जबलपुर : उफनती नर्मदा की लहरों में एक हाथ में तिरंगा थामे तैराकों ने निकाली अनोखी यात्रा
जबलपुर, 14 अगस्त (हि.स.)। स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले समूचे हिंदुस्तान में इस वक्त हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं। परन्तु जबलपुर में एक अनूठी यात्रा की चर्चा न केवल प्रदेश बल्कि सम्पूर्ण देश में हो रही है, चर्चा इसलिए कि बरगी बांध के गेट खुले होने से उफनती नर्मदा नदी में ग्वारीघाट से तिलवारा घाट तक 10 किलोमीटर के दायरे में तैराकों ने तिरंगा यात्रा निकाली।
हाथों में तिरंगा थामे और दिल में देश भक्ति का जज्बा लिए सैकड़ों तैराक तिरंगा यात्रा में शामिल हुए। नर्मदा नदी की उफनती लहरों के बीच ग्वारीघाट से तिलवारा घाट तक करीब 10 किलोमीटर की तिरंगा यात्रा को जिसने भी देखा,वह बस देखता ही रह गया। हिंदुस्तान की आजादी दिवस के एक पहले से भारत के विभाजन की विभीषिका का दंश झेलने वाले भारतीय नर्मदा में यह तिरंगा यात्रा अखंड भारत के सपने को संजोकर हर साल 14 अगस्त को निकालते आ रहे है। साल 2005 से शुरू हुई तिरंगा यात्रा में हर धर्म के छोटे से लेकर बुजुर्ग तारक शामिल होते रहे हैं। इस मौके पर राजनेता से लेकर धर्मगुरु तक देशभक्ति से ओतप्रोत नजर आए और तिरंगा यात्रा का उत्साह वर्धन करने पहुंचे।
देश की एकता और अखंडता का संदेश देते हुए नर्मदा की लहरों को चीरते हुए निकलने वाली इस अनोखी यात्रा को देखने बड़ी संख्या में सैलानी भी पहुंचे। तिरंगा यात्रा से संस्कारधानी के साथ साथ मप्र की जीवन रेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी भी पूरी तरह तिरंगामय नजर आई। करीब 300 से ज्यादा तैराकों ने 10 किलोमीटर कि यात्रा चार घंटे में तय की। इस यात्रा के संयोजक संजय यादव और उनके साथी अपनी टीम के साथ प्रतिवर्ष इस अनूठी यात्रा का इंतजार करते हैं ।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक / डॉ. मयंक चतुर्वेदी
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