भारत के गौरव पूर्ण अतीत, समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं के अनुरूप कर्म पथ पर चलेः राज्यपाल पटेल
- राज्यपाल ने प्रदेशवासियों का किया आव्हान- मप्र को विकसित, आत्म-निर्भर बनाने में दे सर्वश्रेष्ठ योगदान
भोपाल, 26 जनवरी (हि.स.)। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने प्रदेशवासियों का आव्हान किया है कि भारत के गौरवपूर्ण अतीत और समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं के अनुरूप निरंतर कर्म पथ पर चलते हुए मध्यप्रदेश को विकसित एवं आत्म-निर्भर बनाने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि हम भारत के लोग संविधान में अंतर्निहित न्याय, स्वतंत्रता, समता, एकता, अखंडता और बंधुता के मार्ग पर चलते हुए निरंतर प्रगति-पथ पर अग्रसर हैं। सरकार का लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट है। पहला सभी वर्गों, क्षेत्रों का उत्थान और सशक्तिकरण, दूसरा जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना। तीसरा, प्रदेश के चहुँमुखी विकास के लिए भौतिक अधोसंरचना को अधिक से अधिक सुदृढ़ बनाना। चौथा, सबके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, निवेश और रोज़गार एवं स्व-रोज़गार को प्राथमिकता देना। पाँचवां, सरकार के कामकाज में हर स्तर पर सुशासन सुनिश्चित करना और छठवां, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संकल्प-पत्र में दी गई गारंटियों को पूरा कर मध्यप्रदेश को देश का सबसे अग्रणी राज्य बनाना है।
राज्यपाल पटेल शुक्रवार को 75वें गणतंत्र दिवस पर राजधानी भोपाल में आयोजित मुख्य समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन लाल परेड ग्राउंड में किया गया। इस अवसर पर राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, मुख्य सचिव वीरा राणा और पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना सहित जन प्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य जन और बड़ी संख्या में भोपाल के नागरिक उपस्थित थे।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 45 लाख करोड़ तक ले जाना लक्ष्य
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के भारत को अमृतकाल में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प की पूर्ति के लिए राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 45 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक ले जाने का है। मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक अभ्युदय का एक महापर्व गतिमान है। श्रीमहाकाल महालोक परिसर की तर्ज पर 18 लोकों के निर्माण के रोडमैप पर तेजी से काम किया जा रहा है। संत शिरोमणि रविदास स्मारक, रानी दुर्गावती स्मारक और श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक भावी पीढ़ियों के लिए नए प्रेरणा पुंज के रूप में स्थापित होंगे। केन्द्र सरकार से भोपाल में 15 करोड़ रुपये की लागत से सिटी म्यूजियम की स्थापना की स्वीकृति प्राप्त हुई है। प्रदेश के चित्रकूट, खजुराहो, उज्जैन एवं भोपाल में सांस्कृतिक वन बनाए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण और जैव-विविधता के संवर्धन के लिए 100 नगर वन क्षेत्र स्थापित करने का लक्ष्य है। उज्जैन स्थित श्रीमहाकाल महालोक के नीलकण्ठ वन परिसर एवं अवंतिका हाट के मध्य स्वच्छ स्ट्रीट फूड हब ’प्रसादम्’ का शुभारंभ किया गया है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनहित ऐप लाँच
उन्होंने कहा कि पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत साढ़े 3 करोड़ रुपए से अधिक की लागत की 3 जिलों की इण्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स का लोकार्पण और 13 जिलों की लैब्स का भूमि-पूजन किया गया है। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में 132 प्रकार की, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 45 प्रकार की और उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में 15 प्रकार की नि:शुल्क जाँचें उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है जहाँ पब्लिक हेल्थ कैडर बनाया गया है। आगामी वर्ष में प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में 22 आयुष विंग प्रारंभ करने का लक्ष्य है। प्रदेश में भारत सरकार के सहयोग से 06 तथा राज्य बजट से 09 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। आम-जनता की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए ’मनहित ऐप’ लांच किया गया है।
महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में 1 करोड़ 29 लाख बहनें लाभान्वित हुई
पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप दिनांक 10 से 15 जनवरी-2024 तक संचालित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के दौरान प्रदेश की 1.29 करोड़ पात्र बहनों के खातों में 1576 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की गई है। मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना से अब तक 46 लाख 74 हजार बालिकाओं को लाभान्वित किया जा चुका है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत अब तक 61 लाख से अधिक महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा जा चुका है।
विशेष पिछड़ी जनजातियों की 100 तक की आबादी सड़क से जुड़ेगी
उन्होंने कहा कि पीएम जन-मन योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल वाली बसाहटों में लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से 194 नवीन आँगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। इसी प्रकार 384 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में बालक एवं बालिका छात्रावास निर्मित किए जाएंगे। भारत सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में 125 बहुउद्देश्यीय केन्द्रों के निर्माण के लिए 75 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। पीएम जन-मन योजना के माध्यम से बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजातियों की 100 तक की जनसंख्या वाली बसाहटों को भी पक्की सड़क से जोड़ा जाएगा। इसी प्रकार विशेष पिछड़ी जनजातीय बहुल क्षेत्रों में आवास निर्माण के लिए प्रति हितग्राही 2 लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। इससे प्रदेश में 1 लाख से अधिक लक्षित हितग्राही परिवार लाभान्वित होंगे। सड़क, पुल एवं आवास निर्माण पर 4 हजार 900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि व्यय की जाएगी।
