जबलपुर: मप्र हाई कोर्ट ने कहा की जांच कमेटी की रिपोर्ट को केवल ट्रिब्यूनल और कोर्ट में ही दे सकते हैं चुनौती
जबलपुर, 25 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जस्टिस सुजय पाल की एकल पीठ ने स्पष्ट किया है कि कार्यस्थल में महिलाओं से प्रताड़ना के मामले में अपील की सुनवाई विभागीय स्तर पर नहीं हो सकती एवं जांच कमेटी की रिपोर्ट को केवल कोर्ट या ट्रिब्यूनल में ही चुनौती दी जा सकती है । इस आदेश के साथ ही अपील ने पारित किए गए आदेश को निरस्त कर दिया । यह मामला नरसिंहपुर के गाडरवारा जिले में एसएचओ के पद पर पदस्थ मुकेश खम्परिया की ओर से दायर किया गया था । उनका कहना था कि वे अगस्त 2016 से मार्च 2017 तक में वहां पदस्थ रहे। वही उनके अंडर में पदस्थ महिला SI ने उनके खिलाफ आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। जिसके लिए विधिवत जांच कमेटी गठित की गई ।
उक्त जांच कमेटी ने रिपोर्ट उनके पक्ष में दी थी। इसके खिलाफ महिला एसआई ने पुलिस मुख्यालय में आवेदन दिया था । जिसे एक एडीजीपी स्तर के अधिकारी को सोपा गया था । याचिका में उल्लेखित किया गया है कि बनाए गए एक्ट के तहत घटना के तीन माह के अंदर शिकायत करना आवश्यक है, परंतु उनके खिलाफ जो शिकायत हुई है वह मार्च 2017 में की गई जबकि घटना की दिनांक अक्टूबर 2016 है । लिहाजा नियम अनुसार जांच कमेटी की रिपोर्ट को कोर्ट एवं ट्रिब्यूनल में ही चुनौती दी जा सकती है । जस्टिस सुजय पाल की एकल पीठ में महिला SI की अपील पर विभाग स्तर में की गई जांच को निरस्त करते हुए आदेश जारी किए हैं ।
हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक
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