जबलपुरः जैविक प्रमाणीकरण की तरफ किसानों का बढ़ रहा रुझान
जबलपुर, 04 जून (हि.स.)। मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी की जिला निरीक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी कृषि पाटन डॉ इंदिरा त्रिपाठी तथा परियोजना संचालक डॉ एस के निगम द्वारा संयुक्त रूप से आज मंगलवार को जैविक प्रमाणीकरण सी-2 सर्टिफिकेशन के लिए नेचुरल फॉर्म का निरीक्षण किया गया।
फॉर्म के ऑपरेटर नवीन बरसैया ने बताया कि विगत तीन वर्षों से उनके फॉर्म में जैविक खेती की जा रही है। फॉर्म में गेंहू की विलुप्त होती प्रजाति सोना मोती लगाई जाती है। जो डाइबिटीज के रोगियों के लिए लाभदायक है। उन्होंने बताया कि सोना मोती गेंहू ग्लूटीन फ्री होता है और फोलिक एसिड की प्रचुर मात्रा से युक्त होता है। उन्होंने बताया कि सोना मोती गेहूं का इस वर्ष 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से विक्रय किया है।
मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी से इस वर्ष 3 किसानों का सी-2 सर्टिफिकेशन एवं 3 किसानों का सी-1 सर्टिफिकेशन हो चुका है। साथ ही 12 किसानों का जैविक प्रमाणीकरण भी पूर्ण हो चुका है। जिले के किसानों में जैविक प्रमाणीकरण की बढ़ती जागरूकता को देखते हुए पंजीयन की प्रक्रिया भी कराई जा रही है। जैविक प्रमाणीकरण कराने हेतु इच्छुक किसान परियोजना संचालक आत्मा एवं अनुविभागीय अधिकारी कृषि पाटन एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास के कार्यालयों में संपर्क कर सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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