मप्र विधानसभाः हंगामे के बीच बजट पर सामान्य चर्चा का हुआ समापन
- वित्त मंत्री ने बताया अमृतकाल का बजट
भोपाल, 15 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा पेश किए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट पर तीन दिन से चल रही सामान्य चर्चा का समापन हुआ। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने इसे अमृतकाल का बजट बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 साल तक अमृतकाल का बजट पेश करेंगे। वित्त मंत्री के बजट पर वक्तव्य के दौरान सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान सदन में विपक्ष द्वारा जमकर हंगामा किया गया।
सामान्य चर्चा के उत्तर में वित्त मंत्री देवड़ा ने बजट को सर्वस्पर्शी और प्रदेश को आगे बढ़ाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि बजट के लिए आमजन से सुझाव लिए गए। इस पर पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने कहा कि केवल दो ऐसे सुझाव बता दें, जिसके अनुरूप बजट बनाया गया। इस बीच सदन में जमकर हंगामा हुआ। भनोट ने वित्त मंत्री से कर्ज को लेकर सवाल किया तो सदन में गहमागहमी शुरू हो गई। कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि अधिक कर्ज लेना गलत है।
वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि कोई गलत कर्ज नहीं लिया गया है। जब-जब कर्ज लिया, पूंजीगत व्यय के लिए लिया। कांग्रेस ने तो किसान कर्ज माफी के लिए कर्ज लिया। कांग्रेसियों ने बजट का एक शब्द नहीं सुना है, सारे वर्गों का बजट में समावेश है। नया टैक्स न पहले लगाया गया था और न अभी लगाया गया। देवड़ा ने कहा कि ई बजट से डेढ़ मीट्रिक टन कागज की बचत होगी। इसके बाद भनोट के प्रश्न के जवाब में देवड़ा राजस्थान का कर्ज बताने लगे, जिस पर विपक्ष ने कहा कि आप राजस्थान के वित्त मंत्री नहीं हैं। मध्य प्रदेश का कर्ज बताइए। देवड़ा ने कहा कि 10 साल की कांग्रेस सरकार में एक घंटा बिजली नहीं मिलती थी।
इस पर नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने कहा कि गड़े मुर्दे न उखाड़ें, बजट पर बोलें। इधर बजट पर सामान्य चर्चा में कांग्रेस विधायक सोहन वाल्मीक ने कहा कि सरकारी खर्चे पर विकास यात्रा निकालकर भाजपा का प्रचार किया गया। यह सरकार का षढयंत्र था।
प्रदेश में कर्ज के सवाल पर दो बार हुआ बहिर्गमन
मध्य प्रदेश में कर्ज की स्थिति को लेकर तरुण भनोट के वित्त मंत्री देवड़ा से सवाल पर सदन में हंगामा शुरू हो गया और भनोट बहिर्गमन कर सदन से बाहर चले गए। कुछ देर बाद फिर वापस आकर कर्ज पर सवाल करने लगे तो अध्यक्ष ने उन्हें टोका और कहा कि आप फिर वही सवाल कर रहे हैं, जिस पर आपने बहिर्गमन किया। आप सदन चलने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। इस पर भनोट ने कहा कि क्या मैं फिर बाहर चला जाऊं। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि चले जाइए। इस पर भनोट ने अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप मुझे बाहर जाने को कह रहे हैं। अध्यक्ष जी, आप हमारे संरक्षक हैं। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि आपका अधिकार है कि आपको अंदर बैठना है या बाहर जाना है। मैंने आपको बाहर जाने के लिए नहीं कहा।
इससे पहले बजट पर सामान्य चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अलग-अलग मुद्दों पर एक-दूसरे को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस के सदस्य डा.अशोक मर्सकोले ने कहा कि जब स्कूलों में शिक्षकों के नहीं होने की बात की जाती है तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीएम राइज स्कूल की बात करने लगते हैं। अस्पतालों में डाक्टरों की कमी की बात होती है तो वह नए मेडिकल कालेज खोलने की बात करते हैं। कांग्रेस के अजय टंडन ने कहा कि भाजपा के लोग बोलते हैं कि दिग्विजय सिंह के सीएम रहने के दौरान पेड़ के नीचे स्कूल लगते थे। पेड़ के नीचे कक्षाएं लगी होंगी तो भी शिक्षक थे। एक वर्ष में उन्होंने 40 हजार शिक्षाकर्मी भर्ती किए थे। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने पांच सौ रुपये प्रतिमाह में शिक्षाकर्मी भरे थे। हम अब 50 हजार रुपये दे रहे हैं। कांग्रेस के हिरालाल अलावा ने कहा कि पीएम आवास योजना में पांच लाख रुपये मिले। पुरानी पेंशन योजना लागू हो। धार, झाबुआ, बड़वानी जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में मेडिकल कालेज खुलें।
कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति 48 हजार रुपये कर्ज है जो कभी तीन हजार तीन सौ रुपये होता था। भाजपा के अनिरुद्ध माधव मारू ने कहा कि हर वर्ग के विकास का बजट है। कांग्रेस सरकार में लाड़ली बहना योजना नहीं थी। कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आईआईटी, आईआईएम, मनरेगा, आरटीआइ सब कांग्रेस सरकार की देन है। भाजपा के दिलीप सिंह परिहार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना शुरू की। बहनें राजनीति में आगे बढ़ रही हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / डा. मयंक
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।