लाड़ली बहना योजना से महिलाएं होंगी आर्थिक रूप से सशक्त : राज्यपाल


- राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री चौहान डिंडोरी जिले के रजत जयंती समारोह और महिला सम्मेलन में शामिल हुए
- डिंडौरी जिले को दी विकास की अनेक सौगातें
भोपाल, 25 मई (हि.स.)। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से प्रदेश की बहनें आर्थिक रूप से और सशक्त और आत्म-निर्भर होंगी। बहनें अब और मज़बूती से अपनी बातें रख पाएंगी। उन्होंने आह्वान किया कि बच्चों का अच्छा स्वास्थ्य एवं शिक्षा प्रगति के लिए अहम है। इस दिशा में शासन के प्रयास में सभी अभिभावक अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन करें।
राज्यपाल पटेल डिंडोरी जिले में महिला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल पटेल गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान डिंडोरी जिले के रजत जयंती समारोह और महिला सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने जिले की स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर विकास की अनेक सौगातें देते हुए विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया।
समारोह में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में हितग्राहियों को आवासीय भूमि के अधिकार-पत्र और विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं में हितलाभ वितरित किए। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने डिंडोरी जिले के विकास की परिकल्पना पर केंद्रित पुस्तिका विजन डॉक्यूमेंट का विमोचन और डिंडोरी नर्मदा यात्रा की वेबसाइट का अनावरण भी किया। राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री चौहान ने डिंडोरी जिले के स्थापना की रजत जयंती पर जिलेवासियों को शुभकामनाएँ दी।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि समारोह को संबोधित करते हुए यह प्रसन्नता का विषय है कि राज्य सरकार सभी वर्गों, युवा, महिला, वंचित वर्ग एवं जनजातीय विकास के लिए पूरे समर्पण से कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने जल, जंगल एवं ज़मीन पर जनजातीय समाज के पारंपरिक अधिकारों को सशक्त बनाने के लिए जनजातीय बहुल 20 ज़िलों में पेसा एक्ट लागू कर दिया है। उन्होंने शासन द्वारा महिलाओं के लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमों को सरकारी ख़रीद में प्राथमिकता देने के निर्णय की सराहना की। साथ ही मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में प्रथम रहने पर राज्य सरकार को बधाई दी।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत से सिकल सेल एनीमिया एवं टीबी के उन्मूलन का संकल्प लिया है। इस जनहितकारी संकल्प को सफल बनाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होंगे। विशेषकर जनजातीय बहुल 20 ज़िले, जो इस रोग से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं, में इसकी जाँच प्रारंभ की जा चुकी है, सभी नागरिक अपनी जाँच अवश्य करायें। केंद्र सरकार द्वारा आनुवांशिक सिकल सेल एनीमिया के लिए वर्ष 2047 एवं टीबी उन्मूलन के लिए वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा गया है। राज्यपाल ने कहा कि टीबी रोग को छुपाये नहीं, लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त करें।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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