मप्र: चुनाव के दौरान कैलाश ने कहा था मैं वापस आ रहा हूं, अफसरों की उड़ गई है नींद, अब कैबिनेट मंत्री के रूप में की वापसी - मंत्रीपद की शपथ लेने के बाद से मालवा में खुशी

मप्र: चुनाव के दौरान कैलाश ने कहा था मैं वापस आ रहा हूं, अफसरों की उड़ गई है नींद, अब कैबिनेट मंत्री के रूप में की वापसी - मंत्रीपद की शपथ लेने के बाद से मालवा में खुशी
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मप्र: चुनाव के दौरान कैलाश ने कहा था मैं वापस आ रहा हूं, अफसरों की उड़ गई है नींद, अब कैबिनेट मंत्री के रूप में की वापसी - मंत्रीपद की शपथ लेने के बाद से मालवा में खुशी


भोपाल, 25 दिसंबर (हि.स.)। मध्यप्रदेश में मंत्रीमण्डल का गठन होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के लोकप्रिय नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट मंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ली है। जहां वे अक्सर अपने बयानों से देशभर में चर्चा में रहते हैं, वहीं उनके बारे में यह कहा जाता है कि वे जहां भी चुनाव लड़ने जाते हैं, वहां से विजय होकर आते हैं। महू की तरह ही इंदौर में इस बार भी यही देखने को मिला है। उन्होंने यहां इंदौर एक से अपने प्रतिद्वंद्वी संजय शुक्ला को भारी अंतर से हराया है ।

इस बार विधानसभा चुनावों के दौरान भी उनके कई बयान चर्चा में रहे, जिसमें कि कैलाश विजयवर्गीय का कहना कि उनके आते ही प्रदेश के अफसरों की नींद उड़ गई है। कोई अफसर नहीं हुआ जो मेरा काम न करें। अब तक मध्यप्रदेश में ऐसा कोई अफसर पैदा नहीं हुआ जो उनका काम न कर के दे। मैं वापस मध्यप्रदेश में आ गया हूं, मैं विधानसभा एक से ही नहीं बल्कि पूरे इंदौर से नशा और पाउडर बेचने वालों को ठिकाने लगा दूंगा। कुछ साल मध्यप्रदेश के बाहर था, इसलिए दखल नहीं देता था, लेकिन अब वापस आ गया हूं।

विजयवर्गीय ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा था कि अब आप चिंता मत करना, अब कार्यकर्ताओं का सम्मान होगा। जब भी आप कहीं सरकारी दफ्तरों में जाएंगे तो अफसर आपको सम्मान देगा। काम भी होगा और विकास भी होगा। विजयवर्गीय जब इस तरह के बयान देते हैं तो यही माना जाता है कि सत्ता पर हावी अफसरशाही पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन अब वे कानूनी तौर पर भी शक्तिशाली रूप में सामने आ रहे हैं। आज मंत्रीमण्डल में शपथ लेने के साथ ही यह उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें अहम विभाग मिलेंगे। जहां अफसरशाही एक बार फिर उनके निर्णयों को गंभीरता से लेते हुए दिखाई देगी। इसी तरह से विजयवर्गीय ने एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल पर अपनी बात रखते हुए व्यक्तिगत सर्वे के आधार पर मध्यप्रदेश में बीजेपी की 160 से ऊपर सीटें जीतने का दावा ठोंका था, जोकि पूरी तरह से सच साबित हुआ है।

यहां कैलाश विजयवर्गीय के संपूर्ण जीवन को देखें तो उनका जन्म 13 मई, 1956 को इन्दौर में हुआ। उन्होंने बी.एस.सी. और एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की है । वे 1975 से विद्यार्थी परिषद के माध्यम से राजनीति में आये। 1983 में इंदौर नगर निगम के पार्षद और 1985 में स्थायी समिति के अध्यक्ष बने। 'भारतीय जनता युवा मोर्चा' के प्रदेश मंत्री तथा 'भारतीय जनता पार्टी', इंदौर के संगठन महामंत्री और भाजपा प्रदेश विधि प्रकोष्ठ के संयोजक रहे। 1985 में विद्यार्थी मोर्चा के प्रदेश संयोजक बने और 1992 में 'भारतीय जनता युवा मोर्चा' के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा वर्ष 1993 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री व गुजरात के प्रभारी रहे। 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए विजयवर्गीय बीजेपी के चुनाव प्रभारी नियुक्त हुए थे, उसके बाद ही विधानसभा चुनाव में वहां बीजेपी स्पष्ट बहुमत में आई । इसके बाद वे पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में चुनाव प्रभारी रहते हुए भाजपा को सफलता दिलाते रहे हैं। उनकी क्षमताओं को देखते हुए पार्टी ने संगठन स्तर पर उन्हें आज राष्ट्रीय महासचिव बनाया हुआ है।

कैलाश विजयवर्गीय 1990, 1993, 1998 तथा 2003 में विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। दिसम्बर, 2008 में वे तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में इंदौर की महू सीट से विजय प्राप्त करने के बाद ज़िले से लगातार पाँचवीं बार विधायक बनने वाले पहले उम्मीदवार बने। इस बार वे इंदौर एक से जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं। कैलाश विजयवर्गीय विधानसभा की सार्वजनिक उपक्रम समिति एवं लोक लेखा समिति सदस्य समेत कई अहम पदों पर रहते रहे हैं। वे वर्ष 2000 में इंदौर नगर पालिक निगम के महापौर पद पर महानगर के मतदाताओं द्वारा सीधे निर्वाचित प्रथम महापौर रहे। इसी वर्ष 'अखिल भारतीय महापौर परिषद' के वे उपाध्यक्ष तथा अध्यक्ष भी मनोनीत हुए। पार्टी में केन्द्रीय नेतृत्व के लिए पदोन्नत होने से पहले वे पूर्व में बारह वर्ष तक राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

कैलाश विजयवर्गीय जन-कार्य, संसदीय मामले ,शहरी प्रशासन एवं विकास विभाग(केवल सिंहस्थ -कुम्भ संबंधी कार्य ), धार्मिक न्यास,धर्मादा और पुनर्वास विभाग, सूचना तकनिकी , आईटी और उद्योग विभाग, शहरी विकास विभाग , विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्री रह चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2006 में तय, मिलेनियम के विकास लक्ष्य पूरे करने हेतु जन धारणा बनाने के महत्वपूर्ण प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र ने विजयवर्गीय को सम्मानित भी किया है। यह विजयवर्गीय के प्रयास रहे जो 2007 में मध्य प्रदेश को सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में तीन सम्मानजनक अवार्ड मिले। साथ ही विजयवर्गीय को भवन उद्योग नेतृत्व अवार्ड भी मिल चुका है।

कैलाश विजयवर्गीय ने इसके साथ ही कई देशों की यात्रा भी की है। जिसमें 'होनोलुलू' (अमेरिका) में विश्व महापौर सम्मेलन में श्रेष्ठ महापौर के रूप में उन्हें पुरस्कृत किया गया था उन्हें 'विश्व पृथ्वी सम्मेलन' की तैयारी समिति के सदस्य के रूप में चीन आमंत्रित किया गया था। कैलाश विजयवर्गीय को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने जन सहयोग से नगरीय विकास के अनुभव बांटने के लिये आमंत्रित किया। इसके बाद उन्हें गारलेंड सिटी (अमेरिका) द्वारा सहभागिता से नगरीय विकास के अनुबंध के लिये आमंत्रित किया गया। वे डरबन (दक्षिण अफ़्रीका) में भारतीय स्वैच्छिक संगठन दल का नेतृत्व करते हुए वहां पहुंचे थे। इसके अलावा भी उन्होंने अन्य कई देशों की यात्रा की है । उनके एक बार फिर मध्यप्रदेश मंत्रीपरिषद के सदस्य चुने जाने पर मालवांचल समेत प्रदेश भर के लोगों को उम्मीद है कि उन्हें जो भी विभाग मिलेगा वह तेजी से विकास की दौड़ में आगे रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ मयंक/मुकेश

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