जबलपुर : आर्मी ईस्टेट ऑफिस द्वारा बेदखली के नोटिस के बाद बिलहरी कब्रिस्तान में धरने पर बैठे लोग


जबलपुर, 11 मार्च (हि.स.)। कैंट थाना अंतर्गत बिलहरी स्थित क्रिश्चिन कब्रिस्तान में आज मंगलवार को वहां रह रहे परिवारों ने बेदखली नोटिस के बाद से धरना दे दिया है इससे सर गर्मी फैल गई। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस बल व प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर जा पहुंचे। परिवारों ने बेदखली की कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। आर्मी द्वारा दिए गए नोटिस को देखते हुए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी धरना स्थल पर जा पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि बिलहरी कब्रिस्तान के अंदर करीब 8 परिवार रहते हैं। उक्त परिवार के सदस्यों का कहना है कि वो पीढ़ियों से वहां रह रहे हैं और कब्रिस्तान की व्यवस्थाओं में अपना योगदान देते चले आ रहे हैं। उनका दावा है कि उक्त कब्रिस्तान ब्रिट्रिश कालीन है और उनके परिवारों को कब्रिस्तान की कब्रों की देखरेख के लिए ब्रिट्रिश शासकों ने तैनात किया था। उनका दावा यह भी है कि उक्त कब्रिस्तान की भूमि ना तो प्रदेश शासन के आधीन है और ना ही केंद्र सरकार के आधीन है। लिहाजा उन्हें बेदखल नहीं किया जा सकता है।
इसके पूर्व आर्मी ईस्टेट ऑफिसर ने 24 फरवरी को नोटिस जारी किया था। जिसमें बताया गया था कि अधिनियम की धारा 5-ए की उपधारा (1) के प्रावधान का उल्लंघन करते हुए सर्वेक्षण संख्या 386 पर लगभग 6750 वर्ग फीट में निर्माण किया गया है। आर्मी का दावा है कि 11 मार्च 2019 को लिखित नोटिस द्वारा 20 मार्च 2019 तक उक्त भवन हटाने को कहा गया था। लिहाजा अधिनियम की धारा 5-बी की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए कब्रिस्तान में रहे भीम सिंह पुत्र स्वर्गीय सूरज पई,मनोज कोरी पुत्र स्वर्गीय सूरज पाल,वीरेंद्र कोरी पुत्र स्वर्गीय हेमंत कोरी,मुकेश कोरी पुत्र स्वर्गीय हेमंत कोरी को आदेश दिया गया था कि 4 मार्च तक मकानों काे हटा लें। अन्यथा उक्त कार्य को संपदा अधिकारी या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी द्वारा ध्वस्त कर दिया जाएगा।
धरना स्थल पर पहुंचे क्रिश्चियन समाज के लोगों ने बताया की आर्मी ऑफिसर ने कब्रिस्तान के गेट को आर्मी के ट्रक लगाकर बंद कर दिया है जो की पूर्णतः अनुचित है। क्रिश्चियन समाज के लोगों ने प्रशासन से पूरे मामले में दखल देते हुए न्याय दिलाने की उम्मीद जताई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक