भगवान महाकाल का भस्म आरती में हुआ भांग और सूखे मेवे से श्रृंगार
उज्जैन, 28 मार्च (हि.स.)। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में गुरुवार तड़के भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल का जल से अभिषेक कर दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल को चंदन आभूषण और मस्तक पर चंदन का त्रिपुंड अर्पित कर भांग और सूखे मेवे से दिव्य श्रृंगार किया गया। इस दौरान भगवान महाकाल के इस दिव्य स्वरूप का सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया।
परम्परा के मुताबिक, महाकालेश्वर मंदिर में चैत्र कृष्ण पक्ष की तृतीया पर गुरुवार तड़के चार बजे मंदिर के पट खोल गए। पंडे-पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया, इसके बाद दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत से भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर पूजन अर्चन किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को चांदी का मुकुट और रुद्राक्ष व पुष्पों की माला धारण करवाई गई।
खास बात यह रही कि भस्म आरती में भगवान महाकाल को नवीन मुकुट पहना कर चंद्र और रुद्राक्ष की माला पहना कर भांग और सूखे मेवे से मनमोहक श्रृंगार किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांक कर भस्मी रमाई गई और भोग भी लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या मे श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान श्रद्धालु बाबा महाकाल की जयकारे भी लगा रहे थे। इससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
महाकाल मंदिर में आग की घटना का मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, 15 बिंदुओं पर मांगा जवाब
होली के दिन महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान आग लगने की घटना पर मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उज्जैन कलेक्टर तथा महाकाल मंदिर प्रशासक से 15 बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने पूछा है कि घटना वाले दिन यानी 25 मार्च 2024 को महाकाल मंदिर उज्जैन के गर्भगृह में भस्म आरती के लिए कितने व्यक्तियों को जाने की अनुमति थी और घटना के समय कितने व्यक्ति मौजूद थे। गर्भगृह के अलावा भस्म आरती के समय शेष व्यक्ति-भक्तगण आदि गर्भगृह के दरवाजे से कितनी दूरी पर थे। भस्म आरती के समय गर्भगृह में गुलाल किस प्रकृति का उपलब्ध कराया गया था और यह व्यवस्था किसके द्वारा की गई थी। गर्भगृह में भस्म आरती के समय गुलाल से आग किस प्रकार और किन परिस्थितियों में लगी थी।
आग के कारण गर्भगृह और उसके बाहर मौजूद कितने व्यक्ति झुलसे। उन सभी का पूर्ण विवरण और इलाज एवं वर्तमान स्थिति के संबंध में स्पष्ट प्रतिवेदन। आग में झुलसे ऐसे सभी व्यक्तियों के इलाज आदि पर व्यय की महाकाल मंदिर प्रबंधन और मध्य प्रदेश शासन की ओर से क्या व्यवस्था की गई। आग से झुलसे ऐसे व्यक्तियों को महाकाल मंदिर प्रबंधन एवं मध्यप्रदेश शासन की ओर से कोई आर्थिक मुआवजा राशि दी गई है अथवा नहीं। गर्भगृह या उसके पास गुलाल के साथ ही बताए अनुसार प्रेशर पम्प या रंग उड़ाने वाली छोटी स्प्रेगन किन परिस्थितियों में पहुंची थी। क्या उन्हें मंदिर के अंदर लाए जाने की अनुमति मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा दी गई थी। इस प्रकार की घटना महाकाल मंदिर के गर्भगृह या अन्य कहीं परिसर में न हो इसके लिए भविष्य में क्या सावधानियां और निर्देश प्रस्तावित हैं।
मामले में उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह का कहना था कि गुरुवार शाम तक मजिस्ट्रीयल टीम द्वारा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, उसके बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/संजीव
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