21 लाख 74 हजार की सिकल सेल जाँच हुई
राज्यपाल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन हेतु राज्य हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन की स्थापना की गई है। प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में अब तक 21 लाख 74 हजार से भी अधिक जनसंख्या की जाँच की जा चुकी है तथा 10 लाख 38 हजार से अधिक लाभार्थियों को जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड वितरित कर दिए गए हैं। जनजातीय क्षेत्रों में पेसा नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल पंचायतें एवं ग्राम सभाएँ सशक्त बनी हैं, बल्कि जनजातीय भाई-बहनों के समग्र कल्याण और हितों के संरक्षण का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है।
सीएम राइज स्कूलों के बच्चों को परिवहन सुविधा
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी पहल पर देश को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सौगात मिली है। प्रदेश में 369 सर्वसुविधायुक्त सीएम राइज़ विद्यालयों का संचालन प्रारंभ हो चुका है। उज्जैन एवं नर्मदापुरम संभाग के जिलों में इन स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए परिवहन सुविधा भी प्रारंभ कर दी गई है। निकट भविष्य में इसका विस्तार सभी सीएम राइज़ स्कूलों में किया जाएगा। प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों एवं दुग्ध सहकारी समितियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से गुजरात और मध्यप्रदेश के डेयरी फेडरेशनों की संयुक्त सहभागिता में कार्य हेतु रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इस वर्ष अब तक 6 हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़कों का निर्माण एवं उन्नयन किया गया है। प्रदेश में सात हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़कों का नवीनीकरण कर उन्हें नई सड़कों जैसा बनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश की सकल ऊर्जा क्षमता 29 हजार मेगावॉट तक पहुँच गई है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत 60% से भी अधिक ग्रामीण परिवारों तक नल का शुद्ध जल पहुँच चुका है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना एवं लाड़ली बहना योजना की पात्र गैस कनेक्शनधारी महिलाओं को 450 रुपए में गैस रीफिल उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में इस वर्ष 19 हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को रेल एवं हवाई जहाज से तीर्थ-यात्रा कराई गई है।
देश के सबसे अग्रणी राज्य बनाने के तेज गति से हो रहे कार्य
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने संकल्प-पत्र-2023 में मध्यप्रदेश के जन-जन को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी गई गारंटियों को समय-सीमा में पूरा करने हेतु एक नए विजन के साथ मिशन-मोड में काम करना प्रारंभ कर दिया है। इक्कीसवीं सदी के भारत में मध्यप्रदेश, देश का सबसे अग्रणी राज्य बने, इस संकल्प की पूर्ति के लिए नई सरकार कितनी तेज गति से प्रयास कर रही है, इसकी झलक पिछले डेढ़ माह के कार्यकाल में लिए गए जनहितकारी निर्णयों में स्पष्ट दिखाई देती है। ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अवैधानिक एवं अनियंत्रित उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। बिना लाइसेंस के खुले में माँस-मछली आदि की बिक्री पर रोक लगाई गई है। भोपाल में नागरिकों की सुविधा और यातायात की सुगमता को देखते हुए BRTS कॉरिडोर को हटाने का निर्णय लेकर यह कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है।
अमृत-काल का आध्यात्मिक अनुष्ठान बना भगवान श्रीराम प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा
उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के इस अमृत महोत्सव की खुशियाँ माननीय प्रधानमंत्री जी की गरिमामय उपस्थिति में अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य, दिव्य और नव्य मंदिर में प्रभु की पावन प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठानपूर्ण होने से द्विगुणित हो गई हैं। बरसों की प्रतीक्षा के बाद पौष शुक्ल द्वादशी को यह पुण्य अवसर आया तो पूरा देश भगवान श्रीराम के स्वागत में राममय हो गया। सकल विश्व, आज़ादी के अमृत-काल के इस अद्भुत आध्यात्मिक अनुष्ठान का साक्षी बना।
विकसित भारत-संकल्प-यात्रा से किसान, गरीब, महिला, युवा सशक्त बनें
राज्यपाल ने कहा कि विकसित भारत-संकल्प-यात्रा प्रधानमंत्री के आह्वान पर भारत को विकसित बनाने के सपने की अभिव्यक्ति है। यह यात्रा न केवल हर पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने में सफल हुई है, बल्कि इसके माध्यम से किसान, गरीब, महिला, युवा- सभी सशक्त बने हैं। मध्यप्रदेश में इस यात्रा ने जनपर्व का रूप ले लिया और 2 करोड़ से भी अधिक लोग यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के दौरान विभिन्न योजनाओं एवं शिविरों के माध्यम से 50 लाख से भी अधिक नागरिकों को लाभान्वित किया गया है।
न्याय, स्वतंत्रता, समता, एकता, अखंडता और बंधुता पथ पर चलना गर्व का विषय
राज्यपाल पटेल ने इस अवसर पर भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के सभी सदस्यों को नमन करते हुए कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में पुष्पित और पल्लवित करने में उनका अमूल्य योगदान दिया। आज कृतज्ञ राष्ट्र उन सभी महापुरुषों, क्रांतिकारियों, जन-नायकों, देशभक्तों और शहीदों के चरणों में पूरी श्रद्धा से नमन कर रहा है, जिनके अदम्य शौर्य, साहस, त्याग और बलिदानों की बदौलत हम आज़ाद भारत की खुली हवा में साँस ले रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद
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