(अपडेट) पांचवें राष्ट्रीय वाटर अवार्ड के लिए इंदौर जिले का चयन

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(अपडेट) पांचवें राष्ट्रीय वाटर अवार्ड के लिए इंदौर जिले का चयन


- केन्द्र के अधिकारियों ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में किया कार्यस्थलों का सत्यापन

- जल संरक्षण के संबंध में जिले में किए गए कार्यों को सराहा

इंदौर, 16 मई (हि.स.)। केन्द्रीय शक्ति मंत्रालय द्वारा पांचवें राष्ट्रीय वाटर अवार्ड के लिए प्राप्त नामांकनों के परीक्षण उपरांत बेस्ट नॉमिनेशंस की शॉर्ट लिस्टिंग पश्चात वेस्टर्न जोन में तीन जिले ग्राउंड ट्रूथिंग के लिए चयनित हुए हैं, जिसमें मध्यप्रदेश के इंदौर एवं रतलाम तथा गुजरात का कच्छ जिला शामिल है।

दरअसल, भारत शासन के अधिकारियों का एक दल इन दिनों इंदौर जिले के प्रवास पर है। इस दल ने यहां प्रस्तुत नामांकन में उल्लेखित कार्यों का स्थल सत्यापन किया है। दल में केंद्रीय जल आयोग सीडब्ल्यूसी के सहायक संचालक सुनील शर्मा, केंद्रीय भूजल बोर्ड के सीनियर साइंटिस्ट चितरंजन बिस्वाल और भूवैज्ञानिक केएल प्रदीप शामिल हैं। अधिकारियों ने 15 मई को इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र एवं 16 मई को इंदौर शहर में जल संरक्षण एवं जल संबंधित कार्यों का स्थल निरीक्षण किया।

केन्द्रीय अधिकारियों के दल ने सर्वप्रथम ग्राम पंचायत जाम बुजुर्ग में सीरीज में निर्मित पांच चेक डैम एवं तीन तालाबों का निरीक्षण किया। सभी संरचनाओं में मई माह में भी पर्याप्त पानी है। ग्रामीण जन द्वारा दल को ग्राम में निर्मित संरचनाओं से मिलने वाले लाभ से अवगत कराया गया। दल ने जल संबंधित कार्यों से ग्रामों में किसानों द्वारा किए जा रहे सब्जी उत्पादन गतिविधि का निरीक्षण किया और जल संरक्षण हेतु निर्मित बोल्डर चेक गली प्लग, कन्टूर ट्रेंच आदि संरचनाएं भी देखी।

केन्द्रीय दल ने ग्राम पंचायत मलेंडी के ग्राम बढ़िया एवं मलेंडी में नखराली एवं लखेरी नदी पर श्रृंखला में निर्मित और जीर्णोद्धार किये गए चेकडैम के 12 कार्यों का अवलोकन किया। उक्त दोनों ग्रामों में चेक डैम निर्माण एवं जीर्णोद्धार के 12 कार्यों से पूरी नदी में पानी का प्रवाह आज भी जीवित है एवं कैचमेंट में किये गए जल संरक्षण के कारण नीचे बामणिया कुंड जलप्रपात में अभी भी पानी का झरना गिर रहा है।

केंद्रीय अधिकारियों ने ग्राम मैमंदी के बागोदा में नंदन फलोद्यान के कार्यों का निरीक्षण कर हितकारी से फलोद्यान के संबंध में जानकारी प्राप्त की। तत्पश्चात ग्राम सिमरोल के आईआईटी परिसर में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा निर्मित अमृत सरोवर एवं पुष्कर धरोहर तालाब का निरीक्षण किया। आईआईटी द्वारा अपने साधन से निर्मित दो अन्य तालाब को भी देखा गया। पठार पर अहिल्याकालीन बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्य का भी अवलोकन भ्रमण कर्ता दल द्वारा किया गया। दल के साथ इंदौर के जल संवर्धन विशेषज्ञ एमजी सुरेश, इंदौर जिला पंचायत के उपायुक्त अनिल पवार, सहायक यंत्री देवेंद्र अग्रवाल, हेमंत घोष, उपयंत्री प्रकाश पाटीदार भी उपस्थित थे।

आज 16 मई को केंद्र शासन के अधिकारियों ने इंदौर नगर निगम क्षेत्र में किए गए जल संरक्षण कार्यो का निरीक्षण किया, जिसमें सर्वप्रथम रेवती रेंज में बीएसएफ फायरिंग रेंज के अंदर निर्मित तीन जल संग्रहण और रिचार्ज पोंड देखे। तत्पश्चात कबीट खेड़ी एसटीपी प्लांट में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की टेक्नोलॉजी से कोबाल्ट आइसोटोप के रेडिएशन एक्स्पोज़र स्लज से ऑर्गेनिक खाद निर्माण की प्रक्रिया को भी देखा। एसटीपी से ट्रीटेड जल के पुनर्उपयोग हेतु नगर निगम द्वारा बिछाई गई पाइपलाइन नेटवर्क, जल वितरण हेतु हाइड्रेंट एवं पानी संग्रहण की ओएचटी टैंक का निरीक्षण भी दल ने किया।

दल ने अनुराधा नगर के बस्ती का भ्रमण कर प्रत्येक घर में किए गए रूपवाटर हार्वेस्टिंग कार्य एवं नगर निगम द्वारा भूजल के मापन के लिए स्थापित पिजोमीटर संयंत्र का भी अवलोकन किया। तेजाजी नगर बाईपास के समीप बिलावली तालाब की चैनल में किए गए ट्रेंचिंग कार्य को भी देखा। नगर निगम क्षेत्र में भ्रमण के दौरान इंचार्ज अभियंता आकाश जैन, सहायक यंत्री देवड़ा एवं नागरिक चैरिटेबल ट्रस्ट की जल संरक्षण कार्यो की पूरी टीम भी उपस्थित थी।

भ्रमण के पश्चात जिले के मूल्यांकनकर्ता दल द्वारा जिला पंचायत के सीईओ सिद्धार्थ जैन से भेंट कर उन्हें जिले के दो दिन में देखे गए कार्यों के संबंध में दल के ऑब्जरवेशन से अवगत कराया एवं जिले में जल संरक्षण के संबंध में किए गए कार्यों को उपयोगी बताया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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