भारतीय ज्ञान परम्परा समावेशी शिक्षा से भारत पुनः बनेगा विश्वगुरु: मंत्री परमार

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भारतीय ज्ञान परम्परा समावेशी शिक्षा से भारत पुनः बनेगा विश्वगुरु: मंत्री परमार


भारतीय ज्ञान परम्परा समावेशी शिक्षा से भारत पुनः बनेगा विश्वगुरु: मंत्री परमार


- भारत केंद्रित शिक्षा से ज्ञानमेव शक्ति का संकल्प होगा साकार : उच्च शिक्षा मंत्री

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 अंतर्गत भारतीय ज्ञान परम्परा-विविध संदर्भ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न

भोपाल, 28 फरवरी (हि.स.)। पहले समाज के परिप्रेक्ष्य में शिक्षा पर व्यापक चर्चा नहीं होती थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सृजन के बाद से इसके क्रियान्वयन के लिए व्यापक चर्चा और संवाद का क्रम जारी है। समूहबद्ध विचार-विमर्श से ठोस निष्कर्ष निकलता है। भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित व्यापक विचार मंथन, परतंत्रता के चिन्हों को समाप्त करने में अपनी उपयोगिता सिद्ध करेगा।

यह बात प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने बुधवार को स्वामी विवेकानंद सभागार, शासकीय सरोजिनी नायडू कन्या (स्वशासी) स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भोपाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 अंतर्गत 'भारतीय ज्ञान परम्परा-विविध संदर्भ' विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर कही। उन्होंने भारतीय ज्ञान परम्परा समावेशी शिक्षा के लिए हुए विचार विमर्श के परिप्रेक्ष्य में भारत केंद्रित शिक्षा पर अपने विचार रखे।

मंत्री परमार ने कहा कि कार्यशाला में दो दिवसों में हुए विमर्श से निकले निष्कर्ष से आगे का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा। भारतीय ज्ञान परंपरा के समावेश के साथ विषयवार पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि व्यापक विचार विमर्श रूपी यही नींव का पत्थर राष्ट्र के पुनर्निर्माण का आधार बनेगा। हम अपने गौरवशाली इतिहास और उपलब्धियों के आधार पर भारत केंद्रित शिक्षा का सृजन करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षा में हो रहे आमूलचूल परिवर्तन पर आने वाली पीढ़ी गर्व करेगी। हमारे प्रयासों और पूर्वजों की प्रेरणा से देश पुनः विश्वगुरु के परम वैभव को प्राप्त करेगा और ज्ञानमेव शक्ति का संकल्प साकार होगा।

उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्रकाशित स्नातक स्तरीय नवीन पुस्तकों परिव्यय लेखांकन (वाणिज्य समूह), निगमीय लेखांकन (वाणिज्य समूह), उद्यमिता विकास (आधार पाठ्यक्रम) एवं महिला सशक्तीकरण (आधार पाठ्यक्रम) का विमोचन भी किया।।

इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी, मप्र हिंदी ग्रंथ अकादमी के निदेशक अशोक कड़ेल, शिक्षाविद् प्रो. सदानंद सप्रे, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा केसी गुप्ता, उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी धीरेन्द्र शुक्ला एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरू सहित विद्वतजन उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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