रुपये की लागत से नए वूमेन हॉस्टल तैयार किए जा रहे हैं और आने वाले समय में उज्जैन, धार समेत आठ जिलों में इनका विस्तार किया जाएगा। मंत्री भूरिया ने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। जनजागरूकता के साथ विशेष टीमें बनाकर कार्रवाई की जा रही है। वहीं मातृ वंदना योजना में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी बना हुआ है, जहां अब तक 10 लाख से ज्यादा माताओं को लाभ दिया जा चुका है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे

