बुंदेलखंड में आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं
एसीएस दुबे ने आरआईसी सागर में आईटी सेक्टर में निवेश की संभावनाओं पर दिया प्रेजेंटेशन
भोपाल, 27 सितंबर (हि.स.)। अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग संजय दुबे ने शुक्रवार काे रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव, सागर में विभाग की नीतियों एवं निवेश अवसरों पर प्रस्तुतीकरण दिया। एसीएस दुबे ने कहा कि किसी भी राज्य की प्रगति इस बात पर निर्भर करेगी कि वहां आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम सेक्टर में किस प्रकार का निवेश आ रहा है। भविष्य में देश की प्रगति मेट्रो शहरों से नहीं बल्कि छोटे 2 टियर एवं 3 टियर शहरों से तय होगी। मध्यप्रदेश में आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं हैं।
एसीएस दुबे ने कहा कि मध्यप्रदेश में उन्नत तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र, उद्यमशीलता की संस्कृति है। राज्य सरकार औद्योगिक इकाइयों को सहायता प्रदान करती है। प्रदेश में अधोसंरचना एवं कनेक्टिविटी बेहतर है, तकनीकी रूप से कुशल श्रमिक उपलब्ध हैं । वर्तमान में प्रदेश में 2 हजार से अधिक आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम इकाइयां कार्यरत हैं, जिनमें भोपाल, इंदौर एवं ग्वालियर जैसे शहरों में एमपीएसईडीसी में पंजीकृत 650 इकाइयां हैं, जिन्हें राज्य की नीतियों का लाभ मिला है। इन इकाइयों का टर्न ओवर 10 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष से अधिक है। देश की 50 से अधिक बड़ी आईटी एवं आईटीईएस इकाइयां मध्यप्रदेश में स्थापित हैं। प्रदेश से हर वर्ष 500 मिलियन डॉलर का निर्यात आईटी से जुड़ी कंपनियों के माध्यम से होता है। राज्य में 5 आईटी स्पेशल इकोनॉमिक जोन हैं। राज्य सरकार द्वारा 15 आईटी पार्क बनाए गए हैं। इनसे डेढ़ लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
एसीएस दुबे ने कहा कि प्रदेश में 300 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित हैं। इंदौर में आईआईटी और आईआईएम दोनों स्थापित हैं। ग्वालियर में आईआईआईटी, जबलपुर में आईआईटीडीएम, भोपाल में एम्स सहित कई राष्ट्रीय स्तर के संस्थान म.प्र. में संचालित हैं। उन्होंने कहा कि ग्वालियर के एक छोटे से स्टार्ट-अप के उद्यमी अनूप राठौर ने ड्रोन मोटर बनाई है। वर्तमान में ड्रोन मोटर चीन से निर्यात की जाती है, जिसकी कीमत करीब 20 हजार रुपए है। श्री राठौर द्वारा बनाई गई ड्रोन मोटर की कीमत 1500 रुपए है। प्रदेश में ऐसी विशेष क्षमता वाले उद्यमी हैं।
मध्यप्रदेश आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम 2023 नीति और स्टार्टअप नीतियों से इन क्षेत्रों के उद्यमियों को कई सुविधाएं मिलती हैं। इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर है और भोपाल देश की स्वच्छता राजधानी है। संपूर्ण स्वच्छता में मध्य प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। राज्य में प्रदूषण का स्तर भी कम है, जिसके कारण यह व्यापार करने में आसानी और कार्य-जीवन संतुलन के लिए बेहतर स्थान है। राज्य में 1200 से अधिक तकनीकी स्टार्ट-अप स्थापित हैं, जिनमें से दो नीव क्लाउड और शॉप किराना यूनिकॉर्न कंपनी हैं।
आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम निवेश प्रोत्साहन नीति 2023 की मुख्य बातें
दुबे ने कहा कि नीति में फिस्कल इंसेंटिव, नॉन फिसकल इंसेंटिव, डेवलपर इंसेंटिव, रेंटल इंसेंटिज और भूमि संबंधी लाभ शामिल हैं। एमपी में निवेश पर भूमिका के माध्यम से समझें यदि निवेश 200 करोड़ रुपये से अधिक है तो मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई जो अतिरिक्त लाभ दिलाने के संबध में निर्णय लेती है।
सागर-बुंदेलखंड क्यों महत्वपूर्ण है
मध्यप्रदेश से कुल 40 राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं, जो देश के किसी भी कोने तक आसान पहुंच प्रदान करते हैं। इनमें से सागर से 3 प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं, जो परिवहन की सुविधा प्रदान करते हैं। प्रदेश में 7 एयरपोर्ट हैं। आईटी/आईटीईएस/बीपीओ स्थापित करने के लिए सागर सबसे उपयुक्त स्थान है। यहां कई ऑडियो-विजुअल, एनिमेशन और गेमिंग कंपनियां काम कर रही हैं। ईएसडीएम की दृष्टि से सागर डिफेंस कॉरिडोर के पास स्थित है, जहां पीसीबी चिप्स के निर्माण में उपयोगिता है। यह स्थान डाटा सेंटर स्थापित करने के लिए सबसे उपयुक्त है। सागर स्मार्ट सिटी ने नए स्टार्टअप की सुविधा के लिए स्टार्टअप पार्क भी बनाया है। उन्होंने कहा कि निवेशक सागर-बुंदेलखंड क्षेत्र में निवेश करने पर गंभीरता से विचार करे और देश के विकास में अपना योगदान दें।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे
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