भगवान श्रीकृष्ण का आदर्श जीवन हर युग में प्रासंगिक और प्रेरणादायीः राज्यमंत्री पटेल
- जिला जेल में स्वास्थ्य राज्यमंत्री के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ जनमाष्टमी पर्व कार्यक्रम
रायसेन, 26 अगस्त (हि.स.)। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने हमे धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। हमारा सनातन धर्म अद्भुत है। धर्म की रक्षा और अधर्मियों का नाश करने स्वयं भगवान को श्रीकृष्ण स्वरूप में पृथ्वी पर आना पड़ा। उन्होंने संसार को पाप, अधर्म, अत्याचार से मुक्त कर धर्म की स्थापना की। नन्हे कान्हा से योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण बनने के लिए घनश्याम श्रीकृष्ण को मनुष्य की भांति जीवन की अनेक बाधाएं, संघर्ष, दुःख, कष्ट, अपमान तथा पीड़ाओं को सहन करना पड़ा। भगवान श्रीकृष्ण ने संसार को फल की इच्छा छोड़कर केवल अच्छे कर्म कर स्वयं पर विश्वास करने की शिक्षा दी। संसार को भगवान श्रीकृष्ण से मित्रता की जो शिक्षा मिली, वह अनुकरणीय है। उनका आदर्श जीवन हर युग में प्रासंगिक और प्रेरणादायी है।
राज्यमंत्री पटेल सोमवार को जन्माष्टमी पर्व पर रायसेन में ग्राम पठारी स्थित जिला जेल में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष यशवंत मीणा, नगर पालिका अध्यक्ष सविता सेन, कलेक्टर अरिवंद दुबे, पुलिस अधीक्षक पंकज पाण्डे तथा जेलर रामकृष्ण चौरे भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इसके उपरांत भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना तथा आरती की गई।
इस अवसर पर राज्यमंत्री पटेल ने बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि जेल में जो बंद लोग हैं, वह हमारे ही परिवार के सदस्य हैं, समाज का हिस्सा हैं। वह किसी संगति की वजह से, किसी घटना-दुर्घटना की वजह से, कानून का उल्लंघन करने की वजह से जेल में हैं। जेल में बंद, कैदी रिहा होने के बाद समाज में जैसे आम नागरिक अपना जीवन जीते हैं, वैसे ही अपना जीवन यापन करें। उन्होंने कहा कि कैदियों को जेल में सुधरने के लिए बंद किया जाता है। वह सजा पूरी करने के बाद समाज में साथ आकर सम्मिलित हो सकें, ऐसा ना लगे कि वह समाज से कट गए हैं। इसके लिए सरकार द्वारा काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा है कि जेल में बंद नागरिकों को बंदी की तरह ना देखा जाए, उन्हें समाज के अंग के रूप में देखकर सुधारात्मक प्रयास किए जाएं। इसके लिए केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय ने मॉडल प्रिजर्व एक्ट 2023 बनाया है, प्रारूप तैयार किया। जिसके अनुरूप मध्यप्रदेश में सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदी गृह विधेयक-2024 विधानसभा से पारित हो गया है। इसके अनेकों ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिनके माध्यम से जेलों में बंद विचाराधीन एवं सजायाफ्ता कैदियों को सुधार कर समाज में पुनर्वासित कर सकते हैं। इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्हें योग, प्राणायाम सिखाने के साथ ही कौशन उन्नयन, रोजगार से जोड़ने के लिए काम किए जाएंगे।
बंदियों द्वारा दी गई भजन और नाटक की प्रस्तुति
कार्यक्रम के प्रारंभ में बंदियों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति करते हुए भजनों की प्रस्तुति दी गई। इसके उपरांत बंदियों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। अतिथियों द्वारा तालियों के साथ बंदियों का उत्साहवर्धन किया गया।
जेल परिसर में किया गया पौधरोपण
कार्यक्रम उपरांत स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष यशवंत मीणा, नगर पालिका अध्यक्ष सविता सेन, कलेक्टर अरविंद दुबे, पुलिस अधीक्षक पंकज पाण्डे तथा जेलर रामकृष्ण चौरे द्वारा पौधरोपण भी किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / नेहा पांडे
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