जीतू पटवारी ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा को घेरा, कहा- सिर्फ भाषण नहीं, सुरक्षा चाहिए

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जीतू पटवारी ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा को घेरा, कहा- सिर्फ भाषण नहीं, सुरक्षा चाहिए


भाेपाल, 25 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मध्य प्रदेश दाैरे के बीच राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आराेप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव से गृह विभाग संभल नहीं रहा है, प्रदेश में अपराध की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और केंद्र तथा राज्य सरकार हालात सुधारने में विफल रही हैं।

जीतू पटवारी ने गुरुवार काे मीडिया काे जारी बयान में कहा कि अमित शाह जी का मध्य प्रदेश में स्वागत है, लेकिन स्वागत के साथ प्रदेश की जनता के ऐसे पाँच सवाल हैं, जिनसे भाजपा सरकार वर्षों से मुँह चुराती आ रही है। पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश आज भय, अपराध और असुरक्षा के माहौल में जी रहा है। कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और प्रदेश का गृह विभाग केवल कागज़ों और विज्ञापनों तक सिमट कर रह गया है। लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय इस स्थिति पर आंखें मूंदे हुए हैं। उन्होंने ये सवाल भी किया कि इतने वर्षों में आपने इस राज्य के लिए कोई विशेष सुरक्षा हस्तक्षेप योजना क्यों नहीं बनाई।

जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में आज आम नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है और पुलिस व्यवस्था पूरी तरह दबाव में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी से गृह विभाग संभल नहीं रहा है। प्रदेश में कानून का राज नहीं, बल्कि अपराधियों का राज स्थापित हो चुका है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि “मध्य प्रदेश को अब खोखले भाषण, नारों और रेटिंग की राजनीति नहीं चाहिए। प्रदेश की जनता को मजबूत कानून व्यवस्था, जवाबदेह पुलिस तंत्र और सुरक्षित भविष्य चाहिए।

पूछे पांच सवाल

1. मध्य प्रदेश में 20,000 से अधिक पुलिस पद खाली हैं, जिसके चलते अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। आपने अब तक राज्य में इस स्थिति पर ठोस हस्तक्षेप क्यों नहीं किया?

2. NCRB के आंकड़ों में महिलाओं और आदिवासियों के खिलाफ अपराधों में मध्य प्रदेश देश के शीर्ष राज्यों में है। इतने वर्षों में आपने इस राज्य के लिए कोई विशेष सुरक्षा हस्तक्षेप योजना क्यों नहीं बनाई?

3. आदिवासी बहुल जिलों में अत्याचार निवारण कानून के मामलों में गिरफ्तारी, चार्जशीट और सजा की दर बेहद कमजोर है। गृह मंत्रालय ने इन जिलों में विशेष पुलिस व्यवस्था और जवाबदेही अब तक तय क्यों नहीं की?

4. मंदसौर के मल्हारगढ़ थाने को आपने स्वयं देश के सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों में से एक घोषित किया था। उसी थाने में एक निर्दोष छात्र को ड्रग्स तस्करी के मामले में फंसाने का गंभीर आरोप सामने आया है। आखिर इस तरह की फर्जी रेटिंग किस आधार पर दी जा रही है?

5. मध्य प्रदेश में 23,000 से अधिक बेटियां लापता हैं और 575 से ज्यादा बलात्कार के आरोपी खुले घूम रहे हैं। यह कानून व्यवस्था के पूर्ण पतन को दर्शाता है। इतने बड़े और गंभीर आंकड़ों के बावजूद गृह मंत्रालय ने अब तक राज्य पुलिस की जवाबदेही तय करने के लिए क्या ठोस कदम उठाए हैं?

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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे

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