लोक अदालत जनमानस में कानूनी अवधारणा पर विश्वास जागृत करने का माध्यमः मुख्य न्यायाधिपति कैत

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लोक अदालत जनमानस में कानूनी अवधारणा पर विश्वास जागृत करने का माध्यमः मुख्य न्यायाधिपति कैत


इंदौर, 10 मई (हि.स.)। जब विवादों का समाधान समझदारी, निष्पक्षता और आपसी समझौते से किया जाता है तो समाज में समरसता का संचार होता है। लोक अदालतें जनसामान्य में आशा की किरण के रूप में काम करती हैं जो विवादों का सौहार्दपूर्ण एवं त्वरित निराकरण करती हैं। न्याय पालिका की भूमिका सिर्फ मामलों का निराकरण करना नहीं, बल्कि कानून-व्यवस्था में विश्वास पैदा करना है।

उक्त विचार प्रदेश के मुख्य न्यायाधिपति सुरेश कुमार कैत ने शनिवार को उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के कान्फ्रेंस हॉल में आयोजित समारोह में वर्तमान वर्ष की द्वितीय नेशनल लोक अदालत के वर्चुअल उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नेशनल लोक अदालत तक पक्षकारों को लाने के लिए अधिवक्ताओं की विशेष भूमिका होती है। नेशनल लोक अदालत की सफलता अधिकारी,कर्मचारी एवं अधिवक्ताओं के समग्र प्रयासों से ही प्राप्त होती है।

नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ कार्यक्रम में इंदौर खण्डपीठ के न्यायाधिपतिगण के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यम से जबलपुर एवं खण्डपीठ ग्वालियर के मान. न्यायाधिपतिगण, अतिरिक्त महाधिवक्ता, अध्यक्ष व सचिव, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इंदौर, सदस्य, राज्य अधिवक्ता संघ, अभिभाषकगण, पक्षकारगण, बीमा कंपनियों के अधिकारीगण एवं रजिस्ट्री के अधिकारीगण, ऑनलाईन माध्यम से मध्यप्रदेश के समस्त जिलों के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशगण,अन्य न्यायाधीशगण तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, स्कूल ऑफ लॉ के लगभग 50 विद्यार्थीगण, उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति इन्दौर के अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण सम्मिलित हुए।

नेशनल लोक अदालत में उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर की ओर से लगभग 372 प्रकरणों को निराकरण हेतु रखा गया, जिसके लिए कुल दो खण्डपीठ का गठन किया गया। जिसमें लगभग 94 प्रकरण निराकृत होकर, कुल मुआवजा राशि 88 लाख 81 हजार 432 रुपये के अवार्ड पारित किये गये।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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