राजगढ़ः बिना जांच महिलाओं के लगाए बेहोशी के इंजेक्शन, आपरेशन से इंकार करने पर परिजनों ने रोकी चिकित्सक की कार
राजगढ़, 29 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में सिविल अस्पताल ब्यावरा में सोमवार को महिलाओं को नसबंदी आपरेशन के लिए बुलाया गया, जहां स्टाफ द्वारा हीमोग्लोबिन, हेपेटाइटिस, एचआईवी की जांच किए बिना बेहोशी का फोर्टविन इंजेक्शन लगा दिया गया,जिससे महिलाओं को बेहोशी, उल्टी और चक्कर आने लगे। नसबंदी आपरेशन करने पहुंचे नरसिंहगढ़ के डाॅ. गौरव त्रिपाठी को यह बात पता लगी कि बिना जांए किए इंजेक्शन लगाए गए है तो वह आपरेशन करने से इंकार करते हुए जाने लगे। इस पर महिलाओं के परिजनों ने विरोध प्रदर्शन कर दिया साथ ही चिकित्सक की कार रोक कर अस्पताल के दोनों तरफ के गेट बंद कर दिए। सूचना मिलते ही अस्पताल अधीक्षक डाॅ.सौरिन दत्ता सहित अन्य स्टाफ अस्पताल पहुंचा, जहां महिलाओं की जांच कर आॅपरेशन शुरु किए गए।
सीबीएमओ डाॅ.जलालुद्दीन शेख का कहना है कि महिलाओं की जांच की जिम्मेदारी बीई की रहती है। मामले में लापरवाही के लिए जिम्मेदार बीई उषा शर्मा सहित अन्य स्टाफ की जांच की जा रही है। नसंबदी आपरेशन के दौरान जिन कर्मचारियों ने लापरवाही की है, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बताया गया है कि अस्पताल में नसबंदी आपरेशन के लिए आने वाली महिलाओं की जांच की जिम्मेदारी बीई की रहती है, वह महिलाओं की हेपेटाइटस, हिमोग्लोबिन सहित अन्य जांच के बाद रिपोर्ट फाइल को आपरेशन थियेटर में भेजती है, जहां स्टाफ द्वारा महिलाओं को बेहोशी का फोर्टविन इंजेक्शन लगाया जाता है, इसके बाद डाॅ. गौरव त्रिपाठी द्वारा रिपोर्ट देखने के बाद आॅपरेशन शुरु किए जाते है, लेकिन सोमवार को बिना जांच के ही महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया गया। खाली पेट होने की वजह से कई महिलाओं को उल्टियां होने लगी। इसके बाद आॅपरेशन नही होने पर महिलाओं के परिजनों ने विरोध प्रदर्शन कर दिया और चिकित्सक गौरव त्रिपाठी के वाहन को रोक लिया।
बतादें कि प्रति सोमवार को सिविल अस्पताल में 30 महिलाओं के नसबंदी आपरेशन करने का नियम है। महिलाओं का कहना है कि पिछले दो से तीन सप्ताह से परेशान हो रहे है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मनोज पाठक

