मप्र विस चुनावः केबल चैनलों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी रखें पैनी नजर- प्रेक्षक
- प्रेक्षकों ने किया मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ का औचक निरीक्षण, दिए निर्देश
ग्वालियर, 1 नवंबर (हि.स.)। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और एफएम चैनल के साथ सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली चुनाव प्रचार संबंधी हर उस खबर को रिकॉर्ड करें, जो प्रथम दृष्टया पेड न्यूज नज़र आ रही हो। एमसीएमसी द्वारा खबर को विधिवत पेड न्यूज घोषित किए जाने पर उसका खर्चा प्रत्याशी के खाते में जुड़वाएँ। यह निर्देश बुधवार को निर्वाचन प्रेक्षक रवि कुमार अरोरा एवं आनंद शर्मा ने मीडिया अनुवीक्षण कक्ष के निरीक्षण के दौरान दिए।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जिले के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 16-ग्वालियर पूर्व व 17-ग्वालियर दक्षिण के चुनाव पर निगरानी रखने के लिये भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रवि कुमार अरोरा और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 19-डबरा (अजा) के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आनंद शर्मा को व्यय प्रेक्षक नियुक्त किया है।
भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के तहत पेड न्यूज पर नजर रखने के लिये जिला स्तर पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में मीडिया अनुवीक्षण एवं प्रमाणन समिति (एमसीएमसी) गठित की गई है। आयोग ने पेड न्यूज'' पर बारीकी से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। इसके लिये यहाँ रंगमहल गार्डन के सामने स्थित संभागीय जनसंपर्क कार्यालय में जिले के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का इकजाई मीडिया सैल (मीडिया अनुवीक्षण कक्ष) स्थापित किया गया है। एमसीएमसी द्वारा मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ के जरिए 24 घण्टे इलेक्ट्रोनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया व सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली चुनावी खबरों की गहन छानबीन की जा रही है। पेड न्यूज साबित होने पर संबंधित प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में पेड न्यूज प्रकाशन पर हुआ खर्च जोड़ा जायेगा।
मीडिया अनुवीक्षण कक्ष के निरीक्षण के दौरान निर्वाचन प्रेक्षक द्वय ने निर्देश दिए कि सोशल मीडिया खासतौर पर यूट्यूब चैनल और ऐसे लोगों के अकाउण्ट जिनके फोलोअर्स अधिक हैं उन पर विशेष नजर रखें। यदि इन पर चुनाव प्रचार संबंधी कोई खबर पाई जाए तो उसको विधिवत रिकॉर्ड कर संबंधित प्रत्याशी के खाते में खर्चा जुड़वाएँ।
निर्वाचन व्यय प्रेक्षक द्वय अरोरा व शर्मा द्वारा किए गए मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ के निरीक्षण के समय उप संचालक जनसंपर्क मधु सोलापुरकर एवं सहायक जनसंपर्क अधिकारी श्री हितेन्द्र सिंह भदौरिया सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
दो भागों में संचालित है मीडिया सैल
मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ दो भागों में संचालित हो रहा है। एक भाग में केवल चैनलो, एफएम रेडियो चैनल व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को रिकॉर्ड करने के लिये कम्प्यूटर लगाए गए हैं। इन कम्प्यूटर पर तीन पालियों में पृथक-पृथक अधिकारी व कर्मचारी 24 घण्टे तैनात किए गए हैं। केबल चैनलों से प्रसारित हो रहे कार्यक्रम चुनावी प्रचार से संबंधित होने पर एक बटन दबाते ही रिकॉर्ड हो जाते हैं। इस प्रकार रिकॉर्ड किए गए कार्यक्रमों का एमसीएमसी कमेटी द्वारा परीक्षण किया जाता है। साथ ही इसकी एक सीडी व्यय लेखा अधिकारी को भेजी जायेगी।
मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ के दूसरे भाग में प्रिंट मीडिया अर्थात अखबारों में प्रकाशित होने वाली चुनाव से संबंधित पेड न्यूज सहित अन्य चुनावी खबरों व विज्ञापनों पर नजर रखी जायेगी। इसके लिये दो पालियों में अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। प्रात:काल की पाली में दैनिक अखबारों एवं द्वितीय पाली में सांध्यकालीन अखबारों पर नजर रखकर चुनावी पेड न्यूज व विज्ञापनों की विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रवार कतरनें की जा रही हैं। एमसीएमसी कमेटी द्वारा खबरों की जाँच की जायेगी और जो खबर पेड न्यूज साबित होगी उसका खर्चा संबंधित प्रत्याशी के चुनावी व्यय में जोड़ने के लिये व्यय अधिकारी को लिखा जायेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद
